श्री शंकराचार्य महाविद्यालय जुनवानी में “ड्रैमेटिक इन एजुकेशन क्रिएटिव टीचिंग” पर छह दिवसीय कार्यशाला का समापन…

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भिलाई नगर 01 मई 2023 : श्री शंकराचार्य महाविद्यालय जूनवानी भिलाई, शिक्षा विभाग एवं संडे कैंपस के संयुक्त तत्वाधान में 24 से 29 अप्रैल तक छः दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का प्रमुख विषय “ड्रैमेटिक इन एजुकेशन क्रिएटिव टीचिंग ” था। कार्यशाला के अतिथि वक्ता डॉ. पी. के. श्रीवास्तव ने प्रशिक्षण के लिए क्यूरियोसिटी माड्यूलेशन, एसोसिएशन और ड्रामेंटिक आदि शिक्षण कला को अपनाने के लिए कहा और शिक्षक को बदलते परिवेश के साथ शिक्षा देने पर बल दिया।

चित्रांश श्रीवास्तव (गोर्की) ने उदाहरण देकर स्पष्ट किया कि किस प्रकार शिक्षण में ड्रैमेटिक्स के सहयोग से विषय को और अधिक रुचिकर बनाया जा सकता है। दीपक रंजन दास जी ने ‘ऊँ’ शब्द का उच्चारण करने पर वॉइस माड्यूलेशन पर चर्चा करते हुए कहा की मंत्रोच्चार से आवाज खुलती है और उच्चारण सही होता है। वॉइस एंड एक्सप्रेसिव एक्टिविटी पर विभाष उपाध्याय द्वारा खेल-खेल में पेपर पपेट बनाना सीखाया। साथ ही विद्यार्थियों को वॉइस माड्यूलेशन के बारे में भी बताया।

कार्यक्रम में रोल प्ले मेथड से संवाद अदायगी के विषय में श्री दीपक रंजन दास जी ने विभिन्न विधियों के द्वारा वाइस मॉडूलेशन के महत्व को समझाया एवं महत्वपूर्ण छात्रों को विडियो क्लिप सुनाये तथा उसका उद्देश्य गद्य एवं पद्य को पढने की विशिष्ट शैलियों से अवगत कराया। विद्यार्थियों को तत्काल स्क्रीप्ट तैयार करना एवं उसका मंचन करना भी सिखया ।

‘इंगेजिंग इन योर ऑडियंस विषय पर रंगमंच की संयोजक डॉ अलका दास ने कहा कि ड्रैमेटिक एवं वॉइस माड्यूलेशन के आधार पर हम अपने शिक्षण को बेहतर बना सकते हैं इससे हम विद्यार्थियों से भावनात्मक रूप से जुड़ सकते हैं। छात्रों द्वारा कठपुतलियों के माध्यम से स्टोरी शेयर करने की प्रतियोगिता रखी गई थी। जिसमें प्रथम पुरस्कार बीएड चतुर्थ सेमेस्टर की मौसमी साहू को प्रदान किया गया। द्वितीय पुरस्कार आरुणी द्वितीय सेमेस्टर एवं तृतीय पुरस्कार प्रगति त्रिपाठी को प्रदान किया गया।

कार्यशाला के समापन दिवस के मुख्य अतिथि ट्रिपल – एम के संयोजक एवं भिलाई इस्पात संयंत्र के पूर्व महाप्रबंधक ज्ञान चतुर्वेदी ने इस कार्यशाला के सफल आयोजन के लिए महाविद्यालय परिवार को बधाई दी। उन्होंने कहा कि एक टीम बनाकर अच्छा काम करने के लिए स्वाभाविक नेतृत्व क्षमता की आवश्यकता होती है। इसमें स्वर को एक तरफ

रख कर केवल काम पर फोकस करना होता है। कार्य का उद्देश्य अच्छा होता है तो लोग अपने आप जुड़ते चले जाते हैं और कार्य सिद्ध होता है।

उन्होंने इस आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए संडे कैम्पस काम के संपादक श्री दीपक रंजन दास को बधाई दी। उन्होंने मोहम्मद रफी के एक गीत सुना कर वातावरण को संगीतमय बना दिया। कार्यक्रम पर अपने विचार व्यक्त करते हुए महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ अर्चना झा ने कहा कि जिन लोगों ने कार्यशाला के महत्व को समझते हुए इसमें सक्रिय भागीदारी दी। वे अपने अंदर परिवर्तन महसूस कर रहे होंगे। उन्होंने इस कांसेप्ट के लिए संडे कैंपस साधुवाद दिया ।

महाविद्यालय के डीन ( एकेडमिक) डॉ जे दुर्गा प्रसाद राव ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा उनमें लर्निंग हैबिट होनी चाहिए जिससे । किसी भी माध्यम से शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने वर्तमान समय में प्रचलित गूगल और चैट को भी शिक्षा प्राप्त करने का एक माध्यम बताया। शिक्षा विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ नीरा पांडेण्य ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहां की वक्ता से लेकर छात्रों तक की इस कार्यक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। सभी के सहयोग से ही यह कार्यशाला सफलतापूर्वक संपन्न हो पाया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापकगण एवं छात्र छात्राएं उपस्थित थे। अंत में सभी प्रतिभागियों को सफलतापूर्वक कार्यशाला में भागीदारी देने के लिए प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।


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