POSTING BREAKING :- रिटायर IPS गिरधारी नायक को फिर मिली मानवाधिकार आयोग में पोस्टिंग….

IMG_20231005_235339.jpg

रायपुर 5 अक्टूबर 2023:- रिटायर IPS गिरधारी नायक को दूसरी बार मानवाधिकार आयोग में जिम्मेदारी मिली है। डीजी पद से रिटायर हुए IPS गिरधारी नायक को राज्य सरकार ने मानवाधिकार आयोग का पुनः मेंबर बनाया गया है। उन्हें दोबारा से ये जिम्मेदारी सौंपी गई है। इससे पहले नायक को मेम्बर बनाने के बाद 19 नवंबर 2020 को आयोग का प्रभारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया। मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन का पद हाई कोर्ट के रिटायर चीफ जस्टिस के लिए है। लिहाजा, गिरधारी नायक के लिए आयोग के प्रभारी अध्यक्ष का आदेश अलग से जारी होगा।

बस्तर रेंज में उप पुलिस महानिरीक्षक व पुलिस महानिरीक्षक पद स्थापना अवधि में उन्होंने नक्सली उन्मूलन अभियान में विशेष योगदान दिया है। महानिदेशक नायक को उनके उल्लेखनीय सेवाओं के लिए राष्ट्रपति का सराहनीय सेवा पदक एवं विशिष्ट सेवा पदक प्राप्त है। अतिरिक्त महानिदेशक के तौर पर जेल एवं सुधारात्मक सेवाएँ,

छ.ग. के पद पर वर्ष 2012-13 में पदस्थ रहे। 2013 से लगातार 6 वर्ष तक नगर सेना एवं नागरिक सुरक्षा, जेल एवं सुधारात्मक सेवाएँ तथा वर्ष 2016 से अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाएँ तथा राज्य आपदा मोचन बल के महानिदेशक के पद पर पदस्थ रहे। ज्ञातव्य 1983 बैच के आईपीएस अधिकारी रहे गिरधारी नायक लगभग 35 सालों तक मध्यप्रदेश और राज्य गठन के बाद से छत्तीसगढ़ में अपनी सेवाएं दी है।

अविभाजित मध्यप्रदेश में जून 1985-86 में छिंदवाड़ा से एएसपी के रूप में काम करते हुए अपने कॅरियर की शुरूआत करने वाले नायक इसके बाद इंदौर में पदस्थ रहे। रायपुर ग्रामीण के एएसपी रहने के बाद 1988 से 1991 तक मंडला के एसपी रहे। धार, रायसेन जिले में भी बतौर एसपी उन्होंने काम किया। इसके बाद भोपाल के पुलिस मुख्यालय में एआईजी (शिकायत) रहे। 1994 से 1997 तक बिलासपुर में एसपी और 12वीं बटालियन के कमांडेड के रूप में सेवाएं दी। गिरधारी नायक 1999 से 2002 तक हैदराबाद स्थित सरकार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी के उप निदेशक भी रह चुके हैं।

ज्ञातव्य हो कि 1983 बैच के आईपीएस अधिकारी रहे गिरधारी नायक लगभग 35 सालों तक मध्यप्रदेश और राज्य गठन के बाद से छत्तीसगढ़ में अपनी सेवाएं दी है। अविभाजित मध्यप्रदेश में जून 1985-86 में छिंदवाड़ा से एएसपी के रूप में काम करते हुए अपने कॅरियर की शुरूआत करने वाले नायक इसके बाद इंदौर में पदस्थ रहे। रायपुर ग्रामीण के एएसपी रहने के बाद 1988 से 1991 तक मंडला के एसपी रहे। धार, रायसेन जिले में भी बतौर एसपी उन्होंने काम किया। इसके बाद भोपाल के पुलिस मुख्यालय में एआईजी (शिकायत) रहे। 1994 से 1997 तक बिलासपुर में एसपी और 12वीं बटालियन के कमांडेड के रूप में सेवाएं दी। गिरधारी नायक 1999 से 2002 तक हैदराबाद स्थित सरकार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी के उप निदेशक भी रह चुके हैं।


scroll to top