जीवन शैली और आत्मा को नया
रूप देती है रामकथा:पं. नीलमणि दीक्षित… नेहरू नगर में श्री राम कथा जारी, भरत को बताया प्रेम का सागर

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भिलाई नगर । शिवानंद योग निकेतन नेहरू नगर भिलाई के तत्वावधान में जारी रामकथा में कथा व्यास पंडित नीलमणि दीक्षित (नित्य सत्संग मंडल दमोह) का दिव्य उद्बोधन जारी है। अपने सुमधुर कंठ से रस विभोर कर देने वाली कथा शैली में छठवें दिन गुरुवार 29 दिसंबर के मानस प्रसंग में उन्होंने कहा कि राम कथा जीवन शैली और आत्मा को नया रूप देती है। श्री रामकथा तन मन को पवित्र कर उज्जवल करने के साथसाथ हमारे जीवन में महान गुणों का समावेश कराती है।

कृष्णा पब्लिक स्कूल नेहरू नगर भिलाई में जारी 7 दिवसीय रामकथा 24 से 30 दिसंबर तक रोजाना अपराह्न 3 बजे से शाम 6 बजे तक जारी है।
गुरुवार को कथा व्यास पं. दीक्षित ने कहा कि राम धर्मपालन के आदर्श प्रतिमान है तो भरत प्रेम के सागर हैं। अपने कथा वाचन के दौरान पंडित नीलमणि दीक्षित ने लय,ताल और सुर के साथ राम और भरत मिलाप के सुंदर भजनों का रसपान कराया तो इस दौरान दर्शक लीन होकर भावविभोर हो झूमने लगे।


आज के मानस प्रसंग में उन्होंने कहा कि चित्रकूट में भगवान राम जब भरत से मिलने जाते हैं तो इतने अधीर हो जाते हैं कि कहीं उनका वस्त्र गिरा कहीं तरकश कहीं धनुष और कहीं बाण। पंडित दीक्षित ने अपने मधुर वाणी में दोहा प्रस्तुत किया-‘बरबस लिए उठाई उर लाए कृपानिधान।भरत राम की मिलन लखि विसरे सबहि अपान’।। अर्थात भगवान कृपानिधान जब प्रेम मूर्ति भरत को अपने गले से लगाते हैं तो इस प्रेम मिलन की रीति को देखकर सब अपनी सुध बुध भूल जाते हैं। पंडित दीक्षित ने इस विलक्षण प्रेम को सुमधुर आवाज में गायन वादन कर बताया, इस दौरान सभी भक्त उनके साथ भक्ति का रसास्वादन करते हुए उनके साथ अश्रुधारा में डूब गए।


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