द्रौपदी चीरहरण से लेकर शिशुपाल वध तक के दृश्य जीवंत हुए पंडवानी समारोह में…… ग्राम बासीन में पंडवानी गुरु झाड़ूराम देवांगन की याद में 3 दिवसीय पंडवानी समारोह जारी..

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भिलाई नगर 24 दिसंबर 2022:! पंडवानी के पुरोधा और गुरु दिवंगत झाड़ू राम देवांगन के गृहग्राम बासीन भिलाई में छत्तीसगढ़ आदिवासी लोक कला अकादमी, छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद, संस्कृति विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा आयोजित पंडवानी समारोह के दूसरे दिन शनिवार 24 दिसंबर की रात महाभारत के अलग-अलग प्रसंगों की कलाकारों ने सधी हुई प्रस्तुतियां दी।

इस दौरान चीरहरण से लेकर शिशुपाल वध तक के प्रसंगों को पंडवानी के सिद्ध कलाकारों ने ग्रामीणों के सम्मुख जीवंत कर दिया। इन प्रस्तुतियों को देखने सुनने हजारों की तादाद में स्थानीय सहित आस-पास के तमाम ग्रामवासी मौजूद थे।

 दूसरे दिन के कार्यक्रम की शुरूआत पंडवानी के पुरोधा दिवंगत झाड़ूराम देवांगन के तैलचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर हुई। छत्तीसगढ़ आदिवासी लोककला अकादमी के अध्यक्ष नवल शुक्ल ने  पंडवानी  गुरू  झाड़ूराम  देवांगन के पंडवानी के प्रति योगदान का स्मरण किया। ग्राम बासीन के पंच-सरपंचगणों ने भी स्व. झाड़ूराम की स्मृति को नमन किया।

आयोजन की  शुरूआत  नन्हें  पंडवानी  कलाकार 10 वर्षीय गुलशन निषाद की प्रस्तुति से हुई। जिसमें उन्होंने पाताल लोक यात्रा का प्रसंग पंडवानी शैली में सुना कर उपस्थित लोगों को भाव-विभोर कर दिया। एक नन्हें बालक की जुबानी पंडवानी प्रसंग सुन कर ग्रामीणों ने खूब तालियां बजाई।

इसके बाद पंडवानी की चर्चित कलाकार ऋतु वर्मा मंच पर आई। उन्होंने द्रौपदी चीरहरण के विशिष्ट शैली में मंच पर जीवंत कर दिया। ऋतु वर्मा भी अरसे बाद  ग्रामीणों  के  समक्ष प्रस्तुति देने उपस्थित हुई थी। दिवंगत झाड़ूराम देवांगन की परंपरा के वेदमति शैली के वरिष्ठ पंडवानी कलाकार प्रहलाद निषाद ने महाभारत के अलग-अलग प्रसंग प्रस्तुत किए। वहीं कन्हैया बांधे ने शिशुपाल वध का रोचक वर्णन किया, जिससे यह पूरा प्रसंग ग्रामीणों के समक्ष सजीव हो उठा। अमृता साहू ने अर्जुन-शंकर युद्ध का दृश्य अपनी पंडवानी के माध्यम से प्रस्तुत किया, जिसकी ग्रामीणों ने सराहना की। चेतन देवांगन ने विराट पर्व की प्रस्तुति दी। सभी पंडवानी कलाकारों का संस्कृति विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा सम्मान किया गया।

देर रात तक चले इस आयोजन में ग्रामीण सभी प्रस्तुतियों को दम साधे देखते रहे। रोचक प्रसंगों पर पंडवानी कलाकारों ने खूब तालियां बटोरी। इस मौके पर ग्राम बासीन के उपसरपंच पवन सोनी, ओमप्रकाश साहू, डॉ. त्रिलोकी मढ़रिया, डॉ. ए. आर सोनी, डॉ. तरूण वर्मा, रामखिलावन कौशिक, चंद्रिका साहू और राकेश बंछोर सहित समस्त ग्रामवासियों का विशेष सहयोग रहा।

अंतिम दिन भी होगी दिग्गजों की प्रस्तुति

छत्तीसगढ़ शासन के इस आयोजन में अंतिम दिन रविवार 25 दिसंबर की शाम अर्जुन सेन, शांति चेलक, प्रभा यादव व उषा बारले की प्रस्तुति होगी। यह अपनी तरह का पहला अवसर होगा जब एक ही मंच पर वेदमति और कापालिक शैली की पंडवानी को एक के बाद देखने-सुनने का अवसर ग्रामीणों को मिल रहा है।


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