रायपुर 22 नवंबर 2023 :- सट्टेबाजी में मनी लांड्रिंग और हवाला केस में जेल में बंद ड्राइवर औद्योगिक क्षेत्र हाउसिंग बोर्ड भिलाई निवासी असीम दास उर्फ बप्पा की एक चिट्ठी सोशल मीडिया में वायरल हो रही है। उसने जेल के भीतर से ईडी के डायरेक्टर को चिट्ठी लिखकर निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कहा कि उसे साजिश कर फंसाया गया, कैश कुरियर बॉय बताया गया। जबकि उसने किसी कांग्रेसी नेता, सीएम भूपेश बघेल या वर्मा को कभी पैसा नहीं पहुंचाया है। आज तक उनसे मिला भी नहीं है। गौरतलब है कि इसी ड्राइवर असीम के बयान को आधार बनाते हुए ईडी ने प्रेसनोट जारी कर दिया था कि उसके जरिए सरकार को 508 करोड़ रुपए पहुंचाए गए हैं। असीम ने ईडी से शिकायत की है कि उसे 508 करोड़ के बारे में कुछ पता नहीं और उसने ईडी को ऐसा कोई बयान नहीं दिया है।
वह जब जेल आया और अखबार पढ़ा, तब पता चला कि ईडी ने उस पर झूठा आरोप लगा दिया। असीम ने इस चिट्ठी में लिखा कि उसके बचपन के दोस्त शुभम सोनी उर्फ पिंटू ने उसे अक्टूबर में दुबई बुलाया था। वहां उसने ठेकेदारी करने का झांसा दिया। फिर दूसरी बार छत्तीसगढ़ से दुबई बुलाया। वहां तीन दिन रूकवाने के बाद रायपुर भेज दिया।
शुभम के कहे अनुसार पूरी प्लानिंग के तहत उसे फंसाया गया है। उससे जब्त सिम और मोबाइल की जांच होनी चाहिए। यही नहीं, मोबाइल में वीडियो कहां से आया और किसने डाला है, यह जांचा जाए। होटल में लगे सीसीटीवी कैमरे की जांच करनी चाहिए काले रंग की बाइक में बैग लेकर कौन आया था और किसके कहने पर रुपयों से भरा बैग छोड़ गया? वहां मास्क लगाया व्यक्ति कौन था, उसकी गिरफ्तारी करनी चाहिए। 5 नवंबर को दुबई से यूरोप जाने वाली फ्लाइट टिकट की भी जांच करनी चाहिए। असीम ने इससे पहले 10 अक्टूबर को कोर्ट में भी अर्जी लगाई है।
चिट्ठी में दावा… दुबई छोड़कर भाग गए सट्टा प्रमोटर
असीम का आरोप है कि सौरभ, रवि और शुभम तीनों दुबई छोड़कर चले गए हैं। जब उसकी शुभम से आखिरी मुलाकात हुई तब उसने कहा था कि 5 नवंबर की उसकी यूरोप की फ्लाइट है। उसने जब सट्टेबाजी के बारे में पूछा तो शुभम ने कहा कि रवि और सौरभ की ईडी के बड़े अधिकारी मिश्रा सेटिंग हो गई। वहां कोई खतरा नहीं है। उसे शक है कि तीनों यूरोप या एम्स्टर्डम में है।
ईडी ने अंग्रेजी में लिखे बयान पर लिए दस्तखत
असीम दास ने कोर्ट में आवेदन लगाया है कि वह 10वीं तक पढ़ा है। उसे अंग्रेजी नहीं आती है। ईडी वालां ने अंग्रेजी में लिखे बयान पर जबरदस्ती हस्ताक्षर कराया है। उसे पता ही नहीं है कि उसके बयान में क्या लिया है। ईडी ने 7 दिन की रिमांड में लिया, लेकिन कोई पूछताछ नहीं की। कुछ जांच भी नहीं की गई। उसे सिर्फ बिठाकर रखा गया। ईडी खानापूर्ति करती रही।
सट्टेबाजी के प्रमोटरों ने ही रचा है पूरा षड्यंत्र
असीम का आरोप है कि 8 अक्टूबर को शुभम से मिलने दुबई गया था। शुभम ने ही उसे टिकट भेजकर घूमने बुलाया था। वहां से मुलाकात हुई। वह चार दिन बाद वापस आ गया। उसे दूसरी बार 25 अक्टूबर को शुभम ने बुलाया। वहां उसने झांसा दिया कि छत्तीसगढ़ में ठेकेदारी करना है। उसने उसी काम को देखने के लिए एप्पल का महंगा फोन लाकर दिया। उसमें सिम पहले से लगा था। उसने मेरा पुराना फोन रख लिया। यहां 1 नवंबर को रायपुर पहुंचकर फ्लाइट से उतरा और पार्किंग में गया। मुझे बताया गया था कि वहां कार खड़ी है। कार नंबर के आधार पर मुझे गाड़ी मिल गई, उसमें चाबी लगी थी। मैं वहां से सीधे होटल ट्रायटन गया। वहां मेरे लिए कमरा नंबर 311 बुक था। मुझसे कहा गया कि उसी कमरे में इंतजार करना।
इसी दौरान शुभम के नाम से फोन आया और कहा गया कि होटल के बाहर मेनरोड में आओ। वहां बाहर गया तो मास्क लगाकर युवक आया उसने मुझे फोन दिया। मैं फोन लेकर पार्किंग में चला गया। फिर फोन आया कि गाड़ी के भीतर बैठ जाओ और डिक्की खोल दो। मैंने डिक्की जैसे ही खोली काले रंग की बाईक में हेलमेट व्यक्ति आया। उन्होंने डिक्की में दो बैग रखे और चले गए। 15 मिनट बाद फिर डिक्की खोलने का फोन आया। डिक्की खोलते ही लोग आए और तीन बैग रखकर चले गए। फिर एक युवक आया मेरो फोन को लेकर चला गया। मैंने उसने एप्पल का वही फोन दिया जो मुझे दुबई में दिया गया था। मैंने बैठे बैठे चेक किया तो उसमें शुभम के कई वीडियो और वाइस मैसेज थे। मुझे वहां से कमरे में जाने को कहा गया। पांच मिनट बाद किसी ने दरवाजा खटखटाया। दरवाजा खोलातो एक व्यक्ति भीतर आया। उसने कहा कि सामान उठा लो। उनमें कुछ लड़कियां भी आई थीं। मुझे गाड़ी के पास ले जाया गया। उसने गाड़ी खोलते पूछा कि किसका पैसा है? मैंने पूछा कि आप लोग कौन हैं? तब उन्होंने बताया कि हम ईडी वाले हैं। वह ईडी अधिकारी ठंडीलाल मीणा थे। ईडी वालों की बातों से लग रहा था कि उन्हें पता है कि पैसा कहां और किसने रखा है। असीम का आरोप है कि शुभम सट्टेबाजी का प्रमोटर नहीं है। प्रमोटर भिलाई के दो युवक हैं।