खैरागढ़ 22 फरवरी 2023। इन्दिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ में स्वातंत्र्योत्तर संस्कृत काव्यों में राष्ट्रीय चेतना पर केंद्रित राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें इस्पात नगरी भिलाई के साहित्याचार्य डा.महेश चंद्र शर्मा ने सत्र की अध्यक्षता की।
डा.शर्मा ने कहा कि वैदिक साहित्य,रामायण,महाभारत और श्रीमद्भागवत गीता के बिना स्वाधीनता की कल्पना नहीं की जा सकती। महर्षि अरविन्द घोष, लोकमान्य पं. बाल गंगाधर तिलक,महात्मा गांधी और नेताजी सुभाषचन्द्र बोस आदि को श्रीमद्भगवद्गीता से अंग्रेजों को परास्त करने की प्रेरणा मिली।
इस दौरान आचार्य डा.शर्मा ने एक मौलिक शोध लेख भी प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि बिलासपुर (छत्तीसगढ़) के आचार्य डा.राजाराम त्रिपाठी विरचित नेहरूमहाकाव्यम् में कुल 16 सर्ग और 1215 श्लोक हैं।
भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू इस महाकाव्य के नायक हैं। इस मौके पर विश्वविद्यालय द्वारा आचार्य डा.शर्मा का शाल-श्रीफल प्रदान कर सम्मान भी किया गया। इस समारोह की मुख्य अतिथि डा.इला घोष जबलपुर,
मुख्य वक्ता डा.मधुसूदन पेन्ना कुलपति कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय रामटेक महाराष्ट्र,डा.नौनिहाल गौतम सागर,अध्यक्षता डा.इन्द्रदेव तिवारी कुलसचिव खैरागढ़ विश्वविद्यालय, विशेष अतिथि डा.काशीनाथ तिवारी अधिष्ठाता कलासंकाय एवं संस्कृत विभागाध्यक्ष एवं संयोजिका डा.पूर्णिमा केलकर संस्कृत विभाग समेत खैरागढ़ विश्वविद्यालय के साहित्य प्रेमी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।