भिलाई नगर 21 जनवरी 2025:- द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) भिलाई लोकल सेंटर, द्वारा सड़क सुरक्षा माह 2025 के अवसर पर शुक्रवार, 17 जनवरी, 2025 को इंजिनियर्स भवन, सिविक सेंटर, भिलाई में सड़क सुरक्षा एवं अभियंताओं की भूमिका विषय पर एक परिचर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अभिजीत कुमार, आई ई एस, रीजनल ऑफिसर, सड़क परिवहन मंत्रालय, भारत सरकार थे।।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि श्री मिथिलेश कुमार देशमुख, पूर्व निदेशक, अभियांत्रिकी मेकान रांची थे।
कार्यक्रम के अतिथि वक्ता के रूप में, एन आई टी रायपुर के सहायक प्राध्यापक डॉ सनी देओल जी एवं श्री हृदय मोहन, पूर्व अधिशासी निदेशक, सेल थे।कार्यक्रम की अध्यक्षता द इंस्टीट्यूशन आफ इंजिनियर्स (इंडिया) भिलाई शाखा के चेयरमैन श्री पुनीत चौबे ने की।मुख्य अतिथि अभिजीत कुमार, आई ई एस, रीजनल ऑफिसर, सड़क परिवहन मंत्रालय भारत सरकार ने अपने उद्बोधन में कहा की विश्व में भारत में हाइवे नेटवर्क का विकास सबसे तेजी से हो रहा है।






अपने उद्बोधन में सर्वप्रथम उन्होंने विश्व में सड़क दुर्घटनाओं एवं इससे होने वाली क्षति से संबंधित आंकड़ों को साझा किया। उन्होंने बताया कि भारत में सड़क दुर्घटना से प्रतिदिन औसतन 500 लोगों की मृत्यु हो रही है जो की चिंताजनक है। उन्होंने भारत में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं के भी चिंताजनक आंकड़े प्रस्तुत किए। इसके साथ ही उन्होंने भारत में सड़क दुर्घटना से होने वाली मृत्यु में मानवीय भूल, सड़क की स्थिति एवं वाहन की स्थिति को प्रमुख कारक बताया। आगे उन्होंने इन कारकों को विस्तार में बताते हुए कहा कि यातायात नियमों का उल्लंघन, सुरक्षा उपकरणों का उपयोग न करना, और ओवर स्पीडिंग जैसी मानवीय गलतियां सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि का कारण हैं।
श्री अभिजीत कुमार ने बताया कि कुल सड़क दुर्घटनाओं का 33 प्रतिशत नेशनल हाइवेज में होता है l उन्होंने कहा कि 72 प्रतिशत दुर्घटनाएं तेज गति से वाहन चलाने की वजह से होती हैं। श्री अभिजीत कुमार ने कहा कि सड़कों पर अतिक्रमण एवं अनियंत्रित पार्किंग भी वाहनों की निर्धारित गति को कम करने की वजह बनते हैं साथ ही दुर्घटना के भी कारक होते हैं।

अपने उद्बोधन में उन्होंने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा सड़क सुरक्षा के प्रति लिए गए प्रमुख कदमों की जानकारी दी। इसमें चार ‘इ’ ‘एजुकेशन’ , ‘इनफोर्समेंट, ‘इंजीनियरिंग’, और इमरजेंसी रिस्पांस’ के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। श्री अभिजीत ने सुरक्षित सड़क यातायात में इंजीनियरिंग एवं इंजीनियर्स की भूमिका को काफी महत्वपूर्ण बताया। इसमें उन्होंने सड़क निर्माण में सड़क सुरक्षा लेखा परीक्षकों एवं विशेषज्ञों द्वारा सड़क सुरक्षा ऑडिट, ब्लैक स्पॉट एवं यातायात नियंत्रण के लिए किए जा रहे महत्वपूर्ण इंजीनियरिंग कार्यों को बताया। श्री कुमार ने सड़क दुर्घटना के आंकड़ों की रिपोर्टिंग और विश्लेषण के लिए भारत सरकार के सड़क परिवहन मंत्रालय की पहल ई डार एवं आई रैड की भी विस्तारपूर्वक जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि इस प्रणाली के माध्यम से पूरे देश में हो रही सड़क दुर्घटनाओं की पूरी जानकारी एकत्र कर उसका विश्लेषण किया जाएगा और सड़क यात्रा को और अधिक सुरक्षित बनाने का प्रयास होगा।

