शबे कद्र की रौनक रही तमाम मस्जिदों में, घरों में भी जारी रही इबादत

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भिलाई  नगर 7 अप्रैल 2024 :- रमजानुल मुबारक में शबे कद्र पर 6 अप्रैल शनिवार की शाम से 7 अप्रैल रविवार की अलसुबह तक शहर की तमाम मस्जिदों में खूब रौनक रही। मस्जिदों और घरों में 26 वां रोजा और 27 वीं शब (रात) इबादत में गुजरे। रोजेदारों ने मिलजुल कर इफ्तार किया और रात से सुबह तक इबादत करते रहे। सुबह के वक्त शहर की तमाम मस्जिदों में सहरी का इंतजाम भी किया गया।

शबे कद्र पर शहर की तमाम मस्जिदों और घरों में खैरो-बरकत के लिए दुआओं और अपने गुनाहों के लिए माफी मांगने के साथ नफिल इबादतें जारी रही। सभी मस्जिदों में विशेष नमाज (तरावीह) के बाद इमाम, मुअज्जिन और मोतकिफ सहित दीगर लोगों का इस्तकबाल किया गया। शहर की मस्जिदों में रुक कर इबादत के लिए रात भर जागने वालों के लिए सेहरी के लिए खास इंतजाम किए गए थे। मस्जिदों में नमाज के बाद तकरीर में शबे कद्र की फजीलत बयान की गई।


जामा मस्जिद सेक्टर-6 में इमामो-खतीब हाफिज इकबाल अंजुम हैदर ने शबे कद्र की रात की इबादत की अहमियत बयान की। यहां रात में विशेष नमाज (सलातुत तस्बीह) भी बा-जमाअत पढ़ाई गई। इसी तरह शहर की दूसरी मस्जिदों में भी लोग रात भर इबादत करते रहे। मस्जिद शेरे खुदा हाउसिंग बोर्ड में भी इमाम-मुअज्जिन और दीगर लोगों का शानदार इस्तकबाल किया गया।


मरकजी मस्जिद पावर हाउस कैंप 2 मदरसा जामिया अरबिया भिलाई के मौलाना इनामुल हक ने बताया कि दूर्रे मन्सूर में हजरत अनस (रजि.) ने नबी हज़रत मुहम्मद सल्ललाहु अलैहि वसल्लम का इरशाद नकल किया है कि शबे कद्र हक ताला शान हु ने मेरी उम्मत को दी है पिछली उम्मतों को नहीं मिली है। इसका कारण पिछली उम्मतों के लोगों की उम्र बहुत-बहुत हुई मेरी उम्मत की उम्र बहुत थोड़ी है।

अगर वे नेक अमल में उनकी बराबरी करना चाहें तो नहीं कर सकते। शेखुल हदीस हजरत मौलाना जकरिया रहमतुल्लाह ने अपने रिसाले फजाईले रमजान मुबारक मे शबे कद्र के मुत्तालिक लिखा है कि रमजान मुबारक महीना की रातों में से एक रात शबे कद्र कहलाती है जो बहुत बरकत और खैर की रात है।

कुरान शरीफ में उसको हजार महीनों से अफजल बतलाया है। हजार महीने के 83 बरस चार माह होते हैं। खुशनसीब है वो शख्स जिसे इस रात की इबादत नसीब हो जाए। जो शख्स इस एक रात को इबादत में गुजार दे, उसने गोया 83 बरस चार माह से ज्यादा जमाना इबादत में गुजार दिया।


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