केन्द्रीय जेल दुर्ग में चल रहा लेन-देन कर बंदियों को पैरोल में रिहा करने का खेल…. जरूरतमंद गरीब बंदियों के प्रकरण की हो रही अनदेखी….

IMG_20240227_173510.jpg


दुर्ग 27 फरवरी 2024:-  केन्द्रीय जेल दुर्ग में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। चर्चा है कि यहां बंदियों को पैरोल पर रिहा करने के बदले भारी लेन-देन हो रहा है। इसका फायदा रसूखदार बंदियों को मिल रहा है। लेकिन जरुरतमंद गरीब बंदियों को पैरोल का लाभ देने में आनाकानी की जा रही है। इस तरह के मामलों से जेल कल्याण अधिकारी की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इतना ही नहीं केंद्रीय जेल दुर्ग में बंद बंदियों के पास मोबाइल नशे का सामान गांजा चरस जैसे नशे के समान मुंह मांगी रकम  देने पर आसानी से उपलब्ध हो रहा है


कल्याण अधिकारी जो कि केंद्रीय जेल रायपुर मे पदस्थ हैं और दुर्ग जेल का अतिरिक्त कार्य देख रहे हैं। उनके द्वारा बंदियों से पैसे ले कर पैरोल में रिहा करने का प्रकरण इन दिनों खासा चर्चा में है। केंद्रीय जेल मे परिरुद्ध एक बंदी ने नाम ना छापने की शर्त पर यह खुलासा किया है कि कल्याण अधिकारी नीलेश पाण्डेय एंव उनके सिपाही राजेश साहू बंदी को पैरोल में रिहा करने के दस्तावेज़ बनवाने, जांच करने, प्रकरण मुख्यालय भेजने इत्यादि के मुंह मांगे पैसे वसूल करते हैं।

वहीं जो बंदी गरीब और अपने किसी खास वजह से पैरोल पर घर जाना चाहते हैं, उनके प्रकरण में अनावश्यक देरी की जाती है। इस वजह से गरीब और जरूरतमंद बंदियों का मनोबल काफी गिरा हुआ है। इस मामले की गहराई से जांच होने पर और भी चौंकाने वाली सच्चाई सामने आने की संभावना से इंकार नहीं किया जा रहा है।


scroll to top