भिलाई नगर 18 दिसंबर 2022:! सेफी ने इस्पात क्षेत्र के अधिकारियों के लंबित मुद्दों विशेषकर माइंस अधिकारियों का ’डासा’ आदि पर केन्द्रीय इस्पात राज्यमंत्री व ओ.एस.डी. इस्पात, संयुक्त सचिव इस्पात से की चर्चा सेफी के पदाधिकारियों ने केन्द्रीय इस्पात राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते जी, ओ.एस.डी. (इस्पात) एन.एन. सिन्हा, संयुक्त सचिव (इस्पात) अभिजीत नरेन्द्र आदि से इस्पात क्षेत्र के अधिकारियों के अन्य लंबित मुद्दों पर उद्योग भवन नई दिल्ली में विस्तृत चर्चा की।
जिसमें मुख्य तौर पर सेल माइंस एवं एन.एम.डी.सी. के अधिकारियों को थर्ड पे-रिविजन में “डासा“ (डिफिकल्ट एरिया सर्विस एलाउंस) का भुगतान चालू करने हेतु, वित्तीय वर्ष 2018-19 का इंक्रीमेंटल पी.आर.पी., आर.आई.एन.एल. के अधिकारियों के पिछले वर्षों से लंबित प्रमोशन को शीघ्र चालू करना, भिलाई टाउनशिप में अवैध कब्जों एवं विद्युत आपूर्ति सी.एस.पी.डी.सी.एल. को हस्तांतरित करने हेतु तथा इस्पात संयंत्रों के विनिवेश के स्थान पर सामरिक विलय (स्ट्रेटेजिक मर्जर) आदि विषयों पर चर्चा की।
अधिकारियों के प्रतिनिधि मंडल की केन्द्रीय इस्पात राज्यमंत्री, ओ.एस.डी. (इस्पात) एवं संयुक्त सचिव से चर्चा सकारात्मक रही। विदित हो कि सेल की खदानों को दुर्गम क्षेत्र घोषित करना और सेल में तैनात तथा वहां कार्यरत कर्मचारियों के लिए विशेष भत्ता एफ.सं. 7(1)/2010-सेल(पीसी) दिनांक 4 नवंबर 2010 और फा.सं. 7(5)/2013-सेल(पीसी) 11 जून 2014. खानों में कार्यरत कर्मचारियों को मूल वेतन का 10ः विशेष भत्ते के रूप में दिया जा रहा था। सेल और एनएमडीसी की खदानों की स्थिति लगभग वैसी ही है जैसी 2010 में थी।
तृतीय वेतन पुनरीक्षण समिति के प्रतिवेदन में बिन्दु संख्या 3.16.13/अप/ब में दुर्गम एवं दूर-दराज के क्षेत्रों में सेवा के लिए समान प्रावधान जारी रखने की अनुशंसा की गई है। इस्पात मंत्रालय द्वारा जारी पिछले आदेशों के संदर्भ में विशेष भत्ता जारी रखा गया है। हाल ही में जारी एक आदेश में एफ.सं. 3(1)/2022-वित्त 29 सितंबर 2022 के तहत सेल को दुर्गम क्षेत्र में सेवा के लिए मिलने वाले विशेष भत्ते पर रोक लगाने का निर्देश दिया गया है। इस संदर्भ में सेफी चेयरमेन नरेन्द्र कुमार बंछोर ने इस्पात मंत्रालय के समक्ष ‘डासा’ को लागू करने के समर्थन में तर्क प्रस्तुत करते हुए कहा कि सेल और एनएमडीसी की खानें अधिकांशतः दूरस्थ स्थान पर स्थित हैं और चिकित्सा, शिक्षा और टाउनशिप जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी के साथ वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित हैं। वर्तमान में विशेष भत्ते बहाल नहीं होने के कारण खदानों में कार्यरत अधिकारी हतोत्साहित हैं। जिसका प्रभाव कंपनी के निष्पादन पर पड़ सकता है। अतः कंपनी के प्रदर्शन को बेहतर बनाए रखने के लिए माइंस के अधिकारियों का मनोबल बढ़ाने हेतु ’डासा’ अत्यंत आवश्यक है। अतः इसे पुनः बहाल करने की अपील की।
सेफी चेयरमेन द्वारा सेल में पी.आर.पी. की गणना में इंक्रिमेंटल लाभ को डीपीई के दिशानिर्देशों के अनुरूप समायोजित करने की अनुशंसा करने का आग्रह किया है। विदित हो कि वित्त वर्ष 2017-18 में सेल ने कर पूर्व कुल हानि 759 करोड़ रूपये घोषित किया एवं वर्ष 2018-19 में कर पूर्व कुल लाभ 3338 करोड़ रूपये घोषित किया। जिससे इंक्रिमेंटल लाभ 4097 करोड़ रूपये पर आधारित पी.आर.पी. की गणना करने की मांग जो कि सेल में हुए टर्नअराउंड का लाभ, सभी अधिकारियों को इंक्रिमेंटल पी.आर.पी. देकर प्रोत्साहित किया जा सकता है।
सेफी प्रतिनिधि मंडल की ओर से चेयरमेन सेफी नरेन्द्र कुमार बंछोर, सेफी महासचिव अबकाश मलिक, सेफी कोषाध्यक्ष लोकनाथ, संयुक्त संचिव के.वी.डी. प्रसाद, एन.सी.ओ.ए. उपाध्यक्ष कताम, सेफी सदस्य वेणु गोपाल देवांगन, अवधेश कुमार, बी.के. लेंका आदि उपस्थित थे।