श्री अभिजीत कुमार ने दुर्घटना प्रबंधन प्रणाली और और घटना प्रबंधन सेवाओं के तहत राजमार्गों पर कैमरे, कमांडर केंद्र स्थापित करने एवं ई-चालान के लिए ए आई तकनीक के उपयोग की जानकारी दी।
अंत में उन्होंने बताया कि सड़क यातायात को और सुगम एवं सुरक्षित बनाने हेतु भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड की स्थापना की गई है जिसके द्वारा भारत मे सड़क सुरक्षा, नवाचार और नवीन तकनीक के द्वारा यातायात और वाहनों के संचालन को बेहतर तरीके से नियंत्रित किया जा सकेगाI
अतिथि वक्ता प्रोफेसर सनी देओल ने अपने प्रस्तुतिकरण में सड़क की योजना, उसकी डिजाइन, और सड़क सुरक्षा से संबंधित सभी पहलुओं पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारत सड़क दुर्घटनाओं के मान से विश्व में पांचवे स्थान पर है जो कि गहन चिंतन का विषय है और इस दिशा में त्वरित कार्रवाई की जरूरत है। श्री देओल ने कहा कि विश्व के सभी देशों में सड़क सुरक्षा से जुड़े मुख्यत: पांच बिंदुओं – वाहन की गति, नशे में वाहन चालन, हेलमेट, सीट बेल्ट और बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर नियम और कानून बनाए गए है। उन्होंने कहा कि जिन भी देशों में इस बारे में कठोर कानून और उनका प्रभावी क्रियान्वयन है वहां सड़क दुर्घटनाओं का औसत कम हुआ है। श्री सनी देओल ने पूरे विश्व के परिदृश्य में बात करते हुए कहा कि आधे से ज्यादा लोगों की मृत्यु सिर्फ सड़क दुर्घटनाओं में हो रही है । उन्होंने सड़क दुर्घटनाओं के प्रकार और इनमें विभिन प्रकार के सड़क उपयोगकर्ता का प्रतिशत, उनमें हुई मृत्यु एवं क्षति को आंकड़ों के माध्यम से प्रस्तुत किया। श्री देओल ने कहा कि सड़क डिजाइन और निर्माण, वाहन डिजाइन एवं उत्पादन तथा यातायात नियंत्रण में हमे बुजुर्ग चालक और बुजुर्ग सड़क उपयोग कर्ताओं का भी ध्यान रखना होगा । श्री देओल जी ने कहा कि हम अधिकतर दुर्घटनाओं का दोष सड़क उपयोगकर्ता को देते हैं जो कि पूरी तरह सही नहीं है। उन्होंने कहा कि सड़क के आसपास की परिस्थितियों जैसे अतिक्रमण, यातायात चिन्हों की कमी, वाहन डिजाइन की गलतियां आदि भी इसके लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि रात में दुर्घटनाओं की संभावना अधिक होती है और साइकिल, हाथ ठेला, रिक्शा आदि पर कोई रिफ्लेक्टर नहीं होना भी कई बार दुर्घटना का कारण बनता है। श्री सनी देओल ने विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से बताया कि सड़क सूचक चिन्हों की सड़क यातायात सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। श्री देओल ने कहा कि भविष्य में भारत में सड़क सुरक्षा अभियंताओं और रोड सेफ्टी ऑडिटर की बहुत अधिक संख्या में आवश्यकता होगी जो कि सुरक्षित सड़क यातायात के साथ साथ रोजगार के अवसर भी प्रदान करेंगे।
विशिष्ट अतिथि श्री मिथिलेश कुमार देशमुख, पूर्व निदेशक, मेकान, रांची ने कहा कि सड़क निर्माण में उसकी डिज़ाइन और गुणवत्ता दोनो बहुत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि माननीय सड़क परिवहन मंत्री जी द्वारा दोषपूर्ण सड़क निर्माण को गैर-जमानती अपराध बनाया जाने और सड़क ठेकेदारों और इंजीनियरों को दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार ठहराया जाने की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि इससे जुडी अन्य एजेंसीज को भी इसके दायरे में लेना चाहिए| श्री देशमुख ने अपने नाइजीरिया प्रवास के संस्मरण साझा करते हुए कहा कि वहां अधिकतर सड़क उपयोगकर्ता यातायात से जुड़े सभी नियमों का पालन करते हैं| उन्होंने कहा कि सड़क के उपयोग में सभी को नियमों कि जानकारी होने और पालन करने से सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी | श्री देशमुख ने कहाँ कि हामरे देश में सबसे बेहतरीन योजना बनती है पर हम लोग कार्यान्वयन में असफल हो जाते हैं | श्री देशमुख ने विश्व बैंक के अध्ययन का जिक्र करते हुए कहा कि सड़क में 1 डॉलर का निवेश 16 डॉलर का लाभ प्रदान करता है|

