संयंत्रकर्मियों की प्रतिभा को मंच: अंतर्विभागीय संगीत प्रतियोगिता-2025 का शुभारंभ 24 को”….

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“संयंत्रकर्मियों की प्रतिभा को मंच: अंतर्विभागीय संगीत प्रतियोगिता-2025 का शुभारंभ 24 को”


भिलाई नगर 23 जून 2025:- भिलाई इस्पात संयंत्र के क्रीड़ा, सांस्कृतिक एवं नागरिक सुविधाएँ विभाग द्वारा, प्रतिवर्ष की की भाँति , इस वर्ष भी अंतरविभागीय संगीत (गायन) प्रतियोगिता-2025 का भव्य आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन 24 जून 2025 को महात्मा गांधी कला मंदिर, सिविक सेंटर में प्रातः 10:00 बजे औपचारिक शुभारंभ के साथ आरंभ होगा।

पाँच दिवसीय इस प्रतियोगिता में संयंत्र के विभिन्न विभागों से आए प्रतिभागी एकल एवं युगल गायन की अपनी विविध और मनमोहक प्रस्तुतियों के माध्यम से संगीतप्रेमियों को एक सुरमयी अनुभव प्रदान करेंगे।
इस प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य संयंत्रकर्मियों एवं उनके परिवारजनों की छिपी हुई गायन प्रतिभा को उजागर करने के लिए एक सशक्त मंच प्रदान करना है, साथ ही सांस्कृतिक सहभागिता को भी प्रोत्साहित करना है। यह आयोजन न केवल भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मवीरों की कला-निष्ठा और रचनात्मक ऊर्जा का प्रतीक होगा, बल्कि यह कार्यस्थल पर सौहार्दपूर्ण और सकारात्मक वातावरण के निर्माण में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

यह सांस्कृतिक संगम प्रतिभागियों और दर्शकों—दोनों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव बनकर, सभी के दिलों पर गहरी छाप छोड़ेगा।
24 से 28 जून 2025 तक महात्मा गांधी कला मंदिर, सिविक सेंटर में आयोजित इस संगीतमय कार्यक्रम में संयंत्रकर्मी और उनके पति/पत्नी हिंदी, गैर हिंदी और युगल गायन के विभिन्न वर्गों में अपनी गायिकी का जादू बिखेरेंगे। प्रतियोगिता के नियमानुसार प्रतिभागी केवल दो वर्गों में भाग लेकर अपनी प्रतिभा का परिचय दें पाएंगे।


इस प्रतियोगिता का उद्देश्य केवल संगीत के प्रति प्रेम और सम्मान को बढ़ावा देना ही नहीं है, बल्कि भारत की विविध भाषाओं और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहरों को भी एक मंच पर प्रस्तुत करना है। यहाँ छत्तीसगढ़ी, तमिल, बंगला, पंजाबी, उड़िया, भोजपुरी, या गुजराती जैसी विभिन्न भाषाओं की मिठास सुनने को मिलेगी, जो भाषाई और सांस्कृतिक सौहार्द का प्रतीक है। इस वर्ष भिलाई टाउनशिप सहित खदान क्षेत्र के संयंत्रकर्मियों ने प्रतियोगिता में विशेष रुझान लेते हुए बड़ी संख्या में आवेदन किया है जो कि भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मचारियों के सिर्फ अपने कार्यक्षेत्र में ही नहीं, वरन सांस्कृतिक और कलात्मक क्षेत्रों में भी सक्रिय भागीदारी को दर्शाता हैं।


भिलाई इस्पात संयंत्र ने अपने प्रारंभ से ही इस अंचल की कला-संस्कृतियों को सहेजने और संवारने का प्रयास किया है। इसी कड़ी में, प्रतिवर्ष आयोजित यह कार्यक्रम संयंत्रकर्मियों को उनकी दैनिक दिनचर्या की भागदौड़ से हटकर, अपने अंदर छुपी प्रतिभाओं को जीवित रखने का अवसर देता है, जो अक्सर आधुनिक जीवनशैली में कहीं दब सी जाती हैं और सही समय व मंच की तलाश में रहती हैं। इस प्रकार की प्रतियोगिताएं संयंत्र कर्मियों के भीतर छिपी हुई रचनात्मकता और सांस्कृतिक रुचियों को उजागर करने का एक सशक्त माध्यम बन सकती हैं।

यह कार्यक्रम पुर्णतः निःशुल्क है। इस्पात नगरी के कलाप्रेमी नागरिक प्रतियोगिता का आनंद सम्मिलित हो सकते हैं।


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