बहुचर्चित अर्चना टावर की शिकायत पहुंची प्रधानमंत्री कार्यालय…. भाजपा नेता शारदा गुप्ता ने साक्ष्य के साथ भेजा पत्र… टावर को लेकर निगम का ढुलमुल रवैया….

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भिलाई नगर 5 मार्च 2023 :! अर्चना टावर की शिकायत प्रधानमंत्री से मगर निगम का जवाब शीघ्र ही भवन पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किया जा सकता है जनहित संघर्ष समिति के संयोजक शारदा गुप्ता ने अर्चना टावर भिलाई चंद्र मौर्य टॉकीज के पास की शिकायत मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री जी की थी जिसमें 6 पेज का विस्तृत विवरण नगर निगम ने कलेक्टर सहित प्रधानमंत्री कार्यालय को जवाब प्रेषित

जिसमें उल्लेख करते हुए कहा है कि नगर पालिका निगम भिलाई के चंद्रा मौर्या टॉकीज के सामने स्थित भूमि को विघटित विषय क्षेत्र प्राधिकरण भिलाई के तत्कालीन अध्यक्ष की स्वीकृति अनुसार 1997- 98 में कब्जे के आधार पर तत्समय प्रचलित नियम शर्तों एवं दरो पर समीर बंसल आ. यशवीर बंसल यशवीर बंसल आत्मज बीएल बंसल विजय कुमार गुप्ता आ. बालकृष्ण गुप्ता एवं हभ शशि गुप्ता पति विजय कुमार गुप्ता को क्रमशः भूखंड क्रमांक A1 A2 A3 A4 का आवंटन किया गया था जिसके प्रत्येक भूखंड का क्षेत्रफल 247.4 वर्ग मीटर है। भूखंड आवंटन के संबंध में शासन स्तर पर शिकायत वर्ष 2002 में प्राप्त हुई थी जिस पर शासन द्वारा निगम से जांच प्रतिवेदन मांगा गया था किंतु विभाग में आवंटन नस्ती उपलब्ध नहीं होने कारण आवंटन पंजी के आधार पर उप पंजीयन कार्यालय दुर्ग से रजिस्ट्री की सत्यापित प्रतियां प्राप्त कर प्रतिवेदन छत्तीसगढ़ शासन को 11 मार्च 2004 को नस्ती उपलब्ध नहीं होने की जानकारी के साथ प्रेषित किया गया था आबंटितियो द्वारा स्थल पर भवन निर्माण हेतु अनुज्ञा प्रदान करने के लिए निगम में समय-समय पर आवेदन प्रस्तुत किया गया था किंतु शासन स्तर पर वर्ष 2002 में उद्यान एवं वृक्षारोपण की भूमि का आवंटन करने की शिकायत कि जांच लंबित होने के कारण आवेदकों को भवन अनुज्ञा प्रदान नहीं की गई थी

आबंटतियो द्वारा उन्हें आबंटित स्थल पर भवन निर्माण करने की अनुमति प्रदान करने के संबंध में आवेदन पत्र छत्तीसगढ़ शासन को दिनांक 12फरवरी 2013 को प्रस्तुत किया गया शासन के निर्देशानुसार निगम से इस पत्र के संबंध में विस्तृत प्रतिवेदन दिनांक 27 फरवरी 2013 को शासन को प्रेषित किया गया था तथा निगम द्वारा शासन को प्रेषित प्रतिवेदन के पश्चात शासन के प्राप्त पत्र दिनांक 29 अप्रैल 2013 के अनुसार श्री अमीर सिंह बैकुंठ नगर केंप दो द्वारा की गई शिकायत 27 सितंबर 2002 के संबंध ।आपके पत्र दिनांक 8 नवंबर 2004 द्वारा प्रेषित जांच प्रतिवेदन के आधार पर शिकायत निराधार पाई गई।

अतः प्रकरण नस्तीबध्द किया गया है। विभाग में कोई शिकायत जांच लंबित नहीं है। इस प्रकार दिनांक 15 मई 2013 को श्री विजय कुमार गुप्ता आत्मज श्री बालकृष्ण गुप्ता एवं श्रीमती शशि गुप्ता पति विजय कुमार गुप्ता को एवं दिनांक 20 जुन 2013 को श्रीमती मीरा बंसल प्रति पति श्री यशवीर बंसल तथा श्री यशवीर बंसल आत्मज श्री बीएल बंसल को भवन अनुज्ञा निर्माण अनुज्ञा जारी की गई है। आवंटितियो द्वारा उन्हें आबंटित भूखण्ड को क्रेता श्रीमती अर्चना देवी जैन पति श्री महावीर प्रसाद जैन के साथ विक्रय अनुबंध कर निगम में नामांतरण की अनुमति का आवेदन पत्र प्रस्तुत करने पर निगम में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार आवेदन पत्र के साथ विधिवत नामांतरण शुल्क प्राप्त कर नियमानुसार कार्रवाई करते हुए निगम अधिवक्ता से विधिक अभिमत प्राप्त कर विभाग द्वारा संबिंधतो को 3 अक्टूबर 2013 को हस्तांतरण की अनुमति प्रदान की गई है।

पश्चात विक्रेतागणो द्वारा क्रेता के पक्ष मे उप पंजीयक कार्यालय दुर्ग में हस्तांतरण प्रपत्र का पंजीयन करा कर पंजीकृत अभिलेख निगम में प्रस्तुत करने पर क्रेता श्रीमती अर्चना देवी श्री महावीर जैन नाम दर्ज किया गया है। उक्त भूखंड!!!!! आवंटन के संबंध में शासन स्तर पर पुनः शिकायत की गई जिसके बाद शासन से प्राप्त पत्र दिनांक 9 दिसंबर 2013 में प्राप्त निर्देशानुसार निर्माण कार्य तत्काल बंद करने बाबत निगम द्वारा 10 दिसंबर 2013 को नोटिस दी गई है। शासन द्वारा भूखंड आवंटन के संबंध में प्राप्त शिकायत के आधार पर संचनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा गठित जांच समिति के द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन के आधार पर संबंधित प्रकरण में कब्जे के आधार पर किए गए व्यवस्थापन के अंतर्गत भूखंडों के आवंटन में अनियमितता पाई गई है। अतः भूखंड आबंटन दी गई भवन अनुज्ञा एवं नामंत्ररण की अनुमति के संपूर्ण प्रस्ताव नियमानुसार निगम की सामान्य सभा में प्रस्तुत कर सामान्य सभा के निर्णय से शासन को अवगत कराने शासन से पत्र दिनांक 28 फरवरी 2014 को प्राप्त हुआ।

उक्त निर्देश पत्र में कुछ तथ्यात्मक एवं मूलभूत कमियां होने के कारण का उल्लेख कर उक्त पत्र को बिंदुवार विवरण तत्कालीन आयुक्त द्वारा पत्र दिनांक 13 मई 2014 द्वारा शासन को प्रेषित किया गया है। पत्र के अंतिम पैरा में भूमि का नामांतरण एवं भवन अनुज्ञा हेतु छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम 1956 के अनुसार नगर पालिका निगम भिलाई अधिकृत है। सामान्य सभा क्षेत्राधिकार नहीं होने तथा प्रकरण में किसी प्रकार की कोई अनियमित नहीं होने का उल्लेख किया गया श्रीमती अर्चना जैन पति महावीर प्रसाद जैन द्वारा उन्हें निगम द्वारा निर्माण कार्य बंद करने जारी नोटिस दिनांक 31 दिसंबर 2013 के विरुद्ध माननीय उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ बिलासपुर के समाचार रिट याचिका क्रमांक 739/2014 छत्तीसगढ़ शासन एवं अन्य के विरुद्ध दायर किया गया जिस पर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा 16 अप्रैल 2014 को आदेश पारित आदेश प्राप्ति दिनांक 2 माह के भीतर जांच पूर्ण कर निराकरण किए जाने का निर्देश शासन को दिया गया

श्रीमती अर्चना देवी जैन द्वारा शासन के समक्ष भी आवेदन प्रस्तुत कर प्रकरण के निराकरण का अनुरोध किया गया उप सचिव छत्तीसगढ़ शासन नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा रिट पिटिशन सी क्रमांक 739/ 2014 श्रीमती अर्चना देवी जैन विरुद्ध छत्तीसगढ़ शासन में माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर के द्वारा पारित आदेश दिनांक 16 अप्रैल 2014 के संबंध में प्रकरण क्रमांक एफ 8- 20/18/ 2014 दर्ज कर प्रकरण की सुनवाई की गई जिसकी याचिकाकर्ता का पक्ष सुना गया उभय पक्षों को सुनकर उप सचिव छत्तीसगढ़ शासन द्वारा! 18 जुलाई 2014 को आदेश पारित किया गया कि शासन द्वारा पूर्व में आयुक्त नगर निगम भिलाई को प्रेषित पत्र दिनांक 28 फरवरी 2014 के निर्देशानुसार भूखंड आवंटन दी गई भवन अनुज्ञा एवं नामांतरण की अनुमति के संपूर्ण प्रस्ताव नियमानुसार निगम की सामान्य सभा की आगामी बैठक में रखकर उसके निर्णय से विभाग को अवगत करावे। तदनुसार शासन द्वारा पारित आदेश 18 जुलाई 2014 के परिपालन मे प्रकरण सामान्य सभा की बैठक में रखे जाने हेतु महापौर परिषद के समक्ष विचारथ प्रस्तुत किया गया। महापौर परिषद की बैठक 6 अगस्त 2014 में संकल्प पारित किया गया कि जांच समिति के प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन के आधार पर संबंधित प्रकरण में कब्जे के आधार पर किया गया व्यवस्थापन के अंतर्गत भूखंडों के आवंटन में अनियमितता पाई गई है

ऐसी स्थिति में आवंटन एवं नामांतरण की कार्रवाई संदेहास्पद एवं नियम विरुद्ध परिलक्षित होने के कारण आंबटन एवं नामांतरण को निरस्त करते हुए इस मामले को शासन स्तर पर उच्च स्तरीय जांच कराए जाने और दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों कर्मचारियों पर नियमानुसार कार्यवाही किए जाने तथा प्रश्नाधीन प्रस्तावित विवादित स्थल को जनहित के कार्य के लिए आरक्षित रखे जाने पर सर्वसम्मति से संकल्प पारित किया गया है श्रीमती अर्चना देवी जैन द्वारा भूखंड क्रमांक A1 A2 A3 A4 पर भवन अनुज्ञा हेतु दिनांक 18 मार्च 2016 को आवेदन प्रस्तुत किया गया उक्त आवेदन को तत्कालीन आयुक्त द्वारा दिनांक 19 मई 2016 को निरस्त किया गया है। आवेदिका श्रीमती श्रीमती अर्चना देवी जैन द्वारा व्यवसायिक भूखंड क्रमांक A1 A2 A3 A4 पर भवन अनुज्ञा प्रदान किए जाने के आवेदन पर कार्यवाही हेतु तत्कालीन आयुक्त द्वारा भवन अनुज्ञा प्रदान करने के संबंध में शासन को मार्गदर्शन हेतु दिनांक 5 जनवरी 2019 को पत्र प्रेषित किया गया छत्तीसगढ़ शासन के पत्र दिनांक 13 मार्च 2019 के अनुसार प्रकरण में विभाग द्वारा पूर्व में प्रेषित पत्र दिनांक 29 फरवरी 2016 के अनुसार कार्यवाही करने हेतु आयुक्त को निर्देश प्रदान किया गया शासन के पत्र निर्माण 29 फरवरी 2016 के अनुसार प्रकरण के संबंध में विभाग द्वारा पूर्व में प्रकरण की जांच कराई गई थी जांच उपरांत विभाग द्वारा आयुक्त को प्रकरण में भूखंड आवंटन भवन निर्माण एवं नामांतरण की अनुमति के संपूर्ण प्रस्ताव निगम के सामान्य सभा में प्रस्तुत करें

तथा सामान्य सभा के निर्णय से विभाग को अवगत कराए जाने का निर्देशित किया गया है। उक्त परिपेक्ष्य मे आयुक्त के पत्र दिनांक 13 मई 2014 के अंतिम पैरा में भूमि के नामांतरण एवं भवन अनुज्ञा हेतु छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम 1956 के अनुसार आयुक्त नगर पालिक निगम भिलाई अधिकृत है एवं सामान्य सभा का कोई क्षेत्राधिकार तथा प्रकरण में किसी प्रकार का कोई अनियमितता नहीं होने उल्लेख किया गया है प्रकरण पर वर्तमान में किसी प्रकार की जांच की कार्रवाई प्रचलित नहीं है माता छत्तीसगढ़ नगर पालिका निगम अधिनियम 1956 में उल्लिखित प्रावधान अनुसार कार्रवाई करने हेतु आयुक्त को निर्देशित किया गया है उपरोक्त शासन के दोनों पत्र दिनांक 13 मार्च 2019 एवं दिनांक 29 फरवरी 2016 के परिपेक्ष्य में तत्कालीन आयुक्त द्वारा श्रीमती अर्चना देवी जैन को भवन अनुज्ञा प्रपोजल क्रमांक 3814, 3817, 3818 दिनांक 18 अप्रैल 2019 एवं भवन अनुज्ञा प्रपोजल क्रमांक 3816 दिनांक 20 अप्रैल 2019 को अनुज्ञ प्रदान किया गया उक्त भवन अनुज्ञा पर रोक लगाने हेतु डॉक्टर दिवाकर भारती प्रभारी सदस्य नगरीय नियोजन एवं भवन अनुज्ञा भिलाई द्वारा कलेक्टर दुर्ग को दिनांक 9 सितंबर 2019 को शिकायत पत्र प्रस्तुत किया था

आवेदक के प्राप्त शिकायत पत्र की**** जांच हेतु कलेक्टर द्वारा जांच समिति का गठन किया गया जिसका जांच प्रतिवेदन दिनांक 22 सितंबर 2020 को प्राप्त हुआ जांच समिति से प्राप्त अभिमत की कंडिका कं. क्रमांक 2 के अंतिम पैरा में उल्लेखित अनुसार प्रदत भवन अनुज्ञाओ में छत्तीसगढ़ भूमि विकास नियम 1984 के नियमों का पालन नहीं किया गया है। अतः भवन अनुज्ञा को नियमानुसार निरस्त करने के पश्चात भूखंड आवंटन एवं नामांतरण की अनुमति के संपूर्ण प्रस्ताव नियमानुसार सामान्य सभा में विचारर्थ रखे जाने का लेख किया गया है एवं एवं अभिमत के कंडिका क्रमांक 3 के अनुसार तत्कालीन आयुक्त नगर पालिका निगम भिलाई द्वारा शासन के निर्देशों के पालन किए बिना भवन अनुज्ञा जारी की गई है उक्त संबंध में संबंधित अधिकारी कर्मचारी के विरुद्ध विधिवत अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु पत्र संबंधित विभाग को भेजा जाना उचित है का लेख किया गया है

उपरोक्तनुसार जांच समिति से प्राप्त अभिमत के कंडिका क्रमांक 2 के अनुसार उक्त 4 भवन अनुज्ञाओं को निरस्त किए जाने हेतु एवं अभिमत के **कंडिका क्रमांक 3 के अनुसार संबंधित अधिकारी कर्मचारियों के विरुद्ध विधिवत अनुशासनात्मक कार्रवाई हेतु समिति द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन संलग्न कर*** संचालक को दिनांक 29 अक्टूबर 2020 को पत्र प्रेषित किया गयाxxxxx उपसचिव छत्तीसगढ़ शासन नवा रायपुर द्वारा प्रकरणों में सुनवाई हेतु निर्धारित दिनांक 29 दिसंबर 2020 को सुनवाई के पश्चात पत्र दिनांक 6 मार्च 2021 द्वारा परीक्षण में निम्नलिखित तथ्य पाए जाने का उल्लेख किया गया है प्रस्तुत भवन अनुज्ञा भूमि हस्तांतरण नामांतरण से संबंधित दस्तावेज का परीक्षण किया गया तथा उभय पक्षों को सक्षम में चुना गया प्रकरण पर विधि सलाहकार से भी अभिमत भी प्राप्त किया गया दस्तावेज के परीक्षण में तथ्य पाए गए कि विभाग के जारी पत्र दिनांक 28 फरवरी 2014 के संदर्भ में आयुक्त नगर पालिका निगम भिलाई द्वारा पत्र क्रमांक 4/428/ 14 दिनांक 13 मई 2014 मे प्रतिवेदित किया गया कि निगम प्रशासन की बैठक दिनांक 14 सितंबर 1998 एवं 24 सितंबर 1998 के अनुसार प्राधिकरण के द्वारा आवंटित भूखंड/ भवन/दुकानों के पंजीयन एवं नामांतरण की कार्रवाई तदसमय प्रचलित नियम शर्तों के अधीन चालू रखे जाने का संकल्प पारित किया गया था राज्य शासन के पत्र दिनांक 24 सितंबर 1998 मे यह निर्देश दिए गए थे कि प्राधिकरण द्वारा क्रियान्वित की जा रही योजनाओं में रिक्त भूखंड भवन/ दुकान की आवंटन किया जाए

संबंधित चारों आबंटितियो को तत्कालीन प्राधिकरण समिति की बैठक 6 मई 1994 में पारित संकल्प क्रमांक 1 के अनुसार निर्धारित दर पर व्यवस्थापन किया गया था निगम गठन के पश्चात राज्य शासन के पत्र क्रमांकएफ-10-27/10-2/98 दिनांक 24 सितंबर 1998 में प्राप्त निर्देशानुसार आबंटितियो से ऑफर राशि जमा कराकर पंजीयन कराया गया है निगम स्तर पर और कोई शिकायत लंबित ना होने कारण आवेदकों को नियमानुसार भवन अनुज्ञा जारी की गई अतः उसमें किसी प्रकार के अनियमितता का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है

उप सचिव छत्तीसगढ़ शासन के पत्र 11 अगस्त 2021 के अनुसार नगर पालिका निगम भिलाई द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन एवं आवेदिका के लिखित कथन के परीक्षण उपरांत प्रकरण के समस्त बिंदु चुकिं भवन निर्माण अनुज्ञा से संबंधित है अतः छत्तीसगढ़ नगर पालिका निगम अधिनियम 1956 एवं अन्य संगत नियमों के अंतर्गत परीक्षण कर नियमानुसार कार्रवाई किया जाना सुनिश्चित करेंगे का लेख किया गया है इस कार्यालय के पत्र दिनांक 11 अक्टूबर 2021 द्वारा श्रीमती अर्चना जैन को माननीय उच्च न्यायालय में डब्ल्यूपीसी 3305/2019 लंबित होने का लेख है अंतिम निर्णय उपरांत भवनपूर्णता प्रमाण पत्र आवेदन पर नियमानुसार कार्रवाई किए जाने का पत्र प्रेषित किया गया इस प्रकरण से संबंधित याचिका माननीय उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ बिलासपुर में याचिका क्रमांक डब्ल्यूपीसी 3305/ 2019 डॉक्टर दिवाकर भारती विरुद्ध छत्तीसगढ़ शासन एवं अन्य दायर किया गया है

उच्च न्यायालय में शासन की ओर से दिनांक 21 अगस्त 2020 को जवाब दावा प्रस्तुत किया गया है प्रकरण सुनवाई हेतु प्रक्रियाधीन है जिस महाधिवक्ता अभिमत लिया गया जिसके अनुसार महाधिवक्ता कार्यालय से प्राप्त अभिमत अनुसार मौके का सत्यापन और पूरी जांच के बाद नियम का उल्लंघन नहीं होने पर आवेदिका श्रीमती अर्चना जैन को भूखंड आवंटन और भवन निर्माण की अनुमति डब्ल्यूपी सी नंबर 3305/ 2019 के अंतिम निर्णय के अधीन होने की शर्तें वचनबद्धता के साथ पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किया जा सकता है इस कार्यालय द्वारा प्रश्नाधीन भूखंड के आवंटन के संबंध में स्पष्ट मार्गदर्शन हेतु दिनांक 20 अप्रैल 2022 को पत्र प्रेषित किया गया शासन द्वारा उपरोक्त पत्र के परिपेक्ष में 10 जून 2022 द्वारा प्रकरण में मार्गदर्शन दिए जाने की आवश्यकता नहीं होने का लेख है इस कार्यालय को सूचित किया गया उपरोक्त प्रकरण में भूमि आवंटन के अनियमितता के संबंध में शासन द्वारा स्पष्ट किया जाना है जिसके उपरांत प्रकरण पर नियमानुसार अग्रिम कार्रवाई की जा सकेगी यह जानकारी आयुक्त नगर पालिका निगम भिलाई द्वारा प्रदान की गई


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