हाई कोर्ट बिलासपुर का आदेश… सहायक सेनानी (पुलिस विभाग) के विरूद्ध जारी वसूली (RECOVERY) आदेश निरस्त…

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बिलासपुर 07 दिसंबर 2024:- सहायक सेनानी (पुलिस विभाग) के विरूद्ध जारी वसूली (RECOVERY) आदेश निरस्त

लालबाग, राजनांदगांव निवासी-एच. आर. टोन्डर, 8वीं बटालियन, छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल, राजनांदगांव में पुलिस विभाग में सहायक सेनानी (वर्ग-2) के पद पर पदस्थ थे। उनकी पदस्थापना के दौरान सेनानी, 8वी बटालियन, राजनांदगांव द्वारा एच.आर. टोन्डर की सेवा पुस्तिका को जांच हेतु संयुक्त संचालक, कोष लेखा एवं पेंशन कार्यालय भेजा गया, कार्यालय कोष लेखा एवं पेंशन द्वारा उनके सेवाकाल के दौरान अधिक वेतन भुगतान किया जाना पाया गया।

इस आधार पर सेनानी, 8वीं बटालियन, राजनांदगांव द्वारा सहायक सेनानी एच.आर. टोन्डर के विरूद्ध 2,27,046/- रू. का वसूली आदेश जारी कर दिया गया। उक्त वसूली आदेश से क्षुब्ध होकर सहायक सेनानी, एच.आर. टोन्डर द्वारा हाईकोर्ट अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं पी.एस. निकिता के माध्यम से हाईकोर्ट बिलासपुर के समक्ष रिट याचिका दायर कर वसूली आदेश को चुनौती दी गई।

अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं पी. एस. निकिता द्वारा हाईकोर्ट के समक्ष यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्टेट ऑफ पंजाब विरूद्ध रफीक मसीह एवं अन्य, थॉमस डेनियल विरूद्ध स्टेट ऑफ केरला, माननीय हाईकोर्ट बिलासपुर की डिवीजन बेंच द्वारा स्टेट ऑफ छत्तीसगढ़ विरूद्ध लाभाराम ध्रुव के वाद में यह सिद्धांत प्रतिपादित किया है कि किसी भी शासकीय अधिकारी/कर्मचारी के सेवाकाल के दौरान 05 (पांच) वर्ष पूर्व वेतन निर्धारण में त्रुटि के कारण यदि अधिक वेतन भुगतान किया गया है,

यदि शासकीय अधिकारी / कर्मचारी से लिखित में उक्त अधिक वेतन भुगतान की वसूली हेतु सहमति (Undertaking) प्राप्त कर ली गई है उसके बावजूद भी उक्त अधिकारी से अधिक वेतन भुगतान की वसूली नहीं की जा सकती है। चूंकि याचिकाकर्ता को वर्ष 2006 से अधिक वेतन भुगतान किया गया था इसके साथ ही याचिकाकर्ता के विरूद्ध वसूली आदेश जारी किये जाने से पूर्व कोई कारण बताओ नोटिस जारी कर सुनवाई का प्राप्त अवसर नहीं दिया गया।

अतः याचिकाकर्ता द्वारा पूर्व में अधिक वेतन भुगतान की वसूली हेतु सहमति (Undertaking) दिये जाने के बावजूद भी उससे अधिक वेतन भुगतान का हवाला देकर किसी भी प्रकार की वसूली नहीं की जा सकती है।

उच्च न्यायालय, बिलासपुर जज राकेश मोहन पांडेय द्वारा उक्त रिट याचिका की सुनवाई के पश्चात् रिट याचिका को स्वीकार कर याचिकाकर्ता के विरूद्ध जारी वसूली आदेश को निरस्त कर दिया गया। सेनानी 8वीं बटालियन को यह निर्देश दिया गया कि वे 06 (छः) सप्ताह के भीतर याचिकाकर्ता से वसूल की गई राशि तत्काल वापस करें।


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