साढ़े 24 लाख किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना की 1895 करोड़ रूपए की दूसरी किश्तमुख्यमंत्री  भूपेश बघेल 20 अगस्त को महासमुन्द में आयोजित कार्यक्रम में किसानों के खाते में राशि का करेंगे अंतरण…..राज्य के किसानों को अब तक मिल चुकी है 20,103 करोड़ रूपए की इनपुट सब्सिडीहितग्राहियों को हो चुका है 541.66 करोड़ का भुगतान

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रायपुर, 18 अगस्त 2023/भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री राजीव गांधी की जयंती के अवसर पर 20 अगस्त को राजीव गांधी किसान न्याय योजना की दूसरी किश्त की राशि 1894 करोड़ 93 लाख रूपए जारी की जाएगी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को महासमुन्द में आयोजित कार्यक्रम में 24 लाख 52 हजार 592 किसानों को ऑनलाईन राशि का अंतरण उनके बैंक खातों में करेंगे। इस योजना के तहत शेष दो किश्तों की राशि का अंतरण किसानों को अक्टूबर और मार्च महीने में किया जाएगा, जो लगभग 4000 करोड़ रुपए की होगी। छत्तीसगढ़ सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में इस योजना के तहत 6800 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा है, परन्तु बीते खरीफ सीजन में पंजीकृत किसानों की संख्या, रकबा और धान की रिकार्ड खरीदी को देखते हुए इस योजना के तहत किसानों को दी जाने वाली इनपुट सब्सिडी की यह राशि लगभग 8000 करोड़ होने का अनुमान है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत लाभान्वित होने वालों में धान, कोदो-कुटकी, रागी, दलहन-तिलहन, धान के बदले अन्य फसल उत्पादक किसान तथा वृक्षारोपण करने वाले कृषक शामिल हैं।

गौरतलब है कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत कृषि लागत में कमी लाने, फसल विविधिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से खरीफ फसलों के उत्पादक कृषकों को प्रति एकड़ के मान से 9 हजार रूपए की इनपुट सब्सिडी दी जा रही है। खरीफ वर्ष 2019 से लागू इस योजना के तहत राज्य के किसानों को अब तक 20 हजार 103 करोड़ रूपए की इनपुट सब्सिडी दी जा चुकी है। चालू वित्तीय वर्ष में इस योजना के तहत मिलने वाली की दूसरी किश्त की राशि को मिलाकर यह आंकड़ा 21,997 करोड़ 96 लाख रूपए हो जाएगा।

राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत खरीफ वर्ष 2019 के धान उत्पादक 18.43 लाख किसानों को 10 हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से 5627 करोड़ 2 लाख रूपए इनपुट सब्सिडी के रूप में वितरित किया गया था, जब कि खरीफ वर्ष 2020 के धान उत्पादक 20.59 लाख किसानों को 5553 करोड़ 8 लाख रूपए का भुगतान उनके बैंक खातों में किया गया। वर्ष 2021 से इस योजना में समस्त खरीफ फसलों एवं उद्यानिकी फसलों को शामिल किया गया है एवं उत्पादक कृषकों को प्रति वर्ष प्रति एकड़ के मान से 9 हजार रूपए इनपुट सब्सिडी दी जा रही है। वर्ष 2020-21 में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किए गए रकबे में धान के बदले अन्य फसलों की खेती, उद्यानिकी फसल अथवा वृक्षारोपण करने पर प्रति एकड़ 10 हजार रूपए की इनपुट सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान है। खरीफ वर्ष 2021 में विभिन्न फसलों, उद्यानिकी फसलों के उत्पादक 23.35 लाख कृषकों को 7028 करोड़ रूपए की इनपुट सब्सिडी का भुगतान उनके बैंक खातों में किया जा चुका है।

राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत छत्तीसगढ़ में किसानों को दी जा रही इनपुट सब्सिडी के चलते राज्य में खेती-किसानी को बड़ा संबल मिला है। खेती छोड़ चुके लोगों का रुझान फिर से खेती की ओर बढ़ा है। वर्ष 2017-18 की तुलना में राज्य में धान विक्रय करने वाले किसानों की संख्या में 11 लाख से अधिक की वृद्धि और उपार्जित धान की मात्रा दोगुनी हो गई है। वर्ष 2018-19 से लेकर अब तक हर साल राज्य में धान की रिकॉर्ड खरीदी हुई है। छत्तीसगढ़ सेंट्रल पूल में धान देने के मामले में देश का दूसरे नंबर का राज्य बन गया है। समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों की संख्या के मान से यदि देखा जाए, तो छत्तीसगढ़ राज्य देश में पहले नंबर पर है।

मुख्यमंत्री गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को 20 अगस्त को करेंगे 9.65 करोड़ का भुगतान

हितग्राहियों को हो चुका है 541.66 करोड़ का भुगतान

/मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को 20 अगस्त को महासमुन्द में आयोजित कार्यक्रम में 9.65 करोड़ रूपए की राशि का अंतरण उनके बैंक खातों में करंेगे। उक्त राशि में गोबर विक्रेताओं को 4.40 करोड़ रूपए, गौठान समितियों को 3.09 करोड़ रूपए एवं स्व-सहायता समूहों की 2.16 करोड़ रूपए की लाभांश राशि शामिल हैं। गोधन न्याय योजना के तहत हितग्राहियों को 541 करोड़ 66 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है। 20 अगस्त को 9.65 करोड़ रूपए के भुगतान के बाद 551.31 करोड़ रूपए हो जाएगा।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल गौठानों में एक अगस्त से 15 अगस्त तक क्रय किए गए 2.20 लाख क्विंटल गोबर के एवज में गोबर विक्रेताओं को 4.40 करोड़ रूपए का ऑनलाइन भुगतान करेंगे। गौठानों में अब तक 130.54 क्विंटल गोबर की खरीदी हो चुकी है, जिसकी एवज में पशुपालन किसानों को 256.68 करोड़ रूपए का भुगतान भी किया जा चुका है। 20 अगस्त को 4.40 करोड़ रूपए के भुगतान के बाद गोबर क्रय के एवज में भुगतान की कुल राशि 261.08 करोड़ रूपए हो जाएगी। गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को 20 अगस्त को भुगतान की जाने वाली 5.25 करोड़ रूपए की राशि के बाद इनको होने वाले कुल भुगतान का आंकड़ा 266.98 करोड़ रूपए से बढ़कर 272.23 करोड़ रूपए हो जाएगा।

गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी के मामले में गौठान समिति की भागीदारी लगातार बढ़ती जा रही है। राज्य में निर्मित एवं संचालित 10287 गौठानों में से 6167 गौठान स्वावलंबी हो चुके हैं, जो स्वयं की राशि से गोबर विक्रेताओं से गोबर क्रय कर रहे है। स्वावलंबी गौठानों ने अब तक 73 करोड़ 9 लाख रूपए का गोबर स्वयं की राशि से क्रय किया है। 20 अगस्त को गोबर विक्रेताओं को भुगतान की जाने वाली राशि 4.40 करोड़ रूपए में स्वावलंबी गौठानों की भागीदारी 2.82 करोड़ रूपए हैं, जो कि कृषि विभाग द्वारा गोबर विक्रेताओं को भुगतान की जाने वाली 1.58 करोड़ रूपए की राशि का लगभग दोगुना है।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में 20 जुलाई 2020 को हरेली पर्व के दिन गोधन न्याय योजना की शुरूआत हुई। दो रूपए किलो में गोबर खरीदी की यह योजना छत्तीसगढ़ सरकार की लोकप्रिय योजनाओं में शामिल है। पशुधन के संरक्षण और संवर्धन के साथ-साथ गांव में रोजगार के नए अवसर सृजित करने वाली इस योजना को देश के कई राज्य अपनाने लगे हैं। गौठानों में पशुधन निःशुल्क चारा-पानी का प्रबंध होने से पशुपालन और दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा मिला है। खुली चराई प्रथा पर काफी हद तक रोक लगी है। गोधन न्याय योजना के चलते राज्य में स्वच्छता एवं पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ जैविक खाद के उत्पादन और उपयोग से जैविक खेती को बढ़ावा मिला है।


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