भिलाई नगर 19 जनवरी 2023/ जगतगुरु कृपालु सत्संग कल्याण समिति भिलाई एवं श्यामा श्याम सत्संग द्वारा वृंदावन वासिनी सुश्री श्रीश्वरी देवी के मुखारविंद से दार्शनिक प्रवचन एवं मधुर संकीर्तन का आयोजन 20 जनवरी से 3 फरवरी 2023 तक आईटीआई ग्राउंड जीई रोड पावरहाउस भिलाई में किया जा रहा है। इस अवधि में प्रत्येक दिन शाम 6 से रात 8.30 बजे तक मधुर संकीर्तन के बीच जगतगुरु कृपालु जी महाराज की परम शिष्या सुश्री श्रीश्वरी देवी जी वेद, गीता, रामायण, भागवत ही नहीं अन्यान्य धर्मग्रंथों के प्रमाणों से युक्त दार्शनिक प्रवचन देंगी।
दार्शनिक प्रवचन एवं मधुर संकीर्तन आयोजन समिति के भरत विशनानी ने एक पत्रकार वार्ता में बताया कि वेद, गीता, रामायण और भागवत इत्यादि समस्त धर्मग्रंथों में अनेक परस्पर विरोधी गुढ़ तात्विक सिद्धांतों का समन्वय रहता है। जिससे समस्त सांसारिक कार्यों को करते हुए इस घोर कालिकाल में सरलता से ईश्वर को प्राप्त किया जा सकता है। जगतगुरु श्री कृपालु जी महाराज की प्रचारिका वृंदावन वासिनी सुश्री श्रीश्वरी देवी इन्हीं विषयों पर अपने दिव्य सत्संग का सौभाग्य प्रदान करने भिलाई पहुंच रही हैं। उनके दार्शनिक प्रवचन एवं मधुर संकीर्तन आईटीआई ग्राउंड जीई रोड पावरहाउस भिलाई में 20 जनवरी से प्रारंभ होकर 3 फरवरी तक अनवरत चलेगा।
उन्होंने बताया कि प्रवचन का प्रमुख विषय मानव देह का महत्व क्या है ? जीव का परम- चरम लक्ष्य क्या है ? जीव का परम-चरम लक्ष्य कैसे प्राप्त होगा ? ईश्वर का स्वरूप क्या है ?क्या हम ईश्वर को देख, जान, सोच-समझ एवं प्राप्त कर सकते है ? भगवत्कृपा किसे कहते है ? वह किस पर होती है ? अभी तक हमें ईश्वर प्राप्ति क्यों नही हुई ?भगवत् शरणागति का रहस्य क्या है ? संसार का वास्तविक स्वरूप क्या है ? वैराग्य किसे कहते है ? संसार से वैराग्य कैसे होगा ? गुरू या महापुरूष किसे कहते है ?
क्या गुरु के बिना ईश्वर प्राप्ति संभव है ? महापुरूषों के धर्म विरूद्ध आचरणों का रहस्य क्या है ? ईश्वर प्राप्ति के कौन-कौन से मार्ग है ? क्या कर्म-धर्म से ईश्वर प्राप्ति संभव है ? क्या ज्ञान के द्वारा ईश्वर प्राप्ति संभव है ? क्या भक्ति भगवान से मिल सकती है ? भक्ति तत्व का क्या रहस्य है ? भगवान का ध्यान कैसे करें ? गृहस्थ में रहते हुये भगवान की प्राप्ति का सर्वसाध्य सुगम एवं सरलतम उपाय क्या है ? इन विषयों पर सुश्री श्रीश्वरी देवी द्वारा दार्शनिक प्रवचन होगा। पत्रकार वार्ता में सेवानिवृत्त शिक्षक डी. एस. मढ़रिया, श्रीराम सिंह सहित आयोजन समिति के पदाधिकारी उपस्थित थे।
परिचय-पूज्यनीया सुश्री श्रीश्वरी देवी
विश्व के पंचम मूल जगद्गुरू भक्तियोग रसावतार भगवद् अनंत श्री विभूषित 1008 स्वामी श्री कृपालुजी महाराज की परमप्रिय शिष्या पूज्यनीया सुश्री श्रीश्वरी देवी जी के सरल, सारगर्भित प्रवचनों ने लाखों दिग्भ्रमित ज्ञानपिपासु जीवों को अपने गुरूवर द्वारा बताये अति सुगम साधना पथ का मार्ग दर्शन करके भगवद् प्राप्ति और प्रेम की ओर सहज ही प्रेरित किया है। आपमें बाल्यकाल से आध्यात्म के प्रति प्रबल अनुराग रहा, किन्तु भौतिकी में स्नातकोत्तर के अध्ययन के अंतिम दिनों अप्रैल 2005 में आप जगद्गुरू स्वामी श्री कृपालु जी महाराज के सानिध्य में आयी और अक्टूबर 2007 में महाविद्यालयीन शिक्षा एम . एससी, एम. फिल उपरांत गुरुधाम में वास करने लगी। जहां महाराज जी ने आपको आध्यात्म के वास्तविक ज्ञान के प्रचार का दायित्व सौंपा। आपने अल्पकाल में ही गुरू प्रदत्त समस्त शास्त्रों, वेदों के ज्ञान को आत्मसात कर लिया। तब 8 मार्च 2009 को गुरूवर ने आपको दिव्य नाम एवं दिव्य वस्त्र प्रदान किया। तब से आप अनवरत् प्रवचनों द्वारा उस ज्ञान को आध्यात्म प्रेमी एवं ज्ञान पिपासु जीवों में बांट रही हैं ।