नाबालिग बच्चे को आरपीएफ ने उसके अभिभावक से मिलाया : बच्चे को परिजन से मिलाकर लाए चेहरे पर मुस्कान

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भिलाई नगर। आए दिन ऐसी घटनाएं देखने या सुनने को मिल जाती है, जो यह सोचने पर मजबूर कर देती है कि खाखी वर्दी का यह भी रूप होता है। एक मां के लिए खाखी वर्दी वाले देवदूत बन गए और उसे उसकी खोई खुशियां लौटा दीं। ऐसे ही एक घटना भिलाई-3 आरपीएफ में देखने को मिला। जब 10 जून को दुर्ग रायपुर लोकल जो रेलवे स्टेशन भिलाई प्लेटफार्म नम्बर 1 में रात्रि 0.20 बजे पर पहुंची, जिसमें एक बालक जिसका उम्र लगभग 10 वर्ष सायकल के साथ उतरा।

संदेह के आधार पर आरक्षक एच.आर.सैनी के द्वारा पूछताछ करने पर अपना नाम -साकेत चन्द्रकार पिता सनत चंद्राकर निवासी-नेहरु नगर भिलाई बताया एवं पूछने पर किसी का मोबाईल नम्बर नहीं बताया। जिसकी सूचना उपनिरीक्षक आर.के.राठौर को दिया गया। उक्त बालक को आगे पूछताछ करने पर बताया कि वह 9 जून को दोपहर अपने घर से सायकल के साथ खेलने के लिए बिना बताये निकला था और वह सायकल चलाते हुए दुर्ग रेलवे स्टेशन पहुंच गया।

समय ज्यादा होने के कारण एवं जल्दी घर पहुंचने के लिए वह सायकल के साथ लोकल गाडी में बैठकर भिलाई पावर हाउस के लिए चढ़ गया किन्तु उक्त गाडी ठहराव कम होने एवं सायकल के साथ नहीं उतर पाने के कारण आगे स्टेशन भिलाई-03 में उतर जाना बताया और वह भिलाई 03 स्टेशन में उतर गया। चुंकि उक्त बालक के द्वारा किसी भी रिस्तेदार या माता-पिता का मोबाईल नम्बर मालूम नहीं होने के कारण उसे आरपीएफ बैरक भिलाई में रखा गया। बालक को 10 जून को उपनिरीक्षक आर.के राठौर के नेतृत्व में हमराह प्र.आ. डी.चौहान, आऱक्षक एच.आर.सैनी व आरक्षक जय कुमार के साथ उक्त बालक के द्वारा बताये हुए पते नेहरु नगर भिलाई पर पहुंचे तो वहॉ पर पुन: साकेत कालोनी दुर्ग बताया ऐसे में उनके पते की जानकारी लगा पाना मुश्किल हो रहा था।

वाट्सएप ग्रुप बना माध्यम
वहॉ पर जैसे पहुंचे तो वहॉ पर पुलिस स्टॉफ के द्वारा उक्त बालक को पहचानते हुए बताया कि उक्त बालक का फोटो उनके ग्रुप में वायरल हुआ है जिसके रिस्तेदार का मोबाइल नम्बर प्रदान किया। बात करने पर डिलेश्वर चन्द्रकार बताते हुए उक्त साकेत चन्द्रकार का रिस्तेदारी में फूफा होना बताया और बालक निवास स्थान कोलिहापुरी थाना-पुलगांव, होना बताया। उन्होंने बताया कि साकेत चन्द्राकर 9 जून को शाम 3 बजे बिना बताये सायकल लेकर घर से निकल गया था और देर रात तक नहीं आने पर उसका रिपोर्ट स्थानीय पुलिस थाना पुलगांव में रिपोर्ट दर्ज कराये थे।

सूचना पर पहुंची माता, कहा थैक्यू आरपीएफ
सूचना दिए जाने पर बालक की माता श्रीमती कविता चंन्द्राकर एवं रिस्तेदार डिलेश्वर चंन्द्राकर एवं अन्य रे.सु.ब पोस्ट भिलाई पहुंचे। वहॉ पर कविता चन्द्राकर ने उक्त बालक को भली-भॉती पहचानते हुए बताया कि मेरा बेटा है बीते दिवस बजे सोकर उठी तो मेरा बेटा साकेत घर पर नहीं था एवं उसका सायकल भी नहीं था। सोने के पहले उसके लडके ने बोला था कि आप सो जाओं मैं घर में खेल रहा हूॅ। देर रात तक वापस नहीं आने पर किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा बहला फुसलाकर ले जाने के संदेश के आधार पुलिस थाना पुलगांव में रिपोर्ट दर्ज करवायी थी।

एसआई ने पूछा गलत व्यवहार या मारपीट तो नहीं की
साहब द्वारा पुछने पर उक्त बच्चे के साथ किसी प्रकार का कोई गलत व्यवहार या मारपीट नहीं किया गया। और साहब द्वारा बताया गया कि उक्त बच्चा को रात्री में सायकल के साथ भिलाई स्टेशन में उतरते हुए पाये जाने पर पूछताछ किये थे और नाम व पता नहीं बताने के कारण सुरक्षित आरपीएफ बैरक में रखे थे। अत: उक्त बच्चा का उतावलेपन से खेलते हुए दुर्ग स्टेशन पहुंच गया एवं घर जल्दी पहुंचने के कारण लोकल गाडी में चढ कर भिलाई आ गया। उसके पश्चात् मुख्य स्टेशन प्रबंधक श्री हिमांशु कुमार भिलाई के समक्ष उपनिरीक्षक आर.के.राठौर के द्वारा पूर्ण जांच पड़ताल कर उक्त बालक साकेत को उसके परिजन माता कविता चंन्द्राकर व रिश्तेदार को सही सलामत सुपूर्द किया। इसके लिए उक्त बालक के परिजनों के द्वारा रेसुब द्वारा किये गये कार्य की प्रशंसा कर आभार व्यक्त किया।


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