श्री शंकराचार्य महाविद्यालय के 27 वें स्थापना दिवस के अवसर पर त्रि-दिवसीय कार्यक्रम….

IMG_20230707_171333.jpg

भिलाई नगर 7 जुलाई 2023 :- श्री शंकराचार्य महाविद्यालय के स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला में 4 जुलाई को महाविद्यालय परिवार द्वारा दुर्ग जिले के ख्यातिलब्ध पशु-पक्षी संरक्षक तथा पर्यावरण विद कांति भाई पारख के निवास स्थान दीपक नगर, दुर्ग में प्रातः महाविद्यालय प्रेरणा शिक्षक संघ द्वारा इनका सम्मान किया गया। पारख दीन दुखियों के साथ बेजुबान पशु पक्षियों की सेवा करना अपना धर्म मानते हैं। 400 से 500 जंगली चील कौंआ, कबूतर इनके निवास स्थान पर आते हैं। जंगली चील मांसाहारी होते हुए भी शाकाहारी गाठिया, फाफड़ा, चिवड़ा बहुत ही चाव से खाते हैं। पारख जी ने चर्चा के दौरान बताया कि यह रोज का दिनचर्या है। किसी दिन प्रातःकाल अगर देर हो जाती है या नहीं रहते तो पक्षी प्रातःकाल छत पर शोर मचाते हैं। ऐसी स्थिति में उनके परिवार के सदस्य इस पुण्यकार्य में इनका सहयोग करते हुए उन्हें उस दिन दाना खिलाते हैं। यह सिलसिला विगत कई वर्षों से निरंतर चला आ रहा है।

पारख के इस पुनीत कार्यों के लिए महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. अर्चना झा, डीन ( अकादमिक) जे. दुर्गा प्रसाद राव ने पौधा और श्रीफल भेंटकर इनका सम्मान महाविद्यालय प्राध्यापकों एवं कर्मचारियों की उपस्थिति में किया और उन्हें अपनी शुभकामनाएं दी।

इसी श्रृंखला में छत्तीसगढ़ एनीमल सेवियर सोसाइटी सेक्टर-1, भिलाई द्वारा चलाए जा रहे डॉग शेल्टर हाऊस का प्रेरणा शिक्षक संघ के सदस्यों द्वारा डॉग शेल्टर हाऊस गए जहां संरक्षित किए जा रहे विकलांग एवं विभिन्न बिमारियों तथा दुर्घटनाग्रस्त कुत्ते एवं गायों का ईलाज कर सेवाभाव से इनका देखरेख किया जाता है। छत्तीसगढ़ एनीमल सेवियर ने छत्तीसगढ़ के लगभग 900 जानवरों को बचाया है एवं 1050 से अधिक कुत्तों की नसबंदी भी की है। कोरोनाकाल में लाकडाउन के दौरान प्रतिदिन लगभग 750 कुत्तो को भोजन भी उपलब्ध कराया है। वर्तमान में 77 कुत्तो को आश्रय दे रहें है। युवाओं द्वारा संचालित डॉग शेल्टर की अध्यक्ष डॉ. अंजली सिंह एवं सचिव अमित चौधरी ने बताया कि इनमें से कुछ डॉग कैंसर से पीड़ित है जिनका कीमोथेरेपी भी चल रहा है।

प्रेरणा शिक्षक संघ के सदस्यों ने पशु-पक्षी के संरक्षण व युवाओं के उत्साहवर्धन के उद्देश्य से उक्त सोसायटी को 5000 रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान की एवं उक्त पुनीत कार्य में लगे हुए सोसायटी के सदस्यों एवं युवाओं के कार्यों की प्रशंसा की। उक्त युवावर्ग, समाज के अन्य युवाओं के लिए प्रेरणादायी स्वरूप हैं ।

इस शुभ अवसर पर 5 जुलाई को माँ भगवती राजराजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी ललीताम्बा मंदिर में माता जी का पूजन अर्चन श्री गंगाजली शिक्षण समिति के चेयरमेन आई.पी. मिश्रा एवं महाविद्यालय के समस्त शैक्षणिक एवं गैर- शैक्षणिक कर्मचारियों ने माता का अर्चन किया तत्पश्चात महाप्रसाद का वितरण किया गया।

6 जुलाई को प्रेरणा शिक्षक संघ द्वारा गोद ग्राम खपरी के आंगनबाडी के बालक बालिकाओं का विद्या आरंभ संस्कार का आयोजन किया गया।

श्रीमती रामकुंवर साहू एवं गोपाल प्रसाद सोनी गायत्री शक्तिपीठ संतरा बाड़ी स्टेशन रोड दुर्ग के मार्गदर्शन में 28 बच्चों का विद्यारंभ संस्कार किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के डीन (अकादमिक) संरक्षक प्रेरणा शिक्षक संघ डॉ. जे दुर्गा प्रसाद राव, प्राचार्य एवं अध्यक्ष प्रेरणा शिक्षक संघ डॉ अर्चना झा, ग्राम खपरी के सरपंच हीरामन बंजारे, आंगनबाडी की कार्यकर्ता श्रीमती बीनू विश्वकर्मा के कर कमलों से स्लेट, कलम, खाद्यान्न का वितरण किया गया।

अपने उद्बोधन में संरक्षक डॉ. जे दुर्गा प्रसाद राव ने कहा कि भारतीय संस्कृति में 16 संस्कार किए जाते हैं। जिसमें विद्यारंभ संस्कार अत्यंत ही महत्वपूर्ण संस्कार है। समय के साथ साथ हम इन संस्कारों को भूलते जा रहे जिसे संरभित करना अत्यंत ही आवश्यक है।

अध्यक्ष प्रेरणा शिक्षक संघ डॉ अर्चना झा अपने उद्बोधन में कहा कि वेद मंत्रों के साथ जब बच्चों को संस्कारित किया जाता है तब वे समस्त विकारों से दूर सदमार्ग पर अग्रसर होते हैं। संस्कारों का हमारे जीवन मे बहुत महत्व होता है। अतः हमारे ऋषि-मुनियों ने आयु और समय के अनुसार अलग-अलग संस्कार बच्चों के दिए जाते हैं।

ग्राम खपरी के सरपंच हीरामन बंजारे ने अपने उद्बोधन में कहा कि बिना संस्कारों के जीवन पशु के समान है। अतः बच्चों को संस्कारवान बनाना अत्यंत आवश्यक है । इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापकगण, बच्चों के माता-पिता एवं ग्रामवासी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे ।


scroll to top