आपरेशन सिंदूर: उपलब्धियां और चुनौतियां विषय पर प्रबुद्ध परिषद की संगोष्ठी

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आपरेशन सिंदूर: उपलब्धियां और चुनौतियां विषय पर प्रबुद्ध परिषद की संगोष्ठी

भिलाई नगर 22 मई 2025:- पहलगाम में हुए हिंदुओं पर आतंकवादी हमले के मद्देनजर प्रबुद्ध परिषद छत्तीसगढ़ द्वारा “ऑपरेशन सिंदूर : उपलब्धियां व चुनौतियां , एक विवेचन ” विषय एक वैचारिक संगोष्ठी का आयोजन लक्ष्य प्रकल्प के सेक्टर 4 भिलाई परिसर के सभागार में सम्पन्न हुआ। इस बौद्धिक कार्यक्रम में राष्ट्र सेविका समिति की प्रांत कार्यवाहिका, प्राजक्ता देशमुख , प्रोफेसर  विकास पंचाक्षरी व सामाजिक कार्यकर्ता  डी वी गिरी ने अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम की शुरुआत अंजनी द्विवेदी द्वारा एकल गीत से हुई।

श्री गिरी ने अपने उद्बोधन में आपरेशन सिंदूर के पश्चात भारतीय सियासी गलियारे में घटित घटनाक्रमों को सिलसिलेवार ढंग से प्रस्तुत किया। इसमें पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने का आदेश, सिंधु जल समझौता को निरस्त करना, पटना में प्रधानमंत्री का उद्बोधन, ड्रोन व मिसाइल से सटीक हमला, आतंकवादी अड्डों को तबाह करना आदि शामिल थे। उन्होंने बताया कि पूर्व में आतंकवादी घटनाएं होने पर भारतीय एजेंसी का काम सबूत जुटाना, डोजियर सौंपना, एक पारंपरिक जवाबी कार्रवाई का हिस्सा हो गया था। आपरेशन सिंदूर की सैन्य कार्रवाई से एक अंतरराष्ट्रीय संदेश बहुत साफ साफ दिया गया कि हम अपनी समस्याओं को अपनी शर्तों पर ही सुलझाएंगे।

विकास पंचाक्षरी आपरेशन के बाद उपजी चुनौतियों पर अपने विचार रखते हुए कहा कि युद्ध का अंतिम उद्देश्य शांति होता है। इस युद्ध ने मित्र के रूप में अभिनय करने वाली एक महाशक्ति की भूमिका की असलियत को सबके सामने खोल कर साफ कर दिया । ऐसे मित्र से सावधान होने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि आज तीन तरह के युद्ध लड़े जा रहे हैं। एक युद्ध आमने-सामने लड़ा जाने वाला हथियार युद्ध है । दूसरा प्रचार माध्यमों से लड़ा जाने वाला विमर्श का युद्ध है और तीसरा इस प्रचार माध्यम से स्थापित मानसिक युद्ध है जो मनोवैज्ञानिक रूप से प्रभावित करता है । पाकिस्तान ने न्यूक्लियर शक्ति संपन्न होने का जो हो हल्ला किया वह वास्तव में मनोवैज्ञानिक युद्ध ही था। इसके कारण भारत को पाकिस्तान के खिलाफ लड़ाई में कठोर कदम उठाने में एक हिचक होती थी। एक भय था कि कहीं सामान्य लड़ाई , न्यूक्लियर वार में न बदल जाए । डा.पंचाक्षरी ने एलिमेंट ऑफ सरप्राइज का जिक्र किया ,
मतलब एक ऐसा हमला जिसके बारे में दुश्मन सोच भी न सके। जैसा कि अमेरिका में 9 /11 के समय हुआ था।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि ऑपरेशन सिंदूर बंद नहीं हुआ है,यह जारी है और जारी रहेगा । सेना की चुनौतियों के बारे में उन्होंने बताया कि एक समय था जब हमारे पास अल्प समय तक के लिए ही गोला बारूद युद्ध करने के लिए उपलब्ध रहता था, पर अब परिस्थितियां वैसी नहीं हैं।

2014 के बाद की रक्षा गतिविधियों का विश्लेषण करें तो बहुत स्पष्ट होता है कि हमारा देश तमाम तरह की सैन्य चुनौतियों का मुकाबला करने में सक्षम और आत्मनिर्भर हो चुका है। पहले डीआरडीओ के रिसर्च में रोड़ा अटकाने की बहुत कोशिशें होती थी।

राजनीतिक चुनौतियों की चर्चा करते हुए डा पंचाक्षरी ने कहा कि जो लोग पहले हर घटना के पीछे विदेशी हाथ को ही दोषी ठहारते थे, आज वही लोग सेना की कार्यवाही का सबूत मांग रहे हैं । यह दुर्भाग्यपूर्ण है।

चीन द्वारा चारों तरफ से हमें भौगोलिक रूप से घेरने की कोशिशें लगातार जारी है । आर्थिक चुनौतियों की बात करते हुए उन्होंने बताया कि हम विकासशील से विकसित देश बनने के मार्ग पर चल रहे हैं। उस पर भी हमें सतत ध्यान देना चाहिए ।

आज पाकिस्तान विक्टिम कार्ड खेल रहा है ।वह भी अब हर देश में प्रतिनिधिमंडल को भेज रहा है ।

आंतरिक सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए पहले टाडा व पोटा कानून लाया गया था । कालांतर में अनावश्यक वाद-विवाद होने के पश्चात उन्हें वापस ले लिया गया । हमें आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कड़े कानून की जरूरत है । भारतीय विरोधियों की पहचान करना है। मजबूत सिविल डिफेंस बनाने की भी वकालत उन्होंने किया।

अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए प्राजक्ता देशमुख ने कहा कि इस चर्चा में हुई जानकारी काफी अच्छी रही। हमें भारत के बाहरी शत्रु के साथ-साथ आंतरिक शत्रुओं का भी मुकाबला करना है जो भारत देश में रहकर भारत के हितों के खिलाफ संगठित तौर पर काम करते हैं। यह राष्ट्र के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण चुनौती है ।

हेमंत नायडू ने प्रबुद्ध परिषद छत्तीसगढ़ की गतिविधियों पर विस्तार से परिचय दिया । कार्यक्रम का संचालन एडवोकेट रचना नायडू ने किया व आभार प्रदर्शन डॉक्टर अनुज नारद ने किया ।कार्यक्रम का समापन शांति मंत्र से किया गया ।
समारोह में विजय मैराल , अतुल नागले,यश ओबेरॉय,संजय कुमार मिश्र, अजय डांगे, विकास पाण्डे,रवि धारकर, अश्वनी नागले, विनोद कुमार मिश्र,निशू पाण्डेय आदि अनेक प्रबुद्ध जन मौजूद थे।

  • अतुल नागले
    प्रांत संयोजक
    प्रबुद्ध परिषद छत्तीसगढ़
    मो-9425242299

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