भिलाई नगर 11 जून 2024:- श्री शंकराचार्य महाविद्यालय के इको क्लब (एपेक्स) के अंतर्गत एक दिवसीय टेरेस गार्डन कार्यशाला का आयोजन किया गया । छत या टेरेस गार्डनिंग भारत में काफी लोकप्रिय गतिविधि बन गई है। टेरेस गार्डनिंग से घर को सुंदर ही नहीं बनाया जा सकता है बल्कि हवा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में, साथ ही यह घर को सुंदर बनाता है। विभिन्न प्रकार के पौधों को चुनकर आप अपने घर में हरा भरा वातावरण बना सकते हैं।
कुमारी वर्षा यादव (वनस्पति शास्त्र) ने अपने व्याख्यान में यह कहा टेरेस गार्डन में हम विभिन्न प्रकार के पौधों को उगा सकते हैं जैसे सब्जियां, औषधीय पौधे, बेल वाले एवं छोटे आकार के फल के पौधे, फूल, घास के अलग-अलग किस्म जो टेरेस को सुंदर बनाने में सहायक होने के साथ-साथ औषधि गुण रखते हैं। टेरेस गार्डन से घर का ऑक्सीजन स्तर अच्छा रहता है हम गार्डन के आसपास योग कर सकते हैं जिससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होने के साथ-साथ शरीर का ऑक्सीजन स्तर भी बेहतर होता है जिससे फेफड़ों से जुड़ी समस्याएं कम होती है।
श्री शंकराचार्य महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. अर्चना झा ने कहा कि छत पर बने बगीचे सर्दियों में घने होने के कारण ठंडी हवा को रोकते हैं साथ ही गर्मियों में तापमान को ठंडा रखते हैं। जिससे ऊर्जा और धन की बचत होगी साथ ही ध्वनि प्रदूषण को कम करने में बहुत फायदेमंद हो सकते हैं।
घर में टेरेस गार्डन होने का सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है कि यह आस-पास की हवा को शुद्ध करता है। महाविद्यालय के डीन अकादमिक डॉ. जे दुर्गा प्रसाद राव ने कहा कि छत के बगीचों में विभिन्न प्रकार के पौधों के अलावा वह कई पक्षियों के लिए एक आदर्श आवास भी हो सकते हैं। करोना लॉकडाउन के दौरान, सब्जियों के लिए ज्यादा कीमत चुका रहे थे छत पर बागवानी करके आप इस समस्या से कुछ हद तक बच सकते हैं। हमें प्रकृति के करीब रखता है छत पर बने बगीचे में 10 से 15 मिनट बिताने से तनाव कम करने में मदद मिल सकती है।
इस कार्यक्रम का संचालन इको क्लब प्रभारी डॉ. सोनिया बजाज एवं महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ . संदीप जसवंत, डॉ. शिल्पा कुलकर्णी ,डॉ. लक्ष्मी वर्मा, श्रीमति मीता चुग, की महत्वपूर्ण भूमिका कार्यक्रम को सफल बनाने में रही।