भिलाईनगर 18 मार्च 2024 :- जब श्री यू के झा, अगस्त 1985 में भिलाई इस्पात संयंत्र में शामिल हुए, तो उनकी पहली पोस्टिंग नगर सेवा विभाग या टाउन सर्विसेज डिपार्टमेंट (टीएसडी) में थी। जून 2022 में वे सेल-बीएसपी से मुख्य महाप्रबंधक के पद में नगर सेवा विभाग से सेवानिवृत्त हुए। इस बीच, श्री झा ने सिविल इंजीनियरिंग विभाग (वर्क्स), ट्रैफिक, कॉन्ट्रैक्ट सेल (वर्क्स और नॉन वर्क्स) सहित कई अन्य विभागों में काम किया। हालाँकि, बीएसपी में उन्होंने अपनी 37 वर्षों की सेवा का बड़ा हिस्सा दो विभागों, टीएसडी और सिविल इंजीनियरिंग विभाग (सीईडी) में बिताया। 1986 तक 10 साल टीएसडी में काम करने के बाद, श्री झा को सीईडी में वर्क्स एरिया में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां उन्होंने 10 साल और 6 साल की दो अवधि में अपनी कार्यकाल के 16 साल बिताए। उन्होंने फरवरी 2021 से अपनी सेवानिवृत्ति तक नगर सेवा विभाग में मुख्य महाप्रबंधक के रूप में कार्य किया। श्री झा के पास इन दोनों विभागों का समृद्ध अनुभव है। श्री झा ने अपने अनुभव साझा किए और चुनौतियों के बारे में भी चर्चा की। साथ ही बताए कि अपनी टीम के साथ लिए गए निर्णयों और कार्यों ने संगठन को कैसे प्रभावित किया।
श्री झा कहते हैं कि कॉलेज से निकले एक अनुभवहीन अकुशल व्यक्ति से तकनीकी और प्रशासनिक दोनों प्रकृति के कठिन और पेचीदा स्थितियों को संभालने में अधिक कुशल और दक्ष व्यक्ति बनने की मेरी इस यात्रा में मेरे पास अनगिनत और प्रचुर मात्रा में अनुभव है।
टीम वर्क ही सार है: श्री झा कहते हैं कि भिलाई इस्पात संयंत्र किसी व्यक्ति के लिए सीखने और अपना विकास करने के साथ-साथ कंपनी की प्रगति में अपना योगदान देने के लिए एक अद्भुत कार्यस्थल है। टीम वर्क को भिलाई में काम करने का सार बताते हुए श्री झा कहते हैं कि बीएसपी एक एकीकृत इस्पात संयंत्र है और इसकी विभिन्न प्रक्रियाएं श्रम-केंद्रित होने के कारण, सभी प्रमुख उपलब्धियाँ टीम वर्क के माध्यम से ही संभव हो पाती हैं। यह सॉफ्टवेयर, एआई आदि जैसे कुछ अन्य उद्योगों के विपरीत है जहां आपके प्रदर्शन से व्यक्तिगत उत्कृष्टता की भी गुंजाइश उपलब्ध होती है। इसलिए इस संगठन में उपलब्धियाँ केवल टीमों के माध्यम से संचालित होती हैं। कोई भी व्यक्ति, चाहे वह सदस्य हो या टीम लीडर, टीम वर्क के माध्यम से ही योगदान दे सकता है।
श्री झा कहते हैं कि सीईडी और नगर सेवा विभाग के प्रमुख के रूप में अपनी पिछले 10 वर्षों की सेवा के दौरान उन्होंने व्यवहारिक रूप से टीम वर्क को देखा है। उन्होंने कहा, मैं अच्छी तरह से समझ सकता हूं कि एक बार जब टीम के प्रत्येक सदस्यों में टीम के प्रति अपनेपन की भावना आ जाए, तो लक्ष्यों को पूरा करना, कठिन कार्यों को पूरा करने जैसे अन्य काम भी आसान हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए आपको सिर्फ टीम को प्रेरित रखना होता है, यही एक टीम लीडर का काम है।
श्री झा कहते हैं कि भिलाई में एचआरडी या रांची स्तिथ प्रबंधन प्रशिक्षण संस्थान द्वारा दिए गए औपचारिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों की भूमिका भी संयंत्र कर्मी के व्यक्तिगत विकास में महत्वपूर्ण है। कर्मचारियों के बीच औपचारिक कॉर्पोरेट प्रशिक्षण के प्रति सामान्य तौर पर नापसंदगी हो सकती है, लेकिन इन प्रशिक्षणों का प्रभाव लंबे समय तक रहता है
अनुबंधों का प्रभावी निर्धारण एवम क्रियान्वयन बेहतर निष्पादन के लिए महत्वपूर्ण 1985 में, बीएसपी में लगभग 65,000 कर्मचारी थे और टाउन सर्विसेज में लगभग 5000 कर्मचारी थे। उस समय अधिकांश कार्य विभागीय जनशक्ति के माध्यम से किये जाते थे तथा बहुत कम ठेके संचालित किये जाते थे। कर्मचारियों की संख्या अब घटकर लगभग 15,000 रह गई है। अब अधिकांश विभागों में नियमित जनशक्ति बहुत कम है और अधिकांश कार्य अनुबंध के माध्यम से किये जाते हैं।
