राजिम कुंभ कल्प 2024: मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय की पहल से लौटी राजिम कुंभ कल्प की भव्यता…..धर्म नगरी राजिम का मेला स्थल रामोत्सव की थीम पर सजाया गया श्री राम के जीवन पर आधारित झांकी का हो रहा प्रदर्शन….राजिम कुंभ मेला में हजारों लोगों को मिल रहा निःशुल्क भोजन स्थानीय कलाकारों को प्रतिभा प्रदर्शन का मिल रहा मौका,…27 फरवरी को मुख्यमंच पर गोपा सान्याल की टीम और उर्वसी साहू लोक कलामंच की होगी प्रस्तुति

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गरियाबंद 27 फरवरी 2024:- राजिम कुंभ कल्प 2024: मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की पहल से लौटी राजिम कुंभ कल्प की भव्यता…..धर्म नगरी राजिम का मेला स्थल रामोत्सव की थीम पर सजाया गया श्री राम के जीवन पर आधारित झांकी का हो रहा प्रदर्शन….राजिम कुंभ मेला में हजारों लोगों को मिल रहा निःशुल्क भोजन स्थानीय कलाकारों को प्रतिभा प्रदर्शन का मिल रहा मौका,…27 फरवरी को मुख्यमंच पर गोपा सान्याल की टीम और उर्वसी साहू लोक कलामंच की होगी प्रस्तुति

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने 7 जनवरी 2024 को राजिम भक्तिन माता जयंती के अवसर पर कहा था कि राजिम कुंभ की भव्यता पुनः लौटेगी। देश भर से साधु संत इसमें शामिल होने आएंगे। मुख्यमंत्री श्री साय की विशेष पहल से राजिम कुंभ की वैभवता पुनः लौट आई है। संस्कृति मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल की निगरानी में राजिम कुंभ कल्प-2024 इस बार भगवान श्रीराम को समर्पित करते हुए पूरे कुंभ की संरचना श्रीराम की थीम पर आधारित किया गया है। कुंभ मेला परिसर में जगह-जगह भगवान श्रीराम और उनके आराध्य भगवान सदाशिव की प्रतिमाएं रंगोली और कट-आउट जगह-जगह नजर आने से पूरा राजिम राममय नजर आ रहा है।

यहां पर आने वाले स्थानीय लोक मंच के कलाकार सहित राष्ट्रीय स्तर के कलाकारों की गायिकी में भी राम रस बरसता हुआ नजर आ रहा है। भगवान श्री राजीव लोचन जो स्वयं भगवान विष्णु के अवतार है, तो प्रभु श्री राम भी विष्णु के अवतार है और यहां पर श्रीराम की थीम पर आयोजित कुंभ में जगह-जगह विराजे राम को देखकर ऐसा लगता है मानो छत्तीसगढ़ की इस पावन धरा में स्थित लोमश ऋषि आश्रम में मानो पुनः राम पधारे हो और संगम के तट पर राम का राम से मिलन हो रहा है। इस अनुपम छटा का साक्षात्कार जब शाम को लेजर लाइट और साउंड के माध्यम से होता है तब उपस्थित जन समुदाय भक्ति के उस रोमांच से भाव विभूत हो जाता है जिसका वर्णन करना जन-साधारण के लिए असंभव है इस रोमांच को सिर्फ महसूस किया जा सकता है।

झांकी के माध्यम से प्रभु श्री राम के आदर्शो और उनके छत्तीसगढ़ वनवास अवधि को जानने और देखने का मिल रहा अवसर
राजिम कुंभ मेला स्थल में प्रभु श्री राम के जीवन चरित्र और उनके छत्तीसगढ़ वनवास अवधि पर आधारित जीवंत झांकी का प्रदर्शन किया जा रहा है। जोकि मेला में पहुंचने वाले समस्त श्रद्धालुओं को अपनी ओर सहर्ष आकर्षित कर रहा है। लोग धार्मिक सद्भाव और मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के आदर्शो को अनुभव कर इस झांकी आनंद उठा रहे हैं।

मुख्य मंच पर हो रही प्रसिद्ध राष्ट्रीय कलाकारों की प्रस्तुति, 27 फरवरी को मुख्यमंच पर गोपा सान्याल की टीम और उर्वसी साहू लोक कलामंच की प्रस्तुति होगी
मेला में मुख्यमंच पर राष्ट्रीय एवं लोक कलाकारों की प्रस्तुति देखकर दर्शक भी झूमने को मजबूर हो रहे हैं। 24 फरवरी से शुरू हुए राजिम कुंभ के दूसरे दिन रविवार को मुख्यमंच पर छत्तीसगढ़ के फिल्म स्टार राजेश अवस्थी की शानदार प्रस्तुति देखकर दर्शक भी नाचने थिरकने लगे। मुख्य मंच पर कार्यक्रम की पहली प्रस्तुति लोकधारा के संचालक राजेश साहू करडरका कुम्हारी ने गणेश वंदना के साथ शुरूआत की। कुमार पण्डित ने शास्त्रीय गीतों की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति अमर श्रीवास की टीम द्वारा छतीसगढ की परंपरा को जीवंत दिखाने का बखूबी प्रयास किया। मंगलवार 27 फरवरी को मुख्यमंच पर गोपा सान्याल की टीम और उर्वसी साहू लोक कलामंच की प्रस्तुति होगी। अन्य कार्यक्रमों में भावना टांक रायपुर द्वारा गायन, रोशन कुमार साहू नंदनी द्वारा हमर छत्तीसढ़ लोकमंच की प्रस्तति होगी।

राजिम कुंभ मेला में हजारों लोगों को मिल रहा निःशुल्क भोजन
राजिम कुंभ मेला में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं, मेलार्थी को किसी प्रकार की परेशानिया न हो इसका पूरा ख्याल रखा गया है। राजिम मेला पहुंचने के लिए रायपुर, धमतरी, महासमुंद और गरियाबंद चारों जिलों के विभिन्न क्षेत्रों से बसों की सुविधा रखी गई है। वहीं मेला में आए सभी श्रद्धालुओं के मूलभूत सुविधाएं जैसे भोजन, पेयजल, शौचालय की व्यवस्था रखी गई है।

राजिम कुंभ में लोकमंच के कलाकारों ने दर्शकों की वाहवाही लूटी
मुख्य मंच में क्षेत्र के स्थानीय कलाकारों ने अपनी रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुति दी और दर्शकों की वाहवाही लूटी। इसी तारतम्य में शांति साहू और उनके सहयोगी कलाकारों ने भजन गाकर पूरा माहौल भक्तिमय कर दिया। गायिका ऐश्वर्या साहू द्वारा गाया भजन वीर हनुमाना को श्रोताओ ने काफी पसंद किया।


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