हिट एंड रन कानून के विरोध में वाहन चालकों के हड़ताल जनजीवन प्रभावित
00 सड़क पर बस और आटो नहीं चलने से लोगों को हुई परेशानी
00 टैंकर परिवहन ठप्प होने के बाद पेट्रोल पंपों में उमड़ रही बेतहाशा भीड़

IMG-20240101-WA06201.jpg

भिलाई नगर 1 जनवरी 2024:- हिट एंड रन कानून के विरोध में वाहन चालकों ने सोमवार सुबह से हड़ताल शुरू कर दी है। इससे दुर्ग बस स्टैंड से यात्री बसें रवाना नहीं हो पाईं। आटो चालकों ने भी सवारी लेकर जाने से इंकार कर दिया। इससे आम जनजीवन प्रभावित रहा। टैंकर, ट्रकों, डंपरों के पहिए भी थम गए हैं। यात्री बस स्टैंड आने के बाद परेशान होकर अपने घर वापस जाने के लिए विवश हो रहे हैं। वाहन चालक संघ के सदस्यों ने सुबह बस स्टैंड पर एकत्र होकर जमकर नारेबाजी की और सरकार से काला कानून वापस लेने की मांग की है।


केन्द्र सरकार द्वारा हिट एंड रन मामले में नया कानून लागू किया गया है। इसके विरोध में सभी तरह के वाहन चालकों ने आज से हड़ताल शुरू कर दिया है।

ट्रक चालक जहां है वहां पर खड़े हो गए हैं। वहीं पेट्रोल और डीजल के परिवहन में संलग्न सारे टैंकर के खड़े हो जाने से आने वाले दिनों में लोगों को पेट्रोलियम पदार्थों के संकट का सामना करना पड़ सकता है।

इस बात की आशंका को लेकर भिलाई-दुर्ग के सभी पेट्रोल पंपों पर निजी वाहन चालकों की बेतहाशा भीड़ देखने को मिल रही है। सब्जी परिवहन में लगे ट्रकों के पहिए भी थम गए हैं। इसके चलते स्थानीय बाड़ियों से मंडी तक सब्जियों के पहुंचने में संशय बना हुआ है। इससे सब्जियां महंगी हो सकती है।


हड़ताल के चलते दुर्ग से रायपुर सहित राजनांदगांव, धमधा, पाटन व बालोद रुट पर बसें नहीं चली। आटो रिक्शा के भी पहिए थमे रहे। इसके चलते नौकरी पेशा वर्ग सहित अन्य कामकाज के सिलसिले में एक स्थान से दूसरे स्थान आने जाने वालों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ा।

दुर्ग से रायपुर के लिए सड़क पर सार्वजनिक परिवहन सेवा उपलब्ध नहीं होने से लोगों को ट्रेनों का सहारा लेना पड़ा। स्थानीय स्तर पर दुर्ग से सुपेला, पावरहाउस, खुर्सीपार, भिलाई-3, चरोदा व कुम्हारी आने जाने वालों को भी बस और आटो नहीं चलने से भटकते देखा गया। पावरहाउस से जामुल और नंदिनी अहिवारा के लिए लोगों को सवारी वाहन नहीं मिल पाया।


वाहन चालकों ने यूनियन के हवाले से बताया कि हमारी मांग जब तक पूरी नहीं की जाएगी तब तक हड़ताल जारी रहेगी। सरकार द्वारा कानून में किए गए संशोधन के तहत सड़क हादसे के बाद मौके से भागने वाले चालक को 10 साल की सजा और 8 लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान किया जा रहा है। हमारी मांग है कि सरकार इस काले कानून को वापस ले।

एक्सीडेंट की घटना ड्रायवर कभी भी जानबूझकर नहीं करते हैं। वाहन चालक के विरूद्ध एक्सीडेंट करने पर कानून में किये जा रहे संशोधन को निरस्त किया जाए। दुर्घटना के बाद चालक मौके से नहीं भागे तो जमा हुई भीड़ मारपीट करने के साथ कई बार जान तक ले लेती है। वहीं दूसरी ओर सरकार द्वारा जो जुर्माना और सजा का प्रावधान किया गया है उसमें गरीब ड्राइवर कहां से राशि जमा भरेंगे और दस साल की सजा होने पर परिवार का भरण पोषण कैसे होगा।


scroll to top