उच्च चिकित्सा संस्था रिफर मरीज को भर्ती कर नहीं दिया आयुष्मान का लाभ…..मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने गंगोत्री हॉस्पिटल को किया नोटिस जारी…….पूर्व में औचक निरीक्षण के दौरान हॉस्पिटल में नहीं मिले थे एमबीबीएस डॉक्टर….

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दुर्ग 25 मई 2024:- जिला मुख्यालय दुर्ग में स्थित गंगोत्री हॉस्पिटल को लेकर लगातार लोगों की शिकायत सामने आ रही है। मरीज के परिजनों का आरोप है कि आयुष्मान कार्ड की सुविधा नहीं होने के चलते उन्हें इलाज के नाम पर लाखों रुपए खर्च करना पड़ रहा है। ताजा मामला इस हॉस्पिटल में उच्च चिकित्सा संस्था रिफर मरीज को पात्रता नहीं होने के बावजूद भर्ती करना और आयुष्मान कार्ड का लाभ नहीं देने का है। इस मामले को स्वास्थ विभाग ने गंभीरता से लेते हुए गंगोत्री हॉस्पिटल दुर्ग को 24 मई को नोटिस जारी करते हुए 3 दिन के भीतर जवाब मांगा है।


आपको बता दें कि दुर्ग स्थित गंगोत्री अस्पताल द्वारा मरीज से इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूला जाता है। मरीज के परिजनों की शिकायत थी कि गंगोत्री हॉस्पिटल दुर्ग में आयुष्मान कार्ड का इस्तेमाल सिर्फ जनरल मेडिसिन के लिए किया जाता है, लेकिन लाखों रुपए खर्च होने वाले उपचार के लिए नहीं किया जाता। दुर्ग जिला प्रशासन अगर गंगोत्री हॉस्पिटल दुर्ग पर कार्रवाई करती है तो ऐसे कई ऐसे लोगों को फायदा होगा जो इलाज के नाम पर आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद अपना घरबार बेचकर रुपए जमा किए हैं।


कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला दुर्ग ने गंगोत्री हॉस्पिटल को 24 मई को नोटिस जारी करते हुए 3 दिन के भीतर जवाब मांगा है। गंगोत्री अस्पताल को भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि मो. रजा खान द्वारा प्रस्तुत शिकायत के अनुसार मरीज तौकीर आलम को दिनांक 16 मई 2024 को जिला चिकित्सालय दुर्ग मे उपचार के लिए भर्ती किया गया था तथा स्थिति गंभीर होने के कारण जिला चिकित्सालय द्वारा उन्हें उच्च चिकित्सा संस्था अथवा मेडिकल कालेज के लिए रिफर किया गया था। इस मरीज को गंगोत्री हॉस्पिटल ने अपने यहां भर्ती कर लिया।

जबकि गंगोत्री हॉस्पिटल जिला चिकित्सालय से उच्च चिकित्सा संस्थान के रूप में संबद्ध ही नहीं है। इतना ही नहीं गंभीर मरीज को पात्रता नहीं होने के बावजूद भर्ती कर लिया गया और आयुष्मान कार्ड का लाभ नहीं दिया गया। इस बात को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बड़ी लापरवाही मानते हुए नोटिस जारी किया है। नोटिस में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि पूर्व में भी आपके चिकित्सालय में आयुष्मान कार्ड से उपचार की शिकायतें प्राप्त हुई है जिनका जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया। आपके चिकित्सालय के औचक निरीक्षण के दौरान चिकित्सालय में कोई भी एमबीबीएस चिकित्सक नहीं उपलब्ध थे।


जिला चिकित्सालय से उच्च चिकित्सा संस्था अथवा मेडिकल कालेज के लिए रिफर मरीज को आपके चिकित्सालय में भर्ती किया जाना मरीज की जान से खिलवाड़ किया जाना प्रतीत होता है। क्यों ना आपकी संस्था की चिकित्सा सेवा की मान्यता समाप्त करने की कार्यवाही की जावे। उच्च चिकित्सा संस्थान के लिये रिफर मरीज को अपने निजी चिकित्सालय में भर्ती करने तथा आयुष्मान कार्ड से निःशुल्क उपचार प्रदाय नहीं किए जाने के संबंध में तीन दिवस के भीतर अपना स्पष्टीकरण अधोहस्ताक्षरकर्ता के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश गंगोत्री हॉस्पिटल को दिया गया है। वहीं चेतावनी भरे लहजे में कहा गया है कि संतोषजनक स्पष्टीकरण प्राप्त नहीं होने की स्थिति में आपके विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी जिसके लिये आप स्वयं जवाबदेह होंगे।


00 लिया एक दिन का बेड चार्ज 10 हजार

हंसी मस्जिद के पास कुरूद रोड कोहका भिलाई निवासी मोहम्मद हसरत पिता मोहम्मद सफीकुर रहमान ने बताया कि उनके मामा तौकीर आलम पर विगत 16 मई को कुछ लोगों ने हमला कर दिया था। इलाज के लिए दुर्ग जिला हॉस्पिटल लेकर गए। उसी रात वहां से घायल तौकीर आलम को रिफर के बाद दुर्ग स्थित गंगोत्री हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। तौकीर आलम को गंगोत्री हॉस्पिटल में भर्ती करने के दौरान कहा गया था की एक दिन का बेड चार्ज 10 हजार रुपए देने होंगे। भर्ती करने के बाद हॉस्पिटल प्रबंधन ने बोला की एक दिन का बेड चार्ज 10 हजार रुपए लगेगा। ऑपरेशन के बाद 16 मई से 23 मई तक तौकीर आलम को आईसीयू में रखा गया था। 22 मई तक करीब 1.50 लाख रुपए गंगोत्री हॉस्पिटल इलाज के नाम पर जमा कर चुके है। मोहम्मद हसरत ने बताया कि गंगोत्री हॉस्पिटल में आयुष्मान कार्ड का इस्तेमाल सिर्फ जनरल मेडिसिन के लिए किया जाता है। मरीज तौकीर आलम के परिजनों का आरोप है कि गंगोत्री हॉस्पिटल में अगर जनरल मेडिसिन के लिए आयुष्मान कार्ड का इस्तेमाल होता है तो ऐसे इलाज जिसमें लाखों रुपए खर्च करना पड़ता है उसमें आयुष्मान की सुविधा क्यों नहीं दी जाती। मरीज तौकीर आलम के परिजनों ने शासन प्रशासन से कार्रवाई और न्याय की मांग की है।


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