एफएसएनएल के विनिवेश के स्थान पर रणनीतिक समायोजन को मिले प्राथमिकता….
00 सेफी चेयरमैन नरेंद्र कुमार बंछोर ने की इस्पात राज्य मंत्री कुलस्ते से मुलाकात…..
00 विनिवेश से होने वाले नुकसान गिनाकर बताए सेल में समायोजन के फायदे……

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भिलाईनगर 24 सितंबर 2023:- सेफी ने राष्ट्र हित में एफएसएनएल के विनिवेश के स्थान पर रणनीतिक समायोजन हेतु इस्पात राज्यमंत्री से की मुलाकात सेफी चेयरमेन एवं आफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेन्द्र कुमार बंछोर ने राष्ट्र हित में एफएसएनएल के विनिवेश को स्थगित कर इसे बचाने हेतु रणनीतिक समायोजन अथवा अधिग्रहण करने का आग्रह किया है। इस संदर्भ में श्री नरेन्द्र कुमार बंछोर ने केन्द्रीय इस्पात राज्यमंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते जी से भेंटकर एफएसएनएल का प्रतिष्ठित सरकारी इस्पात कंपनियों के साथ संयोजन की मांग की है। जिससे एफएसएनएल निरंतर लाभप्रदता को भी बनाए रखते हुए राष्ट्र की उन्नति में अपना अहम् योगदान देता रहे।


सेफी चेयरमेन श्री नरेन्द्र कुमार बंछोर ने केन्द्रीय इस्पात राज्यमंत्री को एफएसएनएल के योगदान को रेखांकित करते हुए बताया कि फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड जो कि अपने स्थापना वर्ष सन् 1979 से ही लगातार अपने कर्मचारियों की मेहनत और लगन के बदौलत आज तक कभी भी घाटे में नहीं रही है और विगत् पांच वर्षों में निम्नानुसार लाभ अर्जित कर चुका हैः-
वित्त वर्ष (राशि करोड़ रू. में)
2018-19 2019-20 2020-21 2021-22 2022-23
कुल राजस्व 378.42 409.9 364.97 415.39 414.16
कर-पूर्व लाभ 41.09 46.02 32.06 54.18 51.35इसके साथ ही इस रणनीतिक समायोजन से सेल को होने वाले लाभ के बारे में जानकारी प्रदान करते हुए बताया कि एफएसएनएल द्वारा विगत चार दशकों से एफएसएनएल सेल को निर्विवाद एवं निर्बाध रूप से अपनी बहुमूल्य सेवाऐं दे रहा है। इतने वर्षों में एफएसएनएल इस्पात संयंत्रों का आंतरिक हिस्सा बन गया है।

एफएसएनएल के द्वारा सेल में स्लैग एवं स्क्रैप प्रोसेसिंग के द्वारा आयरन एवं स्टील स्कैप की रिकवरी की जाती है। जिसे सेल द्वारा अपने सयंत्रो में विभिन्न लौह उत्पाद बनाने में उपयोग किया जाता है। एफएसएनएल द्वारा सेल इस्पात संयत्रों में स्लैग एवं स्क्रैप प्रसंस्करण का कार्य करने से बहुमूल्य धातु स्क्रैप की रक्षा होती है। परंतु इन सबके बावजूद एफएसएनएल का पूर्णतः विनिवेश किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत डीपम (DIPAM) के द्वारा मेसर्स बी.डी.ओ. नामक निजी संस्था को ट्रांजेक्शन सलाहकार के रूप में विनिवेश की पूरी जिम्मेदारी दी गई है।

मेसर्स बी.डी.ओ. के द्वारा 31.03.2022 को एफएसएनएल के विनिवेश हेतु ई.ओ.आई. का प्रकाशन किया गया। वर्तमान में एफएसएनएल की विनिवेश प्रक्रिया अंतिम चरण में है। एफएसएनएल के विनिवेश से होने वाले नुकसान के बारे में श्री बंछोर ने बताया कि:-

एफएसएनएल, एमएसटीसी लिमिटेड की सहायक कंपनी है। एफएसएनएल के विनिवेश की राशि एमएसटीसी लिमिटेड के माध्यम से शासन के पास जाएगी। वर्तमान में एफएसएनएल का 100% शेयर एमएसटीसी लिमिटेड के पास है और एमएसटीसी लिमिटेड शेयर मार्केट में सूचीबद्ध होने के कारण मात्र 65 प्रतिशत शेयर ही सरकार के पास है। शेष 35 प्रतिशत अन्य शेयरधारकों के पास है।