निष्पादन को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है, इस पर अपने विचार साझा करते हुए श्री झा कहते हैं कि विभागीय कामकाज से कॉन्ट्रेक्चुअल कामकाज तक का परिवर्तनकाल सुचारू नहीं रहा है। अधिकांश नियंत्रक (कंट्रोलिंग )अधिकारी अभी भी विभागीय जनशक्ति के साथ काम करने को प्राथमिकता देते हैं और कॉन्ट्रेक्चुअल कामकाज के साथ ठीक से तालमेल नहीं बिठा पाते हैं। यहाँ ठेकेदारों को केवल जनशक्ति आपूर्तिकर्ता मानने की प्रवृत्ति है। अनुबंधों को तैयार करते समय जितना विचार और योजना (प्लानिंग) होनी चाहिए, उतना अक्सर नहीं होता है। परिणामस्वरूप ऐसे अनुबंधों को गैर-पेशेवर तरीके से निष्पादित किया जाता है। श्री झा कहते हैं कि इसलिए अनुबंध तैयार करने और उसके क्रियान्वयन पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।
श्री झा कहते हैं कि अनुबंधों के बारे में एक अन्य महत्वपूर्ण बिंदु, अनुबंधों के माध्यम से चयनित जनशक्ति की उचित गुणवत्ता के संदर्भ में है। यह देखते हुए कि संयंत्र में अधिकांश महत्वपूर्ण उपकरणों का संचालन और रखरखाव अनुबंध के माध्यम से किया जाता है, उपयुक्त, कुशल और अनुभवी जनशक्ति के चयन बहुत आवश्यक है। यह तभी सुनिश्चित किया जा सकता है जब अनुबंध के माध्यम से उपयुक्त व कुशल जनशक्ति का चयन किया जाए और उन्हें श्रम कानूनों के अनुसार उचित वेतन और सुविधाएं प्रदान की जाएं। तभी अनुबंधों के माध्यम से लंबे समय तक कार्य किया जा सकता है।
अतिक्रमण हटाना : श्री यू के झा ने टाउन सर्विसेज से अतिक्रमण को हटाने के कार्य से सीखे गए अनुभव को साझा करते हुए कहते हैं कि टाउन सर्विसेज में काम करने के दौरान उन्हें एहसास हुआ कि रियल एस्टेट, कंपनी की बहुत महत्वपूर्ण और मूल्यवान संपत्ति है। आवश्यकता के अनुसार उपकरण, संयंत्र और मशीनरी जुटाना संभव है, लेकिन एक बार अतिक्रमण हो जाने के बाद, भूमि अधिग्रहण करना या भूमि और परिसर को वापस लेना बहुत कठिन कार्य है।
श्री झा ने कहा, 1971 में संसद द्वारा पारित सार्वजनिक परिसर अधिनियम (पीपी अधिनियम) सरकार या सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के स्वामित्व वाले सार्वजनिक परिसरों से अतिक्रमण को हटाने के लिए बहुत मजबूत और प्रभावी प्रावधान प्रदान करता है। लेकिन आम तौर पर यह देखा जाता है कि इस अधिनियम के प्रावधानों का सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां अक्सर पुलिस और प्रशासन जैसे स्थानीय अधिकारियों से समर्थन की कमी का बहाना देकर पूरी तरह से उपयोग नहीं करती हैं।
उन्होंने कहा, टाउन सर्विसेज में उनके कार्यकाल के दौरान, पुलिस और स्थानीय निकायों के साथ उचित समन्वय के साथ, हमारी प्रवर्तन टीम द्वारा सक्रिय, स्वीकारात्मक कार्रवाई और पीपी अधिनियम के प्रभावी उपयोग के साथ बड़ी संख्या में अतिक्रमण को बेदखल करना संभव हुआ। इस अभियान में, हमारे ऑफिसर्स एसोसिएशन और विभिन्न यूनियनों द्वारा भी पूर्ण समर्थन प्रदान किया गया, क्योंकि वे भी कंपनी के हितों से जुड़े हैं और पूरी बीएसपी टीम इस मुद्दे पर एकजुट थी।
अनुकूल व्यवहार के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग : श्री झा कहते हैं कि अक्सर देखा गया है कि प्रौद्योगिकी के प्रभावी उपयोग से वांछित मानव व्यवहार सुनिश्चित करना संभव है। उपस्थिति दर्ज करने के लिए बायोमेट्रिक्स की स्थापना एक ऐसा ही उदाहरण है। टाउन सर्विसेज में बकाया राशि को प्राप्त करना भी एक ऐसी समस्या जिस पर ध्यान देने की आवश्यकता है। टाउन सर्विसेज में राजस्व संग्रहण में प्रौद्योगिकी और स्वचालन के उपयोग से बहुत कुछ हासिल किया जा सकता है। तीसरे पक्ष के आधार पर आवंटित क्वार्टरों के लिए स्मार्ट इलेक्ट्रिक मीटर की स्थापना भी एक ऐसी ही पहल हो सकती है। इस तरह के और भी बहुत उदहारण हो सकते हैं।
अंत में, श्री झा कहते हैं कि सामान्य तौर पर भिलाई टाउनशिप और विशेष रूप से भिलाई इस्पात संयंत्र एक ऐसी जगह है, जहां किसी भी व्यक्ति, उसके परिवार और बच्चों के समावेशी यानी 360 डिग्री विकास के लिए सभी आवश्यक चीजें उपलब्ध है। मैं हमेशा इस जगह और इस कंपनी का ऋणी रहूंगा।