अतिथि वक्ता श्री हृदय मोहन, पूर्व अधिशासी निदेशक, सेल ने अपने उदबोधन में कहा कि सड़क उपयोगकर्ताओं में अनुशासन की बहुत कमी है जिसकी वजह से दुर्घटना होती है| उन्होंने कहा कि मानव जीवन बहुत महत्त्वपूर्ण है और सड़क निर्माण अभियंताओं और अन्य सभी एजेंसीज को अपने कर्तव्यों के प्रति सजग और समर्पित होना चाहिए| उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा माह आवश्यक है पर यह सिर्फ रस्म अदायगी तक सीमित ना रहे ना हो अपितु इनमे लिए गए सभी संकल्पों का पूरी इमानदारी से पालन किया जाना चाहिए| उन्होंने चीन का उदहारण देते हुए कहा कि वहां कोई भी दुपहिया वाहन चालक रास्ट्रीय राजमार्ग का उपयोग नहीं कर सकता | उन्होंने भारत के प्राचीन इतिहास में इंदौर की महारानी देवी बाई अहिल्या द्वारा अपने कार्यकाल में सड़क निर्माण को दी गयी प्राथमिकता का भी जिक्र किया|

अपने स्वागत भाषण में द इंस्टीट्यूशन आफ इंजिनियर्स (इंडिया) भिलाई शाखा के चेयरमैन श्री पुनीत चौबे ने कहा कि में सड़क मानव जीवन का एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण अंग है| उन्होंने कहा कि आज के आधुनिक विश्व में जैसे जल और बिजली की भूमिका वैसे ही सड़क के बिना जीवन अत्यंत कठिन है | चाहे मरीज को अस्पताल पहुचना हो, बच्चों को स्कूल जाना हो, एक शहर से दुसरे शहर जाना हो , लोगो को अपने कार्यस्थल पर जाना हो सड़क के बिना यह बहुत मुश्किल है | श्री चौबे ने कहा प्रतिवर्ष सड़क दुर्घटनाओं में अनेक मौते होती हैं और बहुत लोग अपंगता का शिकार हो जाते हैं | उन्होंने कहा कि चाहे सड़क का निर्माण हो या उसपर चलने वाले वाहनों का उत्पादन दोनों में अभियंताओं कि भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है|
इस अवसर पर सड़क परिवहन मंत्रालय रायपुर, भिलाई इस्पात संयंत्र, एन एस पी सी एल एवं राज्य शासन के अधिकारी, संस्था के पूर्व अध्यक्ष श्री बी पी यादव, संस्था के सम्मानित सदस्यगण, रूंगटा इंजीनियरिंग कॉलेज, दुर्ग पॉलीटेक्निक के संकाय सदस्य और छात्र उपस्थित थे। धन्यवाद ज्ञापन श्री अर्चित तिवारी ने दिया |