वर्तमान में एफएसएनएल के पास अगले दो वर्षों के लिए 1000 करोड़ रूपये से अधिक का कार्य आदेश प्राप्त है जिससे कि अगले दो वर्षों में कुछ सौ करोड़ रूपये का लाभार्जन सुनिश्चित है।
एफएसएनएल के निजीकरण के पश्चात स्क्रैप माफिया एवं बिचौलियों के लिए सरकारी इस्पात सयंत्रो में घुसपैठ के अवसर उपलब्ध हो जायेंगे जिससे राष्ट्रीय संपत्ति का नुकसान होना तय है और न सिर्फ सरकार को क्षति होगी अपितु इससे सरकारी इस्पात संयंत्रों को भी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से नुकसान होगा।


उपर्युक्त कारणों से एफएसएनएल का विनिवेश लाभप्रद नहीं होगा। इससे पूर्व एफएसएनएल के अध्ययन के लिए सरकार द्वारा गठित “जे.पी. शुक्ला समिति“ के अनुशंसा रिपोर्ट दिनांक 14.05.2008 में फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड को सेल की सब्सिडरी कंपनी बनाए जाने या फिर सेल, आर.आई.एन.एल. एवं एम.एस.टी.सी. लिमिटेड का संयुक्त उद्यम बनाया जाने जिसमें सेल प्रमुख शेयरधारक हो, की अनुशंसा की गई थी। तदोपरांत वर्ष 2017 में भी अंतर मंत्रालय समूह (आई. एम. जी.) के द्वारा दिए गए अनुशंसा के आधार पर प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा एफएसएनएल के विनिवेश ना करने का निर्णय 23 जुलाई 2017 को लिया गया फिर इसका विलय सेल या एम.एस.टी.सी. लिमिटेड के साथ किये जाने के संदर्भ में कार्यवाही की गई थी।


सेफी चेयरमेन श्री बंछोर ने इस्पात राज्यमत्री को बताया कि एफएसएनएल का पूर्ण विनिवेश न करके इसे एचएससीएल के तर्ज पर सेल जैसे बड़े सरकारी उपक्रम की सब्सिडरी कंपनी बनाया जाए जिससे कि इस कंपनी से जुड़े 600 से अधिक परिवारों के भविष्य को सुरक्षित रखा जा सके। साथ ही सेल के स्क्रैप हैंडलिंग के कार्यों में सुचिता बनी रहे।


सरकार द्वारा एफएसएनएल को बेचने के लिए मार्च 2022 में ईओआई प्रकाशित की गयी थी परन्तु लगभग 17 महीने बीत जाने के बाद भी इसमें भाग लेने वाले खरीददारो के नाम सार्वजानिक नहीं किया गया है। अतः सेफी के द्वारा इस्पात राज्यमंत्री से आग्रह किया गया कि एफएसएनएल के विनिवेश की प्रक्रिया को रोककर कंपनी के अधिग्रहण अथवा विलयन हेतु किसी सार्वजनिक उपक्रम को आदेशित किया जाए। राष्ट्र हित में इस छोटी किंतु अत्यंत प्रभावी सार्वजनिक उपक्रम एफ.एस.एन.एल. को समुचित रूप से संरक्षित करने हेतु इसका विलय सेल में किया जाए

अथवा सेल, आर.आई.एन.एल. के संयुक्त उद्यम में इस कंपनी का संचालन किया जाए। इससे सार्वजनिक क्षेत्र के इस्पात कंपनियों में एफ.एस.एन.एल. के द्वारा निष्पादित किये जा रहे प्रक्रियाओं में निरंतरता एवं गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सकेगी।
इस्पात राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते से नई दिल्ली में भेंट करने गए प्रतिनिधि मंडल में सेफी चेयरमेन नरेन्द्र कुमार बंछोर, वाइस चेयरमेन नरेन्द्र सिंह, ज्वाइंट सेक्रेटरी केवीडी प्रसाद, एफएसएनएल से सौरभ थारेवाल एवं प्रशांत साहू शामिल थे।


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