दुर्ग 19 फरवरी 2023/ 18 फरवरी शनिवार को रात्रि 9 बजे जुनवानी स्थित सूर्या मॉल के तृतीय तल पर संचालित किए जा रहे लिस्टोमानिया बार एवं क्लब का अनुविभागीय दण्डाधिकारी दुर्ग के नेतृत्व में खाद्य एवं औषधि, आबकारी, राजस्व, पुलिस विभाग तथा मीडिया कर्मी की मौजूदगी में औचक निरीक्षण किया गया। क्लब के किचन में शाकाहारी एवं माँसाहारी खाद्य सामग्री खुला करके एक के ऊपर एक करके एक ही कन्टेनर में रखा गया था।
छत में अत्यधिक मात्रा में कचरा एवं खाली शराब की बोतल काफी दिनों से रखी गई थी। क्लब के पास एक ही काउन्टर परमिट है किंतु क्लब द्वारा अलग-अलग फ्लोर में दो-काउण्टर संचालित किया जा रहा था। वाशरूम में तीसरे मंजिल से नीचे गए डस्ट एरिया ओपन है जो अत्यंत खतनाक है। क्लब के पास केवल 07 स्टाफ की अनुज्ञप्ति है किंतु क्लब का केवल 01 अनुज्ञप्ति प्राप्त स्टाफ ही कार्यरत दिखा, इसके अतिरिक्त वर्तमान में क्लब में 47 व्यक्ति कार्यरत पाए गए। क्लब के पास फूड लायसेंस एवं गुमास्ता लायसेंस नहीं पाया गया, बार-बार उपलब्ध कराने बोलने पर भी उपलब्ध नही कराया गया। काउण्टर में अवैध रूप से सिगरेट का भण्डारण पाया गया, जिसके लिए भी कोई परमिट नहीं लिया जाना पाया गया। क्लब में कार्यरत किसी भी स्टाफ का पुलिस वेरीफिकेशन नहीं होना पाया गया।
भारी मात्रा में होलोग्राम पाया गया, जो कि किसी भी बोतल पर लगाकर बेचा जाता है, जिससे शासन को अत्यधिक क्षति होना पाया गया। क्लब में कार्यरत किसी भी स्टाफ का दस्तावेज नहीं होना पाया गया। काउण्टर पर रखे निक्कर का स्टॉक रजिस्टर मौके पर मौजूद नहीं पाया गया और न ही होलोग्राम का कोई रजिस्टार संधारित किया गया। क्लब के पास डी.जे. संचालित करने का लायसेंस एम्यूजमेंट नहीं होना पाया गया। एफएसएसएआई लायसेंस नही पाया गया। लिखे अनुज्ञप्तिधारी को कार्यस्थल पर लगाया जाना (डिस्प्ले) खाद्य एवं औषधि विभाग द्वारा आवश्यक है। प्रभाग द्वारा मटन करी का फूड सैम्पल एकत्रित किया गया।
जिसे राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला में जांच हेतु भेजा जायेगा। क्लब द्वारा फूड एवं गुमाश्ता लायसेंस व सिगरेट का लायसेंस मौके पर उपलब्ध नहीं कराया गया। अतः मौके पर उपस्थित समस्त व्यक्तियों एवं क्लब संचालक की सहमति से आगामी आदेश पर्यन्त क्लब को बंद कराया गया। मौके पर पंचनामा की कार्यवाही हुई जो सभी उपस्थित व्यक्तियों को पढ़कर सुनाई गई एवं उनके द्वारा समझकर हस्ताक्षर किया गया। क्लब बंद कर उसकी चाबी खाद्य एवं औषधि विभाग के खाद्य सुरक्षा अधिकारी को सुपुर्द में दिया गया।