भिलाई नगर 6 अगस्त 2023 :- सेफी ने अतिरिक्त पीआरपी व 11 माह के पर्क्स के एरियर्स भुगतान हेतु इस्पात सचिव से मांगा सहयोग सेफी चेयरमेन व ओए-बीएसपी के अध्यक्ष श्री नरेन्द्र बंछोर ने सेल के अधिकारियों को 2 प्रतिशत अतिरिक्त पीआरपी. देने तथा 11 माह के लंबित पर्क्स के एरियर्स देने हेतु इस्पात सचिव को पत्र लिखकर इन दोनों मुद्दों पर शीघ्र हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है। विदित हो कि इससे पूर्व सेफी ने इन दोनों मुद्दों पर केन्द्रीय इस्पात मंत्री एवं इस्पात राज्यमंत्री से भी विस्तृत चर्चा करते हुए मुद्दे के शीघ्र निराकरण हेतु अनुरोध किया था।
बीएसपी आफिसर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने सेफी चेयरमेन तथा ओए अध्यक्ष नरेन्द्र कुमार बंछोर के नेतृत्व में इस्पात सचिव श्री नागेन्द्र नाथ सिन्हा जी से इस्पात क्षेत्र के अधिकारियों के लंबित मुद्दों पर इस्पात भवन के निदेशक प्रभारी के सभागार में 05.05.2023 को विस्तृत चर्चा की थी। जिसमें मुख्य तौर पर वित्तीय वर्ष 2018-19 का इंक्रीमेंटल पीआरपी प्रदान करने, सेल अधिकारियों को 11 माह का लंबित पर्क्स एरियर्स (26.11.2008 से 04.10.2009), सेल में 30 प्रतिशत सुपरएनुएशन बेनीफिट सुनिश्चित करने
, सेल में यूनिफार्म एचआरए पॉलिसी लागू करने, डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु को बढ़ाने, थर्ड पे-रिविजन का एरियर्स, बीएसपी के लीज़ क्वाटर्स, संस्थान आदि का नियमितीकरण जैसे मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई थी।
उल्लेखनीय है कि सेल में पी.आर.पी. की गणना में इंक्रिमेंटल लाभ को डीपीई के दिशानिर्देशों के अनुरूप समायोजित करने की अनुशंसा करने का आग्रह किया है। विदित हो कि वित्त वर्ष 2017-18 में सेल ने कर पूर्व कुल हानि 759 करोड़ रूपये घोषित किया एवं वर्ष 2018-19 में कर पूर्व कुल लाभ 3338 करोड़ रूपये घोषित किया। जिससे इंक्रिमेंटल लाभ 4097 करोड़ रूपये पर आधारित पी.आर.पी. की गणना करने की मांग जो कि स्टील सेक्टर में हो रहे टर्न-अराउंड की प्रक्रिया मंे सभी अधिकारियों को प्रोत्साहित करने में अत्यंत सहायक होगा।
इसी प्रकार 26.11.2008 से 04.10.2009 के 11 माह के पर्क्स की राशि के भुगतान हेतु कैट द्वारा आवश्यक आदेश क्र.ओ.ए./350/00191/2014 दिनांक 15.02.2016 पारित करने के बावजूद सेल प्रबंधन ने इस मुद्दे को लटकाने व भटकाने का पूरा प्रयास किया है। जिसके फलस्वरूप अधिकारियों को अपने वाजिब हक की राशि अब तक अप्राप्त रही है। विदित हो कि यह मुद्दा तत्कालीन सेल प्रबंधन के लापरवाही का जीता जागता उदाहरण है। सरकार के दिशानिर्देश के तहत इस भुगतान को करने के लिए सेल प्रबंधन को अप्रैल 2008 में बोर्ड मीटिंग में प्रस्ताव पारित कर मंत्रालय को प्रेषित करना था
परंतु विडम्बना यह है कि उस वक्त सेल का उच्च प्रबंधन अपने सैर-सपाटे में यूरोप में व्यस्त था। जिसके कारण उन्होंने सरकारी दिशानिर्देश के तहत दिए गए समय-सीमा के भीतर इस प्रस्ताव को रखने में देरी हुई जबकि उस वक्त सेल के पास हजारों करोड़ रूपये का सरप्लस राशि उपलब्ध थी। सेल के तत्कालीन उच्च प्रबंधन के लापरवाही की खामियाजा आज भी सेल के अधिकारी भुगत रहे हैं। इस संदर्भ में ज्ञात हो कि इस मुद्दे पर राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (आर.आई.एन.एल.) ने तत्काल कार्यवाही करते हुए बोर्ड मीटिंग में इस प्रस्ताव को पारित कर अपने अधिकारियों को पूरा लाभ दिलाया।
सेफी के चेयरमेन नरेन्द्र बंछोर ने इन दोनों मुद्दों के निराकरण हेतु इस्पात सचिव से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है जिससे अधिकारियों को उनके न्यायसंगत हक दिलाया जा सके।
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