द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) के भिलाई स्थानीय केंद्र एवं कृष्णा इंजीनियरिंग कॉलेज , भिलाई द्वारा शनिवार 26 अप्रैल, 2025 को एक तकनीकी परिचर्चा का आयोजन किया गया| प्रस्तुतीकरण का विषय था “ नवा रायपुर की योजना एवं अधोसंरचना – एक रोल मॉडल “।

भिलाई नगर 30 अप्रैल 2025:- द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) के भिलाई स्थानीय केंद्र एवं कृष्णा इंजीनियरिंग कॉलेज , भिलाई द्वारा शनिवार 26 अप्रैल, 2025 को एक तकनीकी परिचर्चा का आयोजन किया गया| प्रस्तुतीकरण का विषय था “ नवा रायपुर की योजना एवं अधोसंरचना – एक रोल मॉडल “।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में धनंजय देवांगन, आई ए एस , सदस्य , रेरा , रायपुर, विशिष्ट अतिथि एवं मुख्य वक्ता के रूप में श्री सलिल राय श्रीवास्तव, प्रमुख अभियंता, नवा रायपुर विकास प्राधिकरण एवं विशेष अतिथि के रूप में डॉ. अंकित अरोरा (कुल सचिव, सीएसवीटीयू, भिलाई) उपस्थित थे|

मुख्य अतिथि धनंजय देवांगन, आई ए एस , ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारत में सिंधु घाटी की सभ्यता के समय से ही बसाहट को योजनागत रूप से किया जाता था और उस काल में टाउन प्लानिंग बहुत ही उत्कृष्ट थी। उन्होंने कहा कि बाद में भारत गाँवों में विकसित हुआ और तब भी प्राचीन ग्राम सुव्यवस्थित थे| श्री देवांगन ने कहा कि बाद के विकास क्रम में ग्रामीण क्षेत्रों से प्लानिंग हटा दी गई क्योंकि लोग छोटे-छोटे गांव में रहने लगे| उन्होंने कहा की इसके पश्चात् कि विकास यात्रा में शहरों में भी टाउन प्लानिंग को उपेक्षित कर दिया गया जिसका नतीजा बड़े बड़े शहरों में भी संकुचित गलियां हैं | श्री देवांगन ने कहा कि मेरी जानकारी के अनुसार आज सिविल इंजीनियरिंग के पाठ्यक्रम से भी टाउन प्लानिंग विषय को हटा दिया गया है जो गंभीर चिंता का विषय है | उन्होंने कहा कि सही मायने में देखा जाए तो अविभाजित मध्यप्रदेश में भिलाई की बसाहट योजनाबद्ध तरीके से हुई है और जगदलपुर शहर कुछ मानकों में योजनाबद्ध विकास को प्रतिबिंबित करता है | श्री देवांगन ने कहा कि छत्तीसगढ़ कि स्थापना के पश्चात् नवा रायपुर एक योजनागत तरीके से विकसित हो रहा है जो भविष्य में भारत का एक बेहतरीन शहर होगा।

विशिष्ट अतिथि एवं मुख्य वक्ता सलिल राय श्रीवास्तव, प्रमुख अभियंता, नवा रायपुर विकास प्राधिकरण ने पावर प्वाइंट प्रस्तुतीकरण के माध्यम से एक “मॉडल प्लांड सिटी ” में किए जाने वाले सभी कार्यों से विद्यार्थियों को अवगत कराया। श्री श्रीवास्तव ने बताया कि नवा रायपुर में ट्रांजिट आधारित विकास को प्रमुखता दी गई है जिसमें आवासीय, वाणिज्यिक और अन्य सुविधाएं ट्रांजिट स्टेशन के करीब हों जिससे लोग आसानी से इन सभी इकाइयों तक पहुँच सकें | उन्होंने बताया कि नवा रायपुर में सौर उर्जा को भी प्रथमिकता दी जा रही है तथा अंडरग्राउंड सीवरेज सिस्टम के पानी को एस टी पी में उपचार के पश्चात् बागवानी एवं ग्रीन एरिया को बनाए रखने में उपयोग किया जा रहा है |

श्रीवास्तव ने बताया कि नवा रायपुर में आई टी कंपनी के विकास हेतु अनुकूल वातावरण है और अभी कुछ इकाइयों को स्थान भी प्रदान किया गया है जिसमे वर्तमान में लोगों को रोजगार भी मिल रहा है | उन्होंने बताया कि “नवा रायपुर में मॉडल टाउन की प्लानिंग” के सभी विश्वस्तरीय मानदंडों को अपनाने का प्रयास किया गया है | इस अवसर पर उन्होंने उपस्थित श्रोताओं और छात्रों के प्रश्नों का समाधान भी किया।
विशेष अतिथि, डॉ. अंकित अरोरा (कुल सचिव, सीएसवीटीयू, भिलाई) ने अपने छात्र जीवन के बारे में इंजीनियरिंग विद्यार्थियों को अपना अनुभव बताया और कहा कि कैसे विद्यार्थी पहले से ही तैयारी कर, अपने कार्य क्षेत्र की जानकारी लेकर अपने भविष्य को संवार सकते हैं।

द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) की भिलाई शाखा के अध्यक्ष पुनीत चौबे ने इंजीनियरिंग समुदाय एवं राष्ट्र के विकास में द इंस्टिट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स द्वारा तकनीकी ज्ञान के आदान प्रदान के माध्यम से किये गए योगदान को विद्यार्थियो से साझा किया।
संस्था के चेयरमेन आनंद कुमार त्रिपाठी ने श्री त्रिपाठी ने कहा कि नवा रायपुर के विकास में के.पी.एस ग्रुप ने भी योगदान दिया है| उन्होंने कहा कि नवा रायपुर में प्रथम स्कूल के.पी.एस. ग्रुप का है जो कि अंतर राष्ट्रीय मापदंडों पर बना है |
कृष्णा इंजीनियरिंग कॉलेज के डायरेक्टर डॉ. वाय. आर. कटरे ने गीता के श्लोक के माध्यम से सभी विद्यार्थियों को अपने छात्र जीवन में हमेशा आगे बढ़ने एवं अपने कौशल क्षमता को बढ़ाते रहने के लिए उन्हें प्रेरित किया।
कार्यक्रम में शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय की प्राध्यापक डा श्वेता चौबे , द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) की भिलाई शाखा के पूर्व अध्यक्ष बी पी यादव, शिखर तिवारी, संस्था के प्राचार्य अजय तिवारी , उप प्राचार्य रविन्द्र शर्मा , इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) की भिलाई शाखा के सदस्य, महाविद्यालय के संकाय सदस्य और छात्र उपस्थित थे।





