भिलाई नगर 6 अक्टूबर 2024 :-:द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) की भिलाई शाखा द्वारा विश्व आवास दिवस के अवसर पर रविवार 6 अक्टूबर, 2024 को एक समूह परिचर्चा (panel discussion) का आयोजन किया गया ।समूह चर्चा का विषय है नगरीय क्षेत्रों की समस्याएं और चुनौतियां।
कार्यक्रम में विषय विशेषज्ञ के रूप में श्रीमती श्रद्धा त्रिवेदी, उपसचिव वित्त विभाग, छ. ग. शासन, विनीत नायर, संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन, छ. ग. शासन, सत्यप्रकाश तिवारी, नगर पुलिस अधीक्षक भिलाई नगर, सतीश ठाकुर, उप पुलिस अधीक्षक यातायात दुर्ग भिलाई, के प्रवीण, महाप्रबंधक, पर्यावरण प्रबंधन, भिलाई इस्पात संयंत्र, चैतन्य वेंकटेश्वर, महाप्रबंधक सेट सेल, डा विवेक अग्निहोत्री, सहायक प्राध्यापक, एन आई टी, रायपुर, डा हर्षिता राजा, चिकित्सा अधिकारी सिम्हांस, उपस्थित थे।
परिचर्चा सत्र की अध्यक्षता हृदय मोहन, पूर्व अधिशासी निदेशक सेल ने की। कार्यक्रम में विषय विशेषज्ञ के रूप में श्रीमती श्रद्धा त्रिवेदी, उपसचिव वित्त विभाग, छ. ग. शासन, ने बताया की नगरीय निकायों का विकास शासन की प्राथमिकता में है और केंद्र शासन एवम राज्य शासन द्वारा नगरीय निकाय को विभिन्न योजनाओं के तहत दी जा रही वित्तीय मदद की जानकारी दी। उन्होंने युवा वर्ग को केंद्र एवम राज्य शासन की विभिन्न योजनाओं में स्टार्ट अप के तहत शहरी विकास के क्षेत्र में कार्य करने हेतु अनुरोध किया। श्री विनीत नायर, संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन, छ. ग. शासन, ने क्षेत्रीय योजना एवम मास्टर प्लान एवम भविष्य के शहरों में उनकी उपयोगिता की चर्चा की।
उन्होंने बताया की भिलाई, कमल विहार और नया रायपुर व्यवस्थित शहरी क्षेत्र हैं। श्री सत्यप्रकाश तिवारी, नगर पुलिस अधीक्षक भिलाई नगर, ने शहरों में नशे और सामाजिक मूल्यों के हास की वजह से बढ़ रहे अपराधों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने माता पिता से अनुरोध किया की शहर के माहौल में बच्चों के भटकने की संभावना अधिक है अतः उनपर विशेष ध्यान दें।श्री सतीश ठाकुर, उप पुलिस अधीक्षक यातायात दुर्ग भिलाई, ने रायपुर और भिलाई शहर के यातायात नियंत्रण पर अपने अनुभव और विचार साझा करते हुए कहा की टेक्नोलॉजी और विभिन्न प्रकार के कैमरा के उपयोग से ट्रैफिक व्यवस्था में और अधिक सुधार आएगा।
उन्होंने सड़क सुरक्षा हेतु लोगों से यातायात नियमों के पालन का अनुरोध किया । श्री के प्रवीण, महाप्रबंधक, पर्यावरण प्रबंधन, भिलाई इस्पात संयंत्र, ने नगरीय भूमिगत जल में आने वाली कमी के बारे में चिंता जाहिर की। उन्होंने बताया की भविष्य में शहरों की ऊर्जा जरूरतें बढ़ेंगी जिनसे कार्बन उत्सर्जन बढ़ेगा। उन्होंने प्रति व्यक्ति कार्बन फूट प्रिंट में कमी लाने पर बल दिया। चैतन्य वेंकटेश्वर, महाप्रबंधक सेट सेल ने अपने विचारों में वेस्ट वाटर के पुनरुपयोग और भविष्य की जल जरूरतों को पूरा करने में वेस्ट वाटर की भूमिका पर जोर दिया। इसके लिए उन्होंने भारत के सभी शहरों में सीवेज ट्रीटमेंट सिस्टम की आवश्यकता पर बल दिया। डा विवेक अग्निहोत्री, सहायक प्राध्यापक, एन आई टी, रायपुर, ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित सस्टेनेबल विकास मानक के शहरी क्षेत्र में प्रभाव और उसके लागू करने पर चर्चा की।
उन्होंने शहरों से लगे ग्रामीण क्षेत्रों में अनियंत्रित विकास पर चिंता व्यक्त की और कहा की बाद में यह शहरों से जुड़ जाएंगे अतः शहरों से लगे ग्रामीण इलाकों में भी योजना बद्ध विकास हो।डा हर्षिता राजा, चिकित्सा अधिकारी सिम्हांस, ने बढ़ते शहरीकरण से उत्पन्न बीमारियों जैसे तनाव, शुगर, फैटी लीवर, मानसिक बीमारियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी । उन्होंने नगरों में फैलते वाली बीमारियों जैसे कोविद से निपटने हेतु ढांचा और ट्रेंड मैनपावर की आवश्यकता पर बल दिया। परिचर्चा सत्र की अध्यक्षता सेल के पूर्व ई डी श्री हृदय मोहन ने की।
हृदय मोहन ने स्वामी विवेकानंद से प्रेरणा लेकर युवा वर्ग को शहरों को भविष्य में बेहतर बनाने हेतु कार्य करने का आवाहन किया। उन्होंने बताया की नीति आयोग के अनुसार शहरीकरण ही भारत का भविष्य है। श्री मोहन ने कहा की शहर सिर्फ 3 प्रतिशत जमीन पर काबिज हैं जबकि वह देश की जीडीपी में 60 प्रतिशत योगदान देते हैं। स्वागत भाषण संस्था के अध्यक्ष पुनीत चौबे ने दिया और धन्यवाद ज्ञापन बसंत साहू, मानसेवी सचिव ने दिया। कार्यक्रम में राज्य शासन, भिलाई इस्पात संयंत्र, शैक्षणीक संस्थानों, इंडियन बिल्डिंग कांग्रेस के प्रतिनिधि उपस्थित थे।