नई दिल्ली के गलियारों में इस बार भिलाई इस्पात संयंत्र के कला-संस्कृति की गूंज ……

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भिलाई नगर 11 नवंबर 2023 -: नई दिल्ली में आयोजित ललित कला अकादमी के एक्जीक्यूटिव बोर्ड मीटिंग मे शहर के सुप्रसिद्ध मूर्तिकार अंकुश देवांगन ने भिलाई मे देश का आठवां रीजनल सेन्टर अतिशीघ्र खोलने की मांग की है। उनके प्रस्ताव को ध्वनिमत से स्वीकृति करते हुए सभा ने प्रस्ताव को मंत्रालय भेजने की संस्तुति की है। इस दौरान ललित कला अकादमी के चेयरमैन प्रोफेसर वी नागदास, केन्द्रीय संस्कृति मंत्रालय की वरिष्ठ सचिव उमा नंदूरी, फाइनान्स सचिव, अकादमी सचिव राजीव कुमार, डिप्टी सचिव रहस मोहन्ती, इंदिरा गांधी नेशनल आर्ट सेन्टर के सेक्रेटरी मेम्बर सच्चिदानंद जोशी मंत्रालय के अन्य उच्चाधिकारी तथा एक्जीक्यूटिव बोर्ड के समस्त सदस्य उपस्थित थे।


नई दिल्ली के गलियारों में इस बार भिलाई के कला-संस्कृति की गूंज रही और संस्कृति सचिव जैसे उच्चाधिकारियो ने भी भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा कलाजगत मे किए जा रहे दधीचि योगदान की मुक्तकंठ प्रशंसा की है। बोर्ड मीटिंग के शुरुआत में ही ललित कला अकादमी के चेयरमैन प्रोफेसर वी नागदास ने भिलाई के कल्चरल गतिविधियों की भूरी-भूरी प्रशंसा की। उन्होंने भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा अपने स्थापना काल से ही छत्तीसगढ़ के कला-संस्कृति के विकास में किए गए योगदान का उल्लेख किया

जिसके कारण संपूर्ण छत्तीसगढ़ क्षेत्र में हर प्रकार के कला का व्यापक विकास हुआ है। ऊन्होने पद्मविभूषण तीजन बाई, मूर्तिकार पद्मश्री जे.एम. नेल्सन, देवदास बंजारे, छत्तीसगढ़ के किशोर कुमार कहलाने वाले बैतल राम साहू जैसे कलाकारो का जिक्र किया जिनकी कला संयंत्र के कारण ही परवान चढ़ी है। वही राजेश चौहान जैसे क्रिकेटर तथा अनेक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ीयो को भी संयंत्र ने मंच प्रदान किया है। वर्तमान समय में यहां चलाए जा रहे कलात्मक कैम्पेन जैसे सिविक सेंटर कृष्ण अर्जुन रथ परिसर के टाक शो और कला प्रदर्शनी से भी सभा को अवगत कराया जो कि अब तक सिर्फ महानगरों में ही हुआ करती थी।

अपने ऊद्बबोधन मे एक्जीक्यूटिव बोर्ड मेम्बर अंकुश देवांगन ने केन्द्र सरकार के सचिव स्तर के ऊच्चाधिकारियो को भिलाई के मिनी इंडिया कहलाने वाले संस्कृति से रूबरू करवाया। जहां देश के हर प्रांत से आए हुए लोग विगत 6 दशकों से मिलकर निवास करते हैं। हर धर्म और संप्रदाय के लोग यहां संयंत्र में कंधे से कंधा मिलाकर काम करते हैं और एक सुव्यवस्थित शांतिप्रिय टाउनशिप की बसाहट में योगदान देते हैं। इसके अलावा हर प्रांत के लोगों ने अपने राज्य की संस्कृति को यहां जीवंत बनाए रखा है। जो यहां होने वाले तीज त्यौहारो में स्पष्ट रूप से दृष्टिगोचर होती है।

केंद्र सरकार, संस्कृति मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियो ने भिलाई इस्पात संयंत्र की पहल का स्वागत करते हुए कहा है कि यदि वह मदद करती है तो आने वाले समय में भिलाई मध्यभारत का एक बड़ा कल्चरल हब बनकर उभर सकता है। जहां न सिर्फ ललित कला अकादमी बल्कि संस्कृति मंत्रालय के अनेक संस्थान भी अपने सेन्टर खोल सकते हैं। जिसका श्रेय निस्संदेह रूप से भिलाई इस्पात संयंत्र को जाएगा। डिप्टी सेक्रेटरी रहस मोहन्ती ने भी हाल ही मे ललित कला अकादमी की कमेटी द्वारा भिलाई दौरे के दौरान कलाकारो द्वारा किए गए अभूतपूर्व कला प्रदर्शन और इंस्टालेशन की तारीफ की।

अधिवेशन पश्चात अंकुश देवांगन ने साहित्य अकादमी, संगीत नाटक अकादमी, आई.सी.सी.आर. के चेयरमैन, नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के वाईस चेयरमैन तथा नेशनल गैलरी आफ माडर्न आर्ट के डायरेक्टर जनरल से मुलाकात की है। इस दौरान इन तमाम अधिकारियो ने छत्तीसगढ़ के समस्त कलाकारो को रीजनल सेन्टर के लिए अग्रिम शुभकामनाये दी है। छत्तीसगढ़ी कलाजगत के लिए महत्वपूर्ण इस ऐतिहासिक अधिवेशन मे अंकुश देवांगन के भाग लेने पर सुप्रसिद्ध चित्रकार डी.एस. विद्यार्थी, हरीसेन, विमान भट्टाचार्य, पी. वाल्सन, गोस्वामी साहब, बी.एल. सोनी, मोहन बराल, ब्रजेश तिवारी, साहित्यकार मेनका वर्मा, मीना देवांगन, प्रवीण कालमेघ, डॉ. सोनाली चक्रवर्ती, भूपत राव बोरकर, दीपक पराशर, प्रशांत क्षीरसागर, उमाकांत ठाकुर, हरीश देवांगन, नरोत्तम साहू, ललेश्वरी साहू, गुंजन, अभिषेक सपन, धीरज साहू तथा खैरागढ संगीत विश्वविद्यालय, रायपुर, बिलासपुर, कोरबा, अंबिकापुर, जगदलपुर, कोडागांव, सरगुजा, दुर्ग, भिलाई के कलाकारो ने हर्ष व्यक्त किया है।


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