BSP सीएसआर द्वारा आयोजित त्रैमासिक जूठ शिल्प प्रशिक्षण का समापन

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भिलाई इस्पात संयंत्र 19 जून 2023 : भिलाई इस्पात संयंत्र के निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व विभाग द्वारा संयंत्र एवं संयंत्र की खदानों के परिधीय ग्रामों में अनेक प्रकार के रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। इसी कड़ी में नारी सशक्तीकरण के मद्देनजर ग्राम पचपेड़ी दुर्ग में आयोजित त्रैमासिक जूट शिल्प प्रशिक्षण शिविर का 17 जून  को समापन हुआ। 

विदित हो कि भिलाई इस्पात संयंत्र के निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व विभाग ग्राम पचपेड़ी, दुर्ग में  13 मार्च  से 12 जून  (त्रैमासिक) तक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के सहयोग से प्रारंभ किया था। इस प्रशिक्षण शिविर में गांव पचपेड़ी, दुर्ग की कुल 25 महिलाओं को प्रशिक्षण प्रदान कर प्रमाणपत्र प्रदान किया गया। साथ ही प्रशिक्षण अवधि के दौरान प्रत्येक प्रशिक्षणार्थी को 3000 रुपये प्रतिमाह प्रशिक्षण भत्ता भी प्रदान किया गया। 

समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित भिलाई इस्पात संयंत्र के मुख्य महाप्रबंधक (उपयोगिताएं) श्री ए के जोशी ने बताया की जूट शिल्प की हस्तकला से बनाए गए साज सज्जा एवं अन्य उपयोगी सामग्रियों को अच्छे कौशल के साथ बनाकर एक अतिरिक्त आय अर्जित कर आत्मनिर्भर बना जा सकता है। साथ ही जूट शिल्प के द्वारा बनाये गए सामानों का उपयोग करके पर्यावरण को स्वच्छ एवं सुरक्षित करने में भी अहम भूमिका निभायी जा सकती है। जूट शिल्प का बाजार होने से पॉलीथिन एवं अन्य प्लास्टिक के उपयोग पर अंकुश लगाया जा सकता है।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित महाप्रबंधक (मार्स) तथा सेफी चेयरमेन व ओए के अध्यक्ष श्री नरेन्द्र कुमार बंछोर ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज देश में हाथों से निर्मित स्वदेशी सामानों की मांग लगातार बढ़ने के साथ ही सभी की पसंदीदा भी बनती जा रही है। यह प्रशिक्षण घरों में रहकर कार्य करने वाली महिलाओं के लिए एक अच्छा स्वरोजगार का साधन है। साथ ही उपस्थित प्रशिक्षणार्थियों के द्वारा बनाये गए उत्पादों को आसानी से बाजार उपलब्ध कराने एवं अन्य चाही गयी सुविधाओ में हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया।

निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व विभाग के वरिष्ठ प्रबंधक सुशील कामड़े ने उपस्थित प्रशिक्षणार्थियों को बताया कि ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं के कार्य में गुणवत्ता लाने एवं प्रशिक्षण के बाद अपने तथा आसपास की महिलाओं को भी ऐसे कार्य करने हेतु प्रोत्साहित करना है। उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को तकनीकी पद्धति, एप्प के बारे में जानकारी प्रदान की, जिससे कार्य में गुणवत्ता और कौशल लाया जा सके। उपस्थिति अतिथियों ने वहां उपलब्ध उत्पादों की खरीदी करके प्रशिक्षणार्थियों का आत्मविश्वास भी बढ़ाया।

कार्यक्रम का संचालन अंजनी कुमार द्विवेदी, सीएसआर एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रबंधक, छत्तीसगढ़ हस्त शिल्प विकास बोर्ड, जिला दुर्ग सी एच केहरी द्वारा किया गया। कार्यक्रम के सफलतापूर्वक आयोजन में बुधेलाल, शरद साहू, नितेश कुमार आदि का सराहनीय योगदान रहा।


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