उद्योग एवं व्यापार पर जीएसटी से पहले लगने वाले वेट के लंबित मुद्दों का हुआ निराकरण, भूपेश ने सरकार ने लाया विधेयक….
00 एमएसएमई जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष के. के. झा ने मुख्यमंत्री का जताया आभार…..
00 उनकी सभी पांच मांगें भूपेश सरकार ने पूरी की : झा…..

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भिलाई नगर 17 मार्च 2023: एमएसएमई जिला उद्योग संघ की एक बहुप्रतीक्षित मांग, जीएसटी से पहले उद्योग एवं व्यापार पर लगने वाले वेट के लंबित मुद्दों के निराकरण के लिए प्रदेश की भूपेश सरकार ने विधानसभा में ‘छत्तीसगढ़ बकाया कर ब्याज एवं शास्ती के निपटान विधायक 2023’ लाकर प्रदेश के उद्योगपतियों एवं व्यापारियों को बहुत बड़ी राहत दी है। संघ के अध्यक्ष के.के. झा ने इस मुद्दे के निराकरण के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को कई बार पत्र लिखा था। आज विधेयक लाए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए श्री झा ने कहा कि इससे उद्योग जगत एवं व्यापार जगत में उत्साह का एक नया संचार होगा।

संघ के अध्यक्ष श्री झा ने इस विधेयक को विस्तार से समझाते हुए बताया कि जीएसटी प्रारंभ होने के पूर्व वेट कर अधिनियम लागू था। जो कि 30 जून 2017 को समाप्त हो गया। परंतु उक्त अधिनियम के अंतर्गत कर का दायित्व आज भी व्यापारियों के ऊपर था। जिसके कारण छोटे-छोटे उद्योग व व्यापारी वाणिज्य कर विभाग की वसूली से परेशान थे। वाणिज्यकर विभाग द्वारा कई बार उद्योगपतियों एवं व्यापारियों के बैंक खाते तक फ्रिज कर दिया जाता था।

उद्योगपतियों एवं व्यापारियों की इस समस्या को देखते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री श्री बघेल से मांग की थी कि वाणिज्य कर का बकाया कर की राशि के भुगतान हेतु कोई विधेयक लाया जाए। जिसमें कुछ प्रतिशत कर का भुगतान कर पुराने लंबित करो के दायित्व से मुक्त हो सके। 9 जनवरी 2023 को सीएम कार्यालय से एक पत्र उन्हें मिला जिसमें कहा गया था कि इस मुद्दे पर प्रदेश सरकार सहानुभूति पूर्वक विचार कर रही है। और यह खुशखबरी उद्योग एवं व्यापार जगत को मिली।

श्री झा ने बताया कि इस विधेयक के तहत ऐसे व्यापारी जिनका बकाया कर 50 लाख या उससे अधिक है 60% राशि का भुगतान कर सकते हैं। तथा ऐसे व्यापारी जिनका बकाया कर 40 लाख रुपए से कम है वह 40% कर की राशि का भुगतान कर सकते हैं। साथ ही कर की राशि पर लगाया गया ब्याज दर केवल 10% भुगतान करना होगा।

श्री झा का कहना था कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साढे 4 वर्ष के कार्यकाल में एमएसएमई के माध्यम से उन्होंने कुल 5 मांगें मुख्यमंत्री के समक्ष रखी थी। उन्हें बताते हुए हर्ष हो रहा है कि उनकी सभी मांगें पूरी हो गईं हैं। अब कोई भी मांग शेष नहीं बची है। श्री झा ने पूरी हुई मांगों का जिक्र करते हुए बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह द्वारा ‘सीएसआईडीसी’ से उत्पादों की खरीदी बंद कर ‘जैम’ के तहत खरीदी चालू की गई थी।

जिसे उनके आग्रह पर मुख्यमंत्री श्री बघेल ने पुनः चालू किया एवं ‘सीएसआईडीसी’ से उत्पादों की खरीदी शुरू की गई। इसी तरह फ्री होल्ड जमीन की मांग जो पिछले 10 वर्षों से लंबित थी मुख्यमंत्री श्री बघेल ने उद्योगपतियों को जमीन का मालिकाना हक देकर बहुत बड़ा निर्णय लिया।

श्री झा ने बताया कि कोरोना काल में जब उद्योगों को ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति बंद कर दी गई थी तब उन्होंने मुख्यमंत्री से उद्योगों को ऑक्सीजन सिलेंडर दिलाने का आग्रह किया था मुख्यमंत्री ने इस मांग को भी पूरा किया और उद्योगों को ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराकर बंद नहीं होने दिया। प्रॉपर्टी टैक्स की एक जटिल समस्या वर्षों से लंबित थी।

उद्योगपति काफी लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री श्री बघेल के समक्ष गुहार लगाई और नतीजा सुखद निकला। छत्तीसगढ़ प्रदेश का उद्योग प्रॉपर्टी टैक्स से मुक्त हो गया। और अंतिम मुददा वेट का लंबित मामला भी सुलझ गया। इस तरह उनकी अंतिम मांग भी पूरी हो गई। श्री झा ने एमएसएमई जिला उद्योग संघ के सभी पदाधिकारियों तथा प्रदेश के सभी उद्योगपतियों की तरफ से मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया तथा आभार प्रकट किया।


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