गंभीर रूप से घायल मरीज को नहीं मिली प्राथमिक उपचार…
00 श्री शंकराचार्य अस्पताल में तार-तार हुई मानवीय संवेदना….
00 बिना किसी परिचय के चार दोस्त सड़क से ले गए थे अस्पताल…. शनिवार की रात की घटना का पूरा विडियो जरूर देखें…..

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भिलाई नगर 18 अक्टूबर 2022 :! गंभीर रूप से घायल मरीज को नहीं मिली प्राथमिक उपचार श्री शंकराचार्य अस्पताल में तार-तार हुई मानवीय संवेदना
बिना किसी परिचय के चार दोस्त सड़क से ले गए थे अस्पताल सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल शख्स को श्री शंकराचार्य अस्पताल में उपचार लाभ देने से इंकार कर दिया गया। घायल शख्स को बिना किसी परिचय के सड़क से उठाकर सेवा भावी चार दोस्तों ने अपनी कार से अस्पताल पहुंचाया था। जहां अपने नियम कायदे और रुपए जमा कराए बिना उपचार करने से इंकार कर श्री शंकराचार्य अस्पताल प्रबंधन ने मानवीय संवेदना को तार – तार कर डाला।


बीते शनिवार की रात में चिखली चौक धंमधा रोड के समीप सड़क पर एक अज्ञात व्यक्ति दुर्घटना में घायल होकर रक्तरंजित अवस्था में गिरा पड़ा था। उसी दौरान अजय कुमार रात्रे चार साथियों के साथ अपनी कार से खाना खाने ढाबा जा रहे थे। युवकों ने सड़क पर पड़े घायल युवक को देख डायल 112 में फोन लगाया।‌ काफी देर तक जब पुलिस या एंबुलेंस नहीं पहुंची तो चारों युवक घायल को अपनी कार में लेकर श्री शंकराचार्य अस्पताल पहुंचे। जहां दरवाजे पर ही कैजुअल्टी इंचार्ज डॉक्टर बेहरा ने बेड खाली ना होने का हवाला देते हुए अन्य अस्पताल में ले जाने की सलाह दे डाली। इतना ही नहीं सेवाभावी युवकों के साथ डॉ बेहरा हुज्जत करने लगे।

(शंकराचार्य अस्पताल में मरीज व चिकित्सक को देखें)

युवक जबरदस्ती घायल को स्ट्रेचर पर लादकर कैजुअल्टी में ले गए। जहां बिना पर्ची बनाएं इलाज करने को चिकित्सक तैयार नहीं थी। उन युवकों में अज्ञात घायल व्यक्ति का अपने पाकिट से पैसा खर्चा करके दवाई की व्यवस्था की और इलाज शुरू करवाया। इतना सब होने के बावजूद अस्पताल प्रबंधन पुलिस को सूचना देना भी उचित समझा। ऐसा लगा अस्पताल प्रबंधन की अज्ञात व्यक्ति के प्रति मानवीय संवेदना पूरी तरह मर चुकी थी। जबकि शासन प्रशासन का आदेश है कि सड़क दुर्घटना में घायल किसी भी व्यक्ति का तत्काल उपचार किया जाए। अस्पताल प्रबंधन शासन प्रशासन के आदेशों को दरकिनार करते हुए बिना पैसे लिए इलाज करने से इंकार कर दिया था। भला हो सेवा भावी युवकों का जिन्होंने अपने भूख की परवाह किए बिना उस अज्ञात व्यक्ति का इलाज कराना ज्यादा उचित समझा।


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