शिवजी की आराधना करने वाला कभी निराश नहीं होता- सुधांश महाराज….जयंती स्टेडियम में चार दिवसीय शिव ज्ञान गंगा महोत्सव प्रारंभ

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शिवजी की आराधना करने वाला कभी निराश नहीं होता- सुधांश महाराज….जयंती स्टेडियम में चार दिवसीय शिव ज्ञान गंगा महोत्सव

भिलाईनगर 03 जनवरी 2024:- मानव को तनाव और दबाव की दुनिया से दूर भगवान की चरणों में ही चले जाना है। ईश्वर दयाल और कृपालु हैं वे सभी पर श्रद्धा भाव रखते हैं। श्रद्धा भाव रखने वालों को कभी किसी चीज की कोई कमी नहीं होती है। यह बातें विख्यात सुधांशु महाराज ने जयंती स्टेडियम में आयोजित चार दिवसीय शिव ज्ञान गंगा महोत्सव में कही।

मानव जीवन प्रबंधन को भगवान शिव से जोड़ते हुए उन्होंने कहा कि मृत्युंजय मंत्र हर। परिस्थिति में कारगर है। इस मंत्र से आप कितना भी मानव जीवन में भय और निराशा हो मृत्युंजय मंत्र का जाप करने से हर रोग अवसाद का समाधान है। मृत्युंजय मंत्र दिव्य ऊर्जा को उत्पन्न करता है, ब्रह्मांड की ऊर्जा को खींचता है। सुधांशु महाराज ने साधकों से कहा कि इस संसार के दो रूप

दीप प्रज्वलित कर हुई शुरुआत

इस्पात नगरी भिलाई मण्डल द्वारा जयंती स्टेडियम में आयोजित चार दिवसीय शिव ज्ञान गंगा महोत्सव का श्रीगणेश आध्यात्मिक सन्त एवं मिशन के संस्थापक अध्यक्ष सुधांशु महाराज के साथ मण्डल के प्रधान चमन लाल बंसल एवं महामंत्री जय शंकर अग्रवाल ने सामूहिक रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।

हैं और दो धाराएं बह रही है। दिन के कारण रात हैं, गर्मी के कारण सर्दी, मीठा के कारण नमकीन और कमल के कारण कठोर। हमारा मस्तिष्क दो रूपों में काम करता है। भगवान शिव गृहस्थ भी हैं बैरागी भी यह सन्यासी भी है हमें किस रूप में देखना है चलना है यह शिव के रूप से ही मिलता है। सभी जीवों का बेड़ा पार करने वाला भगवान शिव ही है। हर किसी को शिव के अधीन ही रहना है।

उन्होंने कहा कि कैसा भी डर व निराशा हो, सबका नाश करने वाला मंत्र है महामृत्युंजय महामंत्र। कृपा बाहर नहीं मिलती, भीतर ही मिलती है। खुद भगवान शिव भी अपने आनंद स्वरूप में पहुंचने के लिए शांत अवस्था में बैठे हुए हैं। भगवान शिव की आराधना करने वाला व्यक्ति कभी भी निराश नहीं होता है।

इन्होंने किया महाराज का स्वागत सांसद विजय बघेल ने महाराज से आशीर्वाद लेकर कथा श्रवण किया। वहीं सुधांशु महाराज का स्वागत चमन लाल बंसल श्रीमती कौशल बंसल, , जय शंकर अग्रवाल, सुनील चौरसिया, संदीप खेमका शिवकुमार दवांगन, गणेशराम देशमुख, भीष्म लाल, हरेंद्र दुबे, श्रीमती अर्चना परगनिहा, श्रीमती खेमिन बंछोर, श्रीमती अर्चना, लक्ष्मी देशमुख, मंजू गुप्ता सरोजिनी देवांगन ने किया। महाराज का सम्मान एके दुबे ने गज माला पहनकार किया।


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