महिलाओ के लिए खुला है आसमान न डरें न झिझकें” -चंचल तिवारी… शासकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय सजेबहार रायपुर में एक दिवसीय कार्यशाला संपन्न..

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रायपुर 21 जनवरी 2024:- शासकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय, सेजबहार, रायपुर के द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसका विषय “सशक्तीकरण: महिलाओं की सुरक्षा और कल्याण के लिए एक समग्र दृष्टिकोण ” था । उक्त कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती एवम् स्वामी विवेकानंद जी के छायाचित्र पर पुष्पार्पण तथा दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि श्रीमती चंचल तिवारी अपर पुलिस अधीक्षक, आईयूसीएडब्लू एवं  कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. डॉ. एम. आर. ख़ान, प्राचार्य, जी ई सी रायपुर ने की, तथा उनके साथ ही संस्था के सभी प्राध्यापक, विभागाध्यक्ष, संकाय सदस्य एवं सभी कर्मचारी एवं छात्र छात्रा भी उपस्थित रहे । कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत सभी अतिथियों को स्वागत के रूप में पौधे प्रदान कर किया गया।

कार्यक्रम को गति देते हुऐ प्रो. डॉ. श्वेता चौबे अध्यक्ष आईसीसी एवं कार्यक्रम समन्वयक, तथा विभागाध्यक्ष बेसिक सांइस  ने आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा से अवगत कराते  हुए नारी के चहुंओर  विकास के साथ महिला उत्पीडन के बढते मामले, नशा के लिए और नशे में होने वाले अपराधो को कम करने की जागरूकता फैलाने पर जोर दिया साथ ही सोशल मीडिया संबंधित क्राइम तथा साइबर क्राइम से बचाव संबंधित जानकारी के प्रति जागरूक होने पर बल दिया।

कार्यक्रम की मुख्य वक्ता श्रीमति चंचल तिवारी के द्वारा महिला सशक्तीकरण , महिलाओ के उत्थान  एवं उनके अधिकारों से संबंधित जानकारी से अवगत कराया। विद्यार्थियों द्वारा साइबर क्राइम, ठगी, और नशे से मुक्ति के लिए शासन स्तर पर किए जाने वाले कार्य पर प्रकाश डाला शासन स्तर पर आप कैसे और कहां से मदद ले सकते हैं जानकारी साझा की । उन्होंने आवाहन करते हुए कहा की “महिलाओ के लिए खुला है आसमान न डरें न झिझकें” । श्रीमती चंचल तिवारी ने जी ई सी रायपुर सभागार में उपस्थित सभी छात्र छात्राओं  के उज्ज्वल भविष्य एवं लक्ष्य प्राप्ति की कामना की ।

प्राचार्य प्रो एम आर खान ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बताया की भारतीय संविधान में महिलाओं की सुरक्षा और अधिकारों के लिए पर्याप्त कानून है, लेकिन कानून तब तक कुछ नहीं कर सकता जब तक एक नारी खुद अपने लिए आवाज़ को बुलंद नहीं करती है. जब एक नारी अपने अधिकारों के लिए आवाज़ को बुलंद करती है तभी उसे न्याय मिलता है. उन्होंने  बताया की महिलाओं को अपनी सुरक्षा तथा अधिकार के प्रति सजग होना चाहिए।


तकनीकी सत्र के आरंभ में श्री चिंतामणि साहू  (साइबर सेल ,रायपुर ) के द्वारा आधुनिक युग में सोशल मीडिया से होने वाले दुष्प्रभावों एवं उनसे बचने के उपायों  से उपस्थित श्रोता एवं युवा पीढ़ी को अवगत कराया। साथ ही साथ साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 के बारे में जानकारी प्रदान की ।

कार्यक्रम में श्रीमती इंदिरा ठाकुर  उपनिरीक्षक IUCAW ने महिलाओ के खिलाफ अपराध के मामलो पर केंद्रित जांच के विषय में जानकारी दी तथा लिंग आधारित हिंसा के संबंध में शिकायत दर्ज कराने हेतु महिलाओ में आत्मविश्वास की कमी के बारे में बताया और उन्हें इसके खिलाफ डटकर आवाज उठाने हेतु प्रेरित किया। उन्होंने बताया की “महिलाओं को सशक्त बनाने का मतलब केवल व्यक्तिगत जरूरतों को पूरा करना नहीं है, बल्कि अधिक समावेशी और न्यायसंगत वातावरण बनाने के लिए सामाजिक संरचनाओं और दृष्टिकोण को बदलना भी शामिल है साथ ही महिला सशक्तिकरण मजबूत , अधिक लचीले समुदायों और समाजों के निर्माण में योगदान देता है”।


तत्पश्चात अमानत फाउंडेशन के सहायक संस्थापक मिस आस्था अमानत ने अपनी संस्था एवं संस्था के कार्यों का परिचय देते हुए महिलाओ की विभिन्न समस्याओं जैसे मासिक धर्म, पारिवारिक शोषण, उनके अधिकारों की अनभिज्ञताओ  से संबंधित तथ्यो तथा सुरक्षा और समग्र कल्याण पर ध्यान केंद्रित करते हुए अपने विचार व्यक्त किया। साथ ही साथ सैनिटरी पैड के उपयोग के बारे में भी जानकारी दी ।


कार्यक्रम की समन्वयक तथा अंतरिक शिकायत समिति की अध्यक्ष प्रोफेसर श्वेता चौबे ने बताया की इस कार्यक्रम का उद्देश्य  महिलाओ में जागरूकता पैदा करना, संसाधन उपलब्ध कराना और महिलाओं के लिए एक सहायक वातावरण को बढ़ावा देना है। कार्यक्रम में 200 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया ।
कार्यक्रम की समाप्ति में सभी सम्माननीय अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। कार्यक्रम का समापन सुश्री शशिबाला किंडो ने सभी अतिथियों, प्राध्यापको, छात्रों, कर्मचारियों आदि को धन्यवाद ज्ञापित कर आभार व्यक्त किया।


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