भिलाई नगर 7 मार्च 2023। छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष प्रेमप्रकाश पाण्डेय ने विधानसभा में प्रस्तुत बजट 2023-24 में की गई घोषणाओं को लेकर सरकार पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। फेसबुक लाइव के माध्यम से जनता से संवाद करते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा प्रस्तुत भरोसे के बजट में छत्तीसगढ़ की जनता को भरोसा नहीं है। वादाखिलाफी करना कांग्रेस पार्टी की रीती-नीति रही है। उन्होंने कहा की आज होलिका दहन का त्योहार है और पिछले साढ़े 4 वर्षों में छत्तीसगढ़ सरकार की जो वादाखिलाफी है उसके भी बुराइयों का दहन है। अपने बजट भाषण में मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष वे कर्ज नहीं ले रहें हैं तो उसका कारण यह है कि उन्होंने जो बजट बनाया है उसका सकल घरेलु घाटा अपने अंतिम चरण में पहुँच चुका है। 15 हजार 200 करोड़ है जो एफआरबीएम से तीन प्रतिशत की जो अवधी है उसके 2.99 प्रतिशत है।
श्री पाण्डेय ने कहा कि मुख्यमंत्री ने किसानों के कर्ज माफ़ी के नाम पर कर्ज लिए और राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों को अभी तक चौथी क़िस्त नहीं मिल पायी है और इस वर्ष की चारों क़िस्त बाकि है। आंकड़े देखे जाए तो 25 हजार करोड़ रुपए किसानों के नाम पर अब तक छत्तीसगढ़ सरकार ने खर्च किये हैं लेकिन विगत साढ़े 4 वर्षों में उन्होंने किसानों के नाम पर 61 हजार करोड़ रुपए कर्ज लिया है, आखिर वह पैसा गया कहाँ? मुख्यमंत्री द्वारा बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा पर हमारे क्षेत्र के विधायक को अतिउत्साहित होते देखा गया, लेकिन मैं उनसे पूछना चाहता हूँ कि
आखिर इस बजट में भिलाई को क्या मिला? भिलाई में 18 करोड़ की लागत से एक तारा मंडल था वह चला गया, 8 करोड़ रुपए से सेक्टर 2 से सेक्टर 6 नालों को चैनालाईज करना था वह पैसा चला गया , सौभाग्य योजना अंतर्गत बीएसपी क्षेत्र अंतर्गत आने वाले बस्ती इलाके में प्रकाश व्यवस्था के लिए पैसा आना था वह चला गया। इन चार वर्षों में भिलाई में न कोई कॉलेज आया, न इंस्टीट्यूट खुला, पंडित जवाहर लाल नेहरु अस्पताल को मेडिकल कॉलेज बनाने की बात कर रहे थे वह पूरा नहीं हुआ, प्रॉपर्टी टैक्स आधा करने की बात कह रहे थे अब फरमान यह निकाल दिया गया की समय पर टैक्स जमा नही होगा उनसे पांच गुना वसूल करेंगे।नियमितीकरण के नाम पर केवल कर्मचारियों को धोखा दिया गया। ऐसी कई चीजें हैं जिसको लेकर आपने प्रदेशवासियों को धोखा दिया।
रोजगार के नाम पर युवाओं को ठगा गया – पाण्डेय
श्री पाण्डेय ने कहा कि घोषणा पत्र में राजीव मित्र योजना के तहत घर-घर रोजगार और हर घर रोजगार का नारा देकर आपने 10 लाख युवाओं को रोजगार देने की बात कहकर उन्हें ठगने का काम किया। 2500 रुपए बेरोजगारी भत्ता 10 लाख युवाओं को देने की बात कही थी परन्तु विगत 4 वर्षों में युवाओं को बेरोजगारी भत्ता और रोजगार नहीं मिला। सिर्फ 10 लाख युवाओं की ही बात करें तो एक वर्ष में 3 हजार करोड़ रुपए होते हैं और विगत 4 वर्षों की बात करें तो राज्य सरकार द्वारा युवाओं के हक़ का 12 हजार करोड़ रुपए गबन कर लिया। इस वर्ष के बजट में केवल 250 करोड़ रुपए युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने के लिए आवंटित किया गया है
लेकिन उससे केवल 80 से 90 हजार युवाओं को ही बेरोजगारी भत्ता मिलेगा बाकि 9 लाख से अधिक युवाओं का क्या होगा? अपरेंटिस के माध्यम से कुशल बेरोजगारों को अनुभव प्रदान करने के लिए 6 महिना ट्रेनिंग देने और उस अवधि में 10 हजार रुपए प्रतिमाह वेतन देने की बात कही थी, रोजगार आयोग की स्थापना करने, उरोजगार उन्नयन में उद्योगों की भागीदारी के तहत 100 प्रतिशत अकुशल नौकरियां उद्योगों में स्थानीय लोगों को देने, 70 प्रतिशत अर्धकुशल और 40 प्रतिशत प्रबंधन स्तर की बात कही थी लेकिन आज तक उसपर कोई कार्य नहीं हुआ और न ही ऐसा कोई कानून आया। यह केवल प्रदेश के युवाओं को भटकाने और ठगने के लिए किया गया था लेकिन आज प्रदेश का युवा इन सभी झूटों वादों और दावों को जान चुका है।
कई घोषणाएं अब भी अधूरी, यह कांग्रेस सरकार का आखिरी बजट
श्री पाण्डेय ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूरे प्रदेश के समस्त कॉलेज व स्कूली छात्र-छात्राओं को निशुल्क परिवहन की सुविधा दी जाएगी वह भी अधूरी है। कामकाजी महिलाओं के लिए जिला मुख्यालय में महिला छात्रावास भवन बनाया जाएगा। दुर्ग में हमने 10 करोड़ की लागत से 500 बेड के छात्रावास के लिए रखा था वह पैसा भी चला गया। विधवा पेंशन 1000 करने का वादा किया था वह भी नहीं हुआ। ऐसी बहुत सी घोषणाएं की गई थी लेकिन आज तक केवल वह घोषणा बनकर रह गई। मोर आवास योजना के तहत प्रदेश के 16 लाख परिवारों के आवास का अधिकार छिनने का कार्य किया गया।
किसान भूमि अधिग्रहण में आपने 4 गुना पैसा देने की बात कही लेकिन पिछले 4 वर्षों में किसानों के जमीन की दर नहीं बढ़ी बल्कि बल्कि 30 प्रतिशत 2 एक वर्ष 40 प्रतिशत सरकारी दर पर आपने कम कर दिया। प्रतिवर्ष किसानों के जमीन के दाम बढ़ते परन्तु वहां आपने 4 वर्षों में उनके जमीनों की कीमत 40 प्रतिशत कम कर दिया। 4 गुना दर देने की बात कही थी लेकिन वह आंकड़े देखे जाए तो उनकी जमीन की वास्तविक दर 20 प्रतिशत कम हो गई। किसानों को दो वर्ष का बकाया धान बोनस देने की कोई घोषणा नहीं की गई। ऐसे कई वादें हैं जो विगत 4 वर्षों में जमीन पर नहीं दिखी। केवल योजनाओं के नाम पर छत्तीसगढ़ सरकार ने भ्रष्टाचार का खेल किया है। लेकिन आब जनता जागरूक हो चुकी है और छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार का यह आखिरी बजट साबित होगा। यह प्रदेश के हर वर्ग,समाज के लोगों को ठगने वाला बजट है।