भिलाई भाजपा में एक बार फिर उठने लगा गुटबाजी का बवंडर…
00 निर्गुट जिला अध्यक्ष बनाने के बावजूद नजर आ रहा पुराना ढर्रा
00 चर्चे में पश्चिम और चरोदा मंडल कार्यकारिणी को शून्य घोषित करने का मामला….

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भिलाई नगर 13 मार्च 2023 / भारतीय जनता पार्टी भिलाई जिला में गुटबाजी खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही बृजेश बिचपुरिया के अध्यक्ष बनने के बाद भिलाई भाजपा में गुटबाजी खत्म होने के बजाय और बढ़ गई है बताया जाता है कि बृजेश बिचपुरिया पदाधिकारियों के मनोनीत में वरिष्ठ भाजपा नेताओं को दरकिनार आकर अपनी जिद में पिटे-पिटाये मोहरो को कार्यकारिणी में स्थान देकर चलाना चाहते हैं बताया जाता है कि बृजेश बिचपुरिया के अध्यक्ष बनने के उपरांत भाजपा में गुटबाजी खत्म होने के बजाय पूर्व की अपेक्षा और ज्यादा बढ़ गई है भारतीय जनता पार्टी में एक बार फिर गुटबाजी उभरने लगी है। इस बार चर्चा भिलाई जिला संगठन को विश्वास में लिए बगैर पश्चिम और चरोदा मंडल की कार्यकारिणी के विस्तार की है। भले ही इस नई कार्यकारिणी को जिलाध्यक्ष बृजेश बिचपुरिया ने तत्काल शून्य घोषित कर दिया है, लेकिन खेमेबाजी में उलझी भाजपा में इसे गुटीय वर्चस्व की होड़ के तौर पर देखा जा रहा है।

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भिलाई जिला भाजपा में एक बार फिर गुटबाजी का बवंडर उठने लगा है। पश्चिम और चरोदा मंडल अध्यक्षों द्वारा घोषित कार्यकारिणी को शून्य घोषित करने से इस बात को बल मिल रहा है। संगठन के गुटबाजी से तंग आकर ब्रजेश बिचपुरिया के रूप में निर्गुट जिला अध्यक्ष बनाने का निर्णय भी कारगार होता नहीं दिख रहा है। इस बीच पश्चिम मंडल के अध्यक्ष ने यह बयान देकर गुटबाजी को हवा दे दिया है कि उसने जिला अध्यक्ष को सूची दिखाकर उनकी सलाह पर संशोधन कर पदाधिकारियों की घोषणा की है।

सरोज पांडे समर्थक सुषमा प्रेम प्रकाश गुट से तिलक रा

सरोज से नजदीकी रही है सुषमा की पिछले लगभग दो दशक से भिलाई जिला संगठन में कभी प्रेम प्रकाश पांडेय तो कभी सरोज पांडेय खेमे का वर्चस्व रहा है। बढ़ती गुटबाजी को देखते हुए इस बार शीर्ष संगठन ने बृजेश बिचपुरिया को जिले का नेतृत्व सौंपा। तब से बिचपुरिया सभी नेताओं को साथ लेकर चलने की लोगों को दिखाने की नौटंकी कर रहे थे जबकि उन्होंने अध्यक्ष बनते ही अपना एक गुट विशेष तैयार कर लिया , लेकिन अब मंडल कार्यकारिणी को लेकर उपजे विवाद ने खेमेबाजी को एक बार फिर हवा दे दी है। हालांकि दोनों ही मंडल अध्यक्षों की घोषणा स्वयं बिचपुरिया ने अपनी ही मर्जी से की थी। पहली बार मंडल का नेतृत्व महिला कार्यकर्ता को सौंपने से उनकी वाहवाही भी हुई थी, लेकिन अब दोनों मंडल अध्यक्षों के कार्य से नाखुश बिचपुरिया ने अनुशासनात्मक कार्रवाई तक की चेतावनी दे डाली है। बता दें कि तिलक राज, प्रेम प्रकाश पांडेय गुट से जुड़े रहे हैं। वहीं सुषमा की सरोज पांडेय खेमे से नजदीकी रही है।

भाजपा की विचारधारा मेरे रग-रग में, प्रेम प्रकाश ही मेरा नेता: तिलक राज

तिलक राज का कहना है कि जिलाध्यक्ष के निवास पर ही संदीप शर्मा से कार्यकारिणी को लेकर चर्चा हुई थी। बाद में जिलाध्यक्ष से मेरी दो बार और बात हुई। उपाध्यक्ष राजीव जैन का नाम मैंने उनके ही कहने पर जोड़ा था। अब वे कैसे बिना सहमति के कार्यकारिणी घोषित करने की बात कह रहे हैं, मेरी समझ से परे है। जहां तक गुट विशेष से जुड़े होने की बात है तो भाजपा का समर्पित कार्यकर्ता हूं। पार्टी की विचारधारा मेरे रग-रग में है, लेकिन हां, काम करने का जुनून मुझे मेरे नेता प्रेमप्रकाश पांडेय को देखकर मिलता है ये सच्चाई है। बाकी आगे संगठन का जैसा निर्देश होगा पालन करूंगा।

भारतीय जनता पार्टी भिलाई जिला में नए अध्यक्ष बनने के बाद गुटबाजी खत्म होने की वजह और बढ़ गई है दावा किया गया था कि बृजेश बिचपुरिया के जिला अध्यक्ष बनते ही भाजपा में लंबे समय से चली आ रही गुटबाजी खत्म हो जाएगी जिसका संकेत आने वाले समय में नहीं नजर आ रहा है गुटबाजी खत्म होता तो दूर बृजेश बिचपुरिया बीजेपी अध्यक्ष बनते ही भाजपा पूरी तरह गुटबाजी में सिमट के रह गई है दावा किया गया था कि भिलाई में नए जिला अध्यक्ष बनने के बाद गुटबाजी खत्म हो जाएगी। मिशन 2023 तहत सब कुछ नया होगा।

प्रदेश संगठन भिलाई को लेकर बेहद गंभीर है, पर चार महीने में सब तार तार होता दिख रहा है। संगठन में गुटबाजी सतह पर है। जिला कार्यकारिणी को लेकर पहले ही बवाल मचा था। बवाल थमा नहीं कि था कि भिलाई जिला भाजयुमो को लेकर कुछ दिन बवाल चला। अब नया बखेड़ा पश्चिम मंडल व चरोदा मंडल को लेकर खड़ा हो गया। आरोप है कि दोनों ही मंडलों में संगठन को विश्वास में लिए बिना कार्यकारिणी घोषित कर दी गई। प्रदेश संगठन से शिकायत के बाद दोनों मंडलों की कार्यकारिणी शून्य घोषित कर दी गई है।

बता दें कि मिशन 2023 की तैयारी में लगी भाजपा भिलाई को लेकर कुछ नया करना चाहती थी। इसलिए भिलाई जिले की कमान बृजेश बिचपुरिया को सौंपी गई। दावा किया गया था कि दोनों नेता संगठन से जुड़े हैं। कार्यकारिणी भी संगठन से जुड़े लोगों को लेकर बनेगी। दरबारियों को दूर रखा जाएगा। भिलाई. में गुटबाजी खत्म करने के लिए नए नए शब्द गढ़े गए। संगठन का पोस्टमार्टम और सर्जरी, लेकिन जैसा कहा गया मामला उसके एकदम उलट दिखाई दे रहा है। भिलाई जिला भाजपा में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है।


पश्चिम व चरोदा मंडल की कार्यकारिणी शून्य

छत्तीसगढ़ राज्य गठन के उपरांत भाजपा में संभवत: ऐसा पहली बार हुआ है कि प्रदेश संगठन मंत्री पवन साय से हुई और उनके सप्ताह भर के अंतराल में घोषित कार्यकारिणी को निर्देश पर कार्यकारिणी को शून्य घोषित किया गया । शून्य करना पड़ा हो। भिलाई जिले के पश्चिम मंडल सबसे ज्यादा शिकायत चरोदा मंडल को लेकर व चरोदा मंडल की कार्यकारिणी को इस आधार थी। चरोदा मंडल में 19 पदाधिकारी बनाए गए थे । पर शून्य घोषित कर दिया गया कि दोनों मंडल जिसमें चरोदा से केवल चार तथा भिलाई तीन से अध्यक्षों ने जिला अध्यक्ष को विश्वास में लिए बगैर 15 पदाधिकारी थे। वहीं मंडल अध्यक्ष ने युवा मोर्चा कार्यकारिणी की घोषणा कर दी। जिसकी शिकायत मंडल अध्यक्ष की भी घोषणा कर दी थी।


भाजयुमो अध्यक्ष को लेकर भी मचा था हंगाम

भिलाई जिला भाजयुमो अध्यक्ष की घोषणा को लेकर भी हंगामा कटा था। आरोप था कि भाजयुमो के प्रदेश संगठन को विश्वास में लिए बिना जिला अध्यक्ष की नियुक्ति कर दी गई है। जिला अध्यक्ष पर उन्हीं की कार्यकारिणी के सोशल मीडिया प्रभारी ने गाली गलौज का एक आडियो वायरल कर दिया था। इसके बाद में छावनी थाने में जिला अध्यक्ष के खिलाफ प्राथमिकी भी कराई थी। बाद में जिला अध्यक्ष ने भी एफआइआर दर्ज कराई थी ।


जिला कार्यकारिणी को लेकर भी लगा आरोप

भिलाई भाजपा जिला अध्यक्ष बृजेश बिचपुरिया ने जब जिला कार्यकारिणी की घोषणा की, तब उसको लेकर भी जमकर बवाल हुआ था। कार्यकारिणी में वैशाली नगर से थोक में पदाधिकारी बनाए गए हैं। इंटरनेट मीडिया में इसकी भी जमकर खबर ली गई थी। भाजपा के पदाधिकारी ही यह कहने लगे थे कि कार्यकारिणी भिलाई जिले की बनी है या वैशाली नगर विधानसभा की। इंटरनेट मीडिया पर. इसको लेकर बहस लगातार जारी है।


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