भिलाई नगर 06 नवंबर 2024:- भक्तिमय वातावरण में सैकड़ों धर्मप्राण जन… भव्य यज्ञ मंडप की वेदी में आचार्य पंडितों के मंत्रोच्चार के बीच आहुति डालते श्रद्धालु…. और देव आह्वान के साथ लोक मंगल की कामना…। स्कंदाश्रम हुडको में मंगलवार को ऐसा ही आध्यात्मिक माहौल था।

अवसर था तीन दिवसीय स्कंद षष्ठी महोत्सव के श्री गणेश का। जन कल्याण के उद्देश्य से गुरुवार तक आयोजित यह धार्मिक अनुष्ठान आज से शुरु हो गया। स्कंद षष्ठी महोत्सव के आयोजन का यह 27 वां वर्ष होने के कारण श्रद्धालुओं के आस्था का अतिरेग और धार्मिक उल्लास देखते ही बनता था। तीन दिवसीय महोत्सव का प्रारंभ भक्ति और आस्था के वातावरण में सैकड़ों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में हुआ।। सेलम तमिलनाडू से आमंत्रित आचार्य पं. राघवन शास्त्री के नेतृत्व में 14 पंडितों द्वारा यह यज्ञानुष्ठान विधिविधान से संपन्न कराया जा रहा है






। स्कंद षष्ठी महोत्सव का प्रारंभ गौपूजा से हुआ। पंडाल के यज्ञ मंडप में पंडितों द्वारा महासंकल्प के बाद गणपति हवन कराया गया। मंत्रोच्चार के साथ देवों के आह्वान के बीच समूचा यज्ञोत्सव मंडप ओम और जय कार्तिकेय की मंगल ध्वनि से गंजू उठा। नवग्रह पूजन के बाद धन्वंतरि हवन हुआ। इसके बाद दुर्गा शक्ति हवन, दृष्टि दुर्गा हवन हुआ। महाआहुति हवन में पंडितों और आश्रम के स्वामियों की समिधा के साथ लोकमंगल की कामना की गई ।

स्कंद आश्रम की महासचिव गुरु दीदी ने तीन दिवसीय अनुष्ठान को सर्व मंगलमय बताते हुए कहा कि भगवान कार्तिकेय शहर में शांति और प्रेम के साथ सभी के मनोरथ पूर्ण करेंगे। बुधवार और गुरुवार को भी मनोकामनाओं के लिए हवन होंगे। इस पावन अवसर पर आश्रम के संस्थापक मणि स्वामी का भी श्रद्धालुओं ने भावभीना स्मरण किया। मंदिरनुमा पंडाल में भगवान गणेश के धातु प्रतिमा की शरण में स्व,मणिस्वामी का चित्र में रखा गया था।

सर्व मनोकामना के लिए विशेष हवन
शाम को सर्व मनोकामना के अभीष्ट से विशेष हवन हुआ । चंडी हवन नामक यह अनुष्ठान पांच घंटे तक चला। दक्षिण भारत से पधारे पंडितों द्वारा वेद मंत्रों के साथ नव दुर्गा आराधना कर क्रमशह एक एक देवी के रुप में पूजा करवाई। उनकी कृपादृष्टि सब लोगों पर बनी रहे और सभी के मनोरथ पूर्ण हों, इस कामना के साथ आहुतियां डलवाईं। एक घंटे के पारायण के बाद पूर्णाहुति के साथ प्रथम दिन का अनुष्ठान संपन्न हुआ। स्कंद षष्ठी महोत्सव के यज्ञ को विधिवत संपन्न करवाने तमिलानाडू के साथ मैहर, चेन्नै सहित कई राज्यों के आचार्य पंडित पधारे हुए हैं। स्कंद आश्रम के स्वामी श्री रेड्डी, सुश्री जननी सहित बड़ी संख्या में आश्रम से जुड़े श्रद्धालु उपस्थित थे।


दोष निवृत्ति के लिए हवन
हरिद्रा गणपती हवन कार्यक्षेत्र मे निर्विघ्नता और उच्चस्तरीय व्यापार की संभावनाओं में वृद्धि और सौभाग्य के साथ सम्पन्न हुआ। नवग्रह हवन का उद्देश्य नवग्रह दोष निवृति, मन की शांति अंतरदशा मुक्ति ऋण विमोचन है। वस्तु शांति हवन का अभीष्ट स्थल शुद्धि भूमि संपाति प्राप्ति है। श्री धन्वन्तरी हवन मृत्यु भय निवृति के लिए हुआ । श्री दृष्टि दुर्गा हवन हुआ जो सकल दृष्टि निवृति मनोभय निवृति और दीर्घ आयु प्राप्ति हेतू सम्पन्न हुआ ।


