पंडित बिमलेन्दु मुखर्जी की स्मृति में भिलाई में तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगीत महोत्सव का आयोजन

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भिलाई नगर 10 जनवरी 2023 :! टीम भिलाई एंथम एवम वेलफेयर सोसाइटी द्वारा आयोजित एवं भारत सरकार के सांस्कृतिक मंत्रालय के अंतर्गत साउथ सेंट्रल जोन कल्चरल सेंटर, नागपुर, सेल भिलाई इस्पात संयंत्र एवं इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ के सहयोग से आचार्य पंडित बिमलेन्दु मुखर्जी को समर्पित 5वें तीन दिवसीय केबीआर (खैरागढ़, भिलाई, रायपुर) बिमलार्पन संगीत महोत्सव का आयोजन भिलाई मे किया जा रहा है। यह समारोह  12 से 14 जनवरी 2023 के मध्य महात्मा गांधी कला मंदिर, सिविक सेंटर में किया जा रहा है। इस आयोजन में देश के नामी शास्त्रीय संगीत के कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे।

12 जनवरी 2023 संध्या को संगीत महोत्सव का परम्परागत रूप से शुभारम्भ किया जाएगा। प्रथम दिन सेमी क्लासीकल वोकल में श्रीमती श्यानी पालित अपनी प्रस्तुती देंगी। इनके साथ तबलावादक के रूप में श्री रामचन्द्र सारपे तथा हारमोनियम में श्री संदीप बोकीलकार सहयोग देंगे। इसी कड़ी में प्रथम दिन का द्वितीय आयोजन सरोदिया ब्रदर्स श्री आर्का रॉय व श्री शौनक रॉय द्वारा सरोद पर अपनी जुगलबंदी प्रस्तुत की जाएगी और इनके साथ तबले पर श्री कौशिक बैनर्जी संगत करेंगे।

आयोजन के दूसरे दिन 13 जनवरी 2023 को गणेश वंदना के पश्चात संगीत महोत्सव में शास्त्रीय गायन में श्री अनोल चटर्जी के साथ तबलावादक के रूप में श्री कौशिक बैनर्जी तथा हारमोनियम में श्री श्रीकांत पिसे संगत करेंगे। इसी कड़ी में ख्याति प्राप्त कलