भिलाई नगर 23 अक्टूबर 2022 :! पुलिस कप्तान डॉक्टर अभिषेक पल्लव ने पुलिस नियंत्रण कक्ष में आयोजित पत्रकार वार्ता में अमलेश्वर के सुरेंद्र सोनी की हत्या ज्वेलर्स दुकान में हुए लूटपाट के मामले में वाराणसी से गिरफ्तार चार आरोपियों को आज पत्रकारों के समक्ष पेश करते हुए पूरे घटनाक्रम से पत्रकारों को अवगत कराया पुलिस कप्तान ने बताया कि आरोपियों को दव रचने वाली टीम को दुर्ग रेंज के पुलिस महानिरीक्षक में नगद इनाम देने की घोषणा की है वारदात का मास्टरमाइंड आरोपी राजधानी में हत्या और लूटपाट की वारदात में शामिल था और पुलिस कस्टडी में खराब हो चुका था जिसकी सरगर्मी से राजधानी पुलिस को तलाश थी आरोपी हर वारदात में गिरफ्तार होने पर अपना नाम और पता को बदल देता था और फर्जी नाम से गिरफ्तारी होती थी
पुलिस कप्तान ने बताया कि 20 अक्टूबर को सुरेंद्र सोनी के 20 वर्षीय पुत्र ने पुलिस में लिखित शिकायत किया कि तनिष्क सोनी पिता सुरेन्द्र सोनी 20 वर्ष निवासी वुड आई लैण्ड कालोनी ग्राम अमलेश्वर के मकान नम्बर जी/13 फेस 03 थाना उपस्थित होकर लिखित आवेदन पत्र प्रस्तुत किया कि मैं उपरोक्त पते पर अपने माता पिता के साथ निवास करता हूँ, हम लोग एक भाई व एक बहन है, मेरे पिता सुरेन्द्र सोनी की दुकान समृध्दि ज्वेलर्स के नाम से तिरंगा चौक बजरंग काम्प्लेक्स ग्राम अमलेश्वर मेन रोड में स्थित है, जिसमे मेरे पिताजी बैठते है, मै भी उनका सहयोग करता हूं, हमेशा की तरह मेरे पिताजी सुरेन्द्र सोनी 20.10.2022 को करीबन 10.30 बजे दुकान खोलने गये थे, मै उस वक्त अपने घर में था, करीब 12.30 बजे मेरे दुकान में लगे सीसीटीवी जिसका कनेक्शन मेरे मोबाईल फोन पर है, मैने मोबाईल फोन से अपने दुकान का लाईव विडियों देख रहा था, उस दौरान मेरे दुकान में मेरे पिताजी के अलावा दो और व्यक्ति मौजूद थे, जिनको मेरे पिताजी उनको अंगुठी दिखा रहे थे, उनमे से एक व्यक्ति चितकबरा रंग की कमीज पहना था तथा दुसरा व्यक्ति का दाहिना हाथ कटा हुआ था, इसके बाद मै अपने मोबाईल से दुकान का फुटेज देखना बंद कर दिया, करीब 01.00 बजे के आसपास मै पुनः फुटेज देखना शुरू किया तो दुकान में वे दोनो लड़के काउण्टर अंदर घुसकर लाकर से मुझे सामान निकालते दिखे लेकिन मेरे पिताजी दुकान मुझे दुकान में दिखाई नही दिये, तब मै घर से तुरन्त निकल कर अपने दुकान के लिये आया। दुकान आते वक्त थाना अमलेश्वर के सामने दाहिने तरफ खुड़मुड़ा रोड के तरफ बाईक से तीन व्यक्तियों को जाते देखा, जिनमे एक व्यक्ति चितकबरे कलर का कमीज पहने हुये गाड़ी चलाते दिखाई दिया,
जिसे मै पहचान लिया, उनमे से दो व्यक्तियों को मैने फुटेज में अपने पिताजी से सामान दिखाते हुये देखा था, इसके बाद मै दुकान के अंदर आया और काउण्टर के अंदर झांका तो मेरे पिताजी लहुलुहान नीचे फर्स पर गिरे पड़े थे तथा लाकर खुला हुआ था, उसमे रखे हुये सोने चांदी के ज्वेलरी गायब थे, मै तुरंत अपने पड़ोसी प्रभु साहू जिनका हमारे दुकान के बगल में एक दुकान के बाद हिमांशु मोबाईल के नाम से दुकान है, उनको बताया, और अपनी मां एसरी सोनी को फोन से घटना की सूचना दिया तथा थाना अमलेश्वर में आकर इसकी सूचना दिया, इसके बाद डायल 112 की गाड़ी से अपने पिताजी को ओम अस्पताल रायपुरा लेकर गया, जहां ओम अस्पताल से मेकाहारा रिफ्रर करने पर अपने परिजनो को फोन करके घटना के बारे मे बताया तथा उनके साथ अपने पिताजी को मेकाहारा अस्पताल रायपुर लेकर गया, जहां मेकाहारा अस्पताल रायपुर में चेक करने के पश्चात डाक्टरो द्वारा मेरे पिताजी की मृत्यु हो जाना बताये। मेरे पिता सुरेन्द्र सोनी को दोनो अज्ञात व्यक्तियों ने लूट करने के इरादे से अपने पास रखे कट्टा से गोली चलाकर प्राण घातक हमला किया, जिससे उनकी मौत हो गई। प्रार्थी की रिपोर्ट पर थाना प्रभारी अमलेष्वर द्वारा घटना स्थल पहुंचकर घटना की जानकारी प्राप्त करते हुए वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराते हुए थाना अमलेष्वर में अज्ञात आरोपियों के विरूद्ध अपराध क्रमांक 157/2022, धारा 302, 394, 397, 449 भादवि एवं 25, 27 आर्म्स एक्ट पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
उक्त सनसनीखेज घटना को अत्यंत गंभीरता से लेते हुये पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज बद्रीनारायण मीणा के मार्गदर्शन में पुलिस अधीक्षक डॉ.अभिषेक पल्लव के द्वारा स्वयं घटना स्थल उपस्थित होकर घटना स्थल का अवलोकन किया गया, हत्या एवं लूट की घटना में संलिप्त अज्ञात आरोपियों की शीर्घ्र गिरफ्तारी एवं पतासाजी करने हेतु आवष्यक निर्देष दिये गये, जिसके परिपालन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) अनन्त साहू, नगर पुलिस अधीक्षक, (भिलाई नगर) निखिल रखेचा , नगर पुलिस अधीक्षक, (दुर्ग) वैभव बैंकर , नगर पुलिस अधीक्षक, (छावनी) प्रभात कुमार , पुलिस अनुविभागीय अधिकारी (पाटन) देवांश राठौर एवं उप पुलिस अधीक्षक (अपराध) नसर सिद्विकी के मार्गदर्शन में एवं ए.सी.सी.यू प्रभारी निरीक्षक संतोष मिश्रा, थाना प्रभारी अमलेश्वर निरीक्षक राजेन्द्र यादव के नेतृत्व में एण्टी क्राईम एवं सायबर यूनिट एवं दुर्ग पुलिस के विभिन्न थानों में पदस्थ चुनिंदा अधिकारी एवं कर्मचारियों की विषेष टीम गठित कर कार्यवाही हेतु लगाया गया। टीम द्वारा घटना स्थल का सूक्ष्मता से निरीक्षण किया गया। घटना स्थल के आस-पास लगे सीसीटीव्ही कैमरों के साथ-साथ आरोपियों द्वारा फरार होने वाले संभावित मार्गो का सीसीटीव्ही फूटेज प्राप्त का उनका सूक्ष्मता से अवलोकन प्रारंभ किया गया। घटना स्थल समृध्दि ज्वेलर्स में लगे सीसीटीव्ही का अवलोकन से ज्ञात हुआ कि 02 व्यक्ति दुकान से कुछ समान की खरीदारी करने के बहाने से अंदर आये जिसमें से एक व्यक्ति का आधा हाथ नहीं है। दुकान के मालिक सुरेन्द्र सोनी के उपर फायरिंग करते हुए दुकान में रखे समान को लुट कर फरार हो गये। आरोपियों द्वारा घटना के उपरांत फरार होने वाले संभावित मार्गो में लगे सीसीटीव्ही फूटेज का अवलोकन करते हुए ज्ञात हुआ कि आरोपियों द्वारा घटना के लिए जिस मोटर सायकल क्रमांक JH12N2701 का उपयोग किया गया है।
जो ग्राम कुन्दाली रायपुर के पास छोडकर फरार हो गये। सीसीटीव्ही फूटेज में मोटर सायकल के आगे एक HONDA CITY कार क्रमांक DL4CAH2592 जाते हुए दिखायी दे रही थी, जिससे यह अनुमान लगाया गया कि आरोपियों द्वारा मोटर सायकल क्रमांक JH12N2701 छोड़कर HONDA CITY कार क्रमांक DL4CAH2592 से भागे है। इसी दौरान कोडरमा झारखण्ड से यह जानकारी प्राप्त हुई की मोटर सायकल क्रमांक JH12N2701 का मालिक राजेश कुमार सिंह है जो सिक्योरिटी एजेंसी में ट्रेडिंग का काम करता है, उसके अपने मालिक अभिषेक राठौर के कहने पर अपनी मोटर सायकल JH12N2701 को सौरभ कुमार सिंह को चलाने हेतु दिया गया था, सौरभ कुमार सिंह द्वारा मोटर सायकल JH12N2701 नहीं लौटाने पर थाना बोधगया में षिकायत दर्ज करायी गयी थी। साथ ही यह भी जानकारी प्राप्त हुयी की सौरभ कुमार सिंह का एक हाथ नहीं है। आरोपियों द्वारा घटना के उपरांत प्रयुक्त कार को रायपुर में देखे जाने से तत्काल टीम रवाना हुयी इस दौरान 03ः02 मिनट पर उक्त कार तरपोंगी रायपुर के टोल प्लाजा में बिलासपुर की ओर जाते हुये दिखी सूचना पर बिलासपुर पुलिस को हिर्री टोल प्लाजा भेजा गया जानकारी प्राप्त हुयी 03ः50 मिनट पर उक्त कार हिर्री टोल प्लाजा क्रास कर चुकी थी। टीम द्वारा आरोपियों के निवास की ओर जाने वाले संभवित टोल प्लाजा को चेक करते हुए आगे बढ़ रही थी अगले दिन वाहन क्रमांक DL4CAH2592 को वाराणसी के आई.टी.एम.एस कैमेरे में सर्च करने पर शहर के अंदर प्रवेश होना पाया गया एवं शहर से बाहर नहीं निकला ज्ञात हुआ। जिससे यह विश्वास हो गया की आरोपीगण वाराणसी में रूके हुए है। टीम द्वारा अपनी रफ्तार तेज कर सीधे वाराणसी प्रवेश किया जाकर गाड़ी की पता-तला
श किया जाने लगा इसी दौरान पुलिस अधीक्षक दुर्ग अभिषेक पल्लव ने वाराणसी कमि
श्नर में संपर्क स्थापित कर उक्त घटना की जानकारी दी गयी चूंकि गाड़ी को वाराणसी जंक्शन के पास होने की संभावना से वहाँ के आर.पी.एफ. को भी इसकी सूचना दी गयी। इसी दौरान हमारी टीम को गाड़ी नजर आ गयी। जो गाड़ी चालू कर वहां से भाग रहे थे। टीम द्वारा आरोपियों का लगातार पीछा किया गया एवं वहां के आर पी
एफ द्वारा थोड़ी देर के लिये यातायात बाधित कर दिया गया जिससे आरोपियों की वाहन आगे नहीं बड़ पायी और हमारी टीम जिसका नेतृत्व निरीक्षक एसीसीयू संतोष मिश्रा कर रहे थे की टीम ने फूर्ति से घेराबंदी करते हुए आरोपियों को धर दबोचा। टीम द्वारा आरोपियों को अपने कब्जे में लेकर समीप के थाना सिगरा वाराणसी ले जाकर पूछताछ करने से आरोपियों के कब्जे से घटना में लूटे हुए सोना चांदी के आभूषण एवं घटना में प्रयुक्त पिस्टल एवं दे
शी कटृटा बरामद हुआ। घटना का मास्टर माइंड अनुपम झा उर्फ अभिषेक झा है जिसने सौरभ कुमार सिंह, अभय कुमार भारती एवं आलोक कुमार यादव के साथ लूट के उद्देष्य से अम्ले
श्वर दुर्ग छत्तीसगढ़ में रेकी किया गया एवं सौरभ कुमार सिंह एवं अभय कुमार भारती अम्लेष्वर तिरंका चौक स्थित समृध्दि ज्वेलर्स के मालिक सुरेन्द्र सोनी की हत्या कर दुकान से लूट की घटना को अंजाम दिया गया। उक्त आरोपियों में थाना रायपुर सिविल लाईन, थाना टिकरापारा, थाना डीडी नगर में लूट और हत्या का अपराध घटित करने वाले आरोपी अनुपम झा उर्फ अभिषेक झा जो पेशी के दौरान न्यायालय से फरार हो गया
था।
उक्त कार्यवाही में एन्टी क्राईम एवं सायबर यूनिट के निरीक्षक संतोष मिश्रा, सउनि शमित मिश्रा, पूर्ण बहादुर, आरक्षक शहबाज खान, विक्रांत यदु, कोमल राजपूत, एवं आरपीएफ वाराणसी के निरीक्षक अंजुलता द्विवेदी एवं आरक्षक रमेश यादव का आरोपियों की घेराबंदी कर पकड़ने में उल्लेखनीय योगदान रहा। तकनीकी साक्ष्य एकत्र एवं सीडीआर एनालिसिस करने में प्र.आरक्षक एसीसीयू चन्द्रशेखर बंजीर का योगदान रहा। साथ ही इस पुरी प्रकरण को सुलझाने में एसीसीयू एवं दुर्ग जिले के चुनिंदा पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों का उल्लेखनीय योगदान रहा। जिनके द्वारा सभी टोल प्लाजा, सीसीटीव्ही विभिन्न जिलों एवं राज्यों से स्थापित करना जैसा कार्य किया। जिसके परिणाम स्वरूप दुर्ग पुलिस को सफलता मिली।