बलरामपुर में बवाल :- अस्पताल के चपरासी ने थाने में लगाई फांसी, आक्रोशित लोगों ने किया चक्काजाम, थाने पर भी पथराव….

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बलरामपुर 24 अक्टूबर 2024:-  बलरामपुर थाने में पूछताछ के लिए बुलाए गए अस्पताल के चपरासी ने गुरुवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना से बलरामपुर पुलिस में हड़कंप मच गया है। चपरासी ने फांसी क्यों लगाई? इसका पता नहीं चल सका है। घटना से आक्रोशित लोगों ने थाने के सामने जमकर हंगामा किया एवं एसपी कार्यालय के सामने एनएच 343 में चक्काजाम कर दिया।

जानकारी के अनुसार बलरामपुर हॉस्पिटल में पदस्थ चपरासी गुरूचंद मंडल (30 वर्ष) की पत्नी करीब 20 दिनों से गायब हो गई थी। इस मामले में शिकायत बलरामपुर थाने में की गई थी। पत्नी की गुमशुदगी को लेकर बलरामपुर पुलिस द्वारा गुरूचंद मंडल को थाने में कई बार पूछताछ के बुलाया जा चुका है। गुरुवार को भी पुलिस ने उसे पूछताछ के लिए दोपहर करीब दो बजे थाने बुलाया था।

गुरूचंद मंडल दोपहर में बलरामपुर थाने पहुंचा एवं उसने थाने के बाथरूम में जाकर फांसी लगा ली। जब पुलिसकर्मियों को इसका पता चला तो हड़कंप मच गया। गुरूचंद मंडल ने अपने गमछे से बाथरूम में फांसी लगा ली थी। घटना की सूचना पर बड़ी संख्या में चिकित्सक थाने पहुंच गए। लोगों ने थाने के सामने जमकर नारेबाजी की। घटना के बाद परिजनों को भी पुलिस ने थाने में बुला लिया है।

आक्रोशित लोगों ने थाने एवं एसपी कार्यालय के सामने एनएच 343 में चक्काजाम कर दिया। लोग पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। चिकित्सकों ने की निष्पक्ष जांच की मांग बलरामपुर अस्पताल में पदस्थ बीपीएम स्मृति एक्का ने बताया कि पुलिस गुरूचंद मंडल को कई दिनों से पूछताछ के लिए बुला रही थी। वह आज थाने पहुंचा था। सवाल यह है कि इतनी संख्या में पुलिसकर्मियों के होते हुए उसने थाने में फांसी कैसे लगा ली?

इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। फिलहाल आश्वासन के बाद चक्काजाम समाप्त कर दिया है। थाने पर पथराव के बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े-इसके बाद भी लोगों का आक्रोश थमा नहीं और हंगामा जारी रहा। थोड़ी ही देर बाद थाने के बाहर जमा लोगों ने पुलिस वालों और थाना परिसर पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। स्थित काबू से बाहर होता देख पुलिस ने आंसू गैस के गोले थाने के सामने ही फेंके।

लेकिन उसका भी भीड़ पर कोई असर होता नहीं दिखा।  सरगुजा आईजी अंकित गर्ग ने कहा कि युवक की पत्नी लापता है। उसे पूछताछ के लिए थाने में बुलाया गया था। मामले में पुलिस हिरासत में मौत को लेकर मानवाधिकार आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के तहत कार्रवाई की जा रही है।


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