महादेव सट्टा ऐप मामले में बर्खास्त आरक्षक सहदेव सिंह यादव से सनसनीखेज खुलासा…..पूछताछ में उगले 31 पुलिस अधिकारी व कर्मचारियों के नाम…..अपने बिरादरी वालों पर कार्रवाई करने की सोंच पुलिस अधिकारियों के हाथ पांव फूले….

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भिलाईनगर  19 जुलाई 2024:- महादेव सट्टा ऐप मामले में गिरफ्तारी के बाद बर्खास्त पुलिस आरक्षक सहदेव सिंह यादव से सनसनीखेज खुलासा होने की चर्चा है। पूछताछ में सहदेव ने 31 पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों के नाम उगले है। उसने कहा है कि जिन अधिकारी और कर्मचारियों के नाम वह बता रहा है उनकी महादेव सट्टा ऐप में संलिप्तता रही है।

अब पुलिस के आला अधिकारी अपने बिरादरी वालों पर कार्रवाई को लेकर पेशोपेश में पड़ गए हैं। वहीं सवाल खड़ा हो गया है कि क्या जिस तरीके से सहदेव सिंह यादव की बर्खास्तगी हुई है वैसे ही उसके बताए गए नाम के आधार पर पुलिस के अधिकारी व कर्मचारियों पर अनुशासन का डंडा चल पाएगा।


महादेव सट्टा ऐप मामले में गिरफ्तार आरक्षक सहदेव सिंह यादव से पूछताछ कर रही  EOW पुलिस के सामने उहापोह की स्थिति बन गई है। बताते हैं कि सहदेव ने 31 पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों के नाम बताएं हैं जिनकी महादेव सट्टा ऐप में संलिप्तता रही है।

इसमें दुर्ग जिले में पूर्व में पदस्थ वरिष्ठ डीएसपी रैंक का एक बहुचर्चित वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मैं खुलकर महादेव ऐप में अपनी भागीदारी निभाई है वर्दी की आड़ में लाखों रुपए का वारा न्यारा करने वाले इस वरिष्ठ अधिकारी ने महादेव मामले में लेनदेन करने के लिए किसी को भी नहीं बक्शा है लाखों रुपए की उगाही की है बताया जाता कि इस अधिकारी ने अपनी धर्मपत्नी के मार्फत लाखों रुपए सोना में इन्वेस्टमेंट किया है इसी प्रकार से  सुपेला रेंज में पदस्थ रहे  निरीक्षक भी अपने दम खम पर पैनल चलाया है इस निरीक्षक ने प्रमुख रूप से शामिल है। इस निरीक्षक के विषय में बताया जाता है कि यह रात्रि के समय थाने में ही टेबल पर बैठकर जाम टकराता था

इसके अलावा सुपेला, स्मृति नगर, वैशाली नगर और एसीसीयू साइबर में पदस्थ रहे कुछ प्रधान आरक्षक और आरक्षक के नाम का भी खुलासा सहदेव  सिंह यादव से पूछताछ में हुआ है। सशस्त्र बल के 1-2 आरक्षक के नाम भी सामने आ रहे हैं। ACCU में तैनात दो – दो विवादास्पद आरक्षक जो की अपने भतीजे के मार्फत महादेव का पैनल चला रहे हैं बताया जाता है कि इनका पैनल राउरकेला क्षेत्र में संचालित है

जब कभी भी इन्हें लगा कि इनके अड्डा पर छपा पड़ेगा इन्होंने पूर्व से ही मुखबिरी करके लड़कों को गायब कर देते हैं इन आरक्षकों ने वर्दी की आड़ में पैनल चलाने वालों से लाखों रुपए की वसूली की है इन आरक्षको ने कोहका क्षेत्र में संयुक्त रूप से जमीन खरीद कर होटल का संचालन कर रहे हैं इस होटल में जिस्मफरोशी का धंधा  संचालित हो रहा है किंतु वर्दी होने की वजह से कोई भी इनकी शिकायत नहीं कर पा रहा है जो भी व्यक्ति हिम्मत करता है कि उनके खिलाफ कुछ कहे वे लोग अपनी वर्दी  की आड़ में उसे व्यक्ति को डरा कर चुप करा देते हैं

अब सवाल उठ रहा है कि पुलिस के आला अधिकारी क्या इन 31 अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई करेंगे। वैसे महादेव सट्टा ऐप में संलिप्तता नजर आने के बाद एसीसीयू में पदस्थ रहे प्रधान आरक्षक और आरक्षकों को विभिन्न थानों में पदस्थ करने तबादला आदेश जारी किया गया है, तबादला आदेश के बावजूद  कुछ प्रधान आरक्षक और आरक्षक अभी भी एसीसीयू में बने हुए हैं। यह भी अपने आप में जांच का विषय है।


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