राजनीति की मुख्य धारा से अलग हो चुके पुराने कार्यकर्ताओं की हो रही तलाश
00 अधिकृत प्रत्याशी के पक्ष में काम करने मान मनौव्वल की कोशिश जारी
00 चुनाव में जीत के लिए कांग्रेस और भाजपा के नेता नहीं छोड़ रहे कसर….

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भिलाई नगर 29 अक्टूबर 2023 / विधानसभा चुनाव में अपनी जीत को पुख्ता बनाने कांग्रेस और भाजपा ने कमर कस ली है। इसके लिए समाज प्रमुखों को साधने के साथ ही राजनीति की मुख्य धारा से अलग हो चुके पुराने कार्यकर्ताओं की तलाश शुरू हो गई है। ऐसे कार्यकर्ताओं को पार्टी अधिकृत प्रत्याशी के पक्ष में काम करने मान मनौव्वल हो रही है। इसके अलावा भी अन्य गतिविधियों के माध्यम से चुनावी समीकरण को पक्ष में साधने कांग्रेस और भाजपा के नेता कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।


विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशी तय होने के बाद अपनी-अपनी जीत की राह को आसान बनाने की रणनीति पर विचार किया जा रहा है। इसके तहत दोनों ही प्रमुख पार्टी के चुनाव संचालक अथवा प्रभारियों ने समाज प्रमुखों को साधने का प्रयास तेज कर दिया है। वहीं अब ऐसे पुराने कार्यकर्ताओं की तलाश शुरू कर दी गई है जिन्होंने कभी चुनावी राजनीति से अहम किरदार निभाया था। इनमें से कईं कार्यकर्ताओं ने पार्टी में सम्मान नहीं मिलने या फिर अपनी निजी व्यस्तता के चलते राजनीति की मुख्य धारा से खुद को अलग कर लिया है। कांग्रेस और भाजपा के नेता अब इस चुनाव में उनकी योग्यता का उपयोग अपने प्रत्याशी की जीत के राह को आसान बनाने में करना चाह रहे हैं।


बताया जाता है कि देर रात तक चलने वाली बैठकों में कांग्रेस और भाजपा संगठन के पदाधिकारियों के बीच अपनी अपनी पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं की चर्चा हो रही है। ऐसे कार्यकर्ताओं से चुनाव के समय काम लेने के इरादे से उनकी वर्तमान मौजूदगी का पता लगाया जा रहा है। वहीं मोबाइल फोन के जरिए भी चुनाव में पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में काम करने के लिए उनसे मनुहार किया जा रहा है। इस दौरान पार्टी से मिली उपेक्षा और असहयोग का हवाला देकर कुछ पुराने कार्यकर्ताओं के द्वारा मौजूदा नेताओं को खरी खोटी तक सुनाई जा रही है। ऐसे कार्यकर्ताओं के घर तक पहुंचकर विचारधारा का हवाला देते हुए चुनाव में पार्टी प्रत्याशी को जिताने आग्रह किया जा रहा है।


गौरतलब रहे कि समय के साथ दुर्ग जिले की सभी छह विधानसभा सीटों का राजनीतिक समीकरण में बदलाव आया है। इस बदलाव के बीच प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के संगठन के चेहरे भी बदलते रहे हैं। लिहाजा दोनों ही पार्टियों के अनेक पुराने कार्यकर्ताओं ने अपने आपको किसी न किसी कारण से राजनीति की मुख्य धारा से अलग थलग कर लिया है।

इनमें भिलाई – दुर्ग के सभी निकायों से पार्षद रह चुके भी शामिल हैं। पार्षदी खत्म होने के बाद ज्यादातर की अपनी पार्टी में पूछ-परख नहीं हुई तो उन्होंने चुनावी राजनीति से किनारा कर लिया है। ऐसे पुराने पार्षदों की तलाश कर उन्हें फिर एक बार कांग्रेस और भाजपा अपने प्रत्याशी के पक्ष में काम करने के लिए मनुहार कर रही है।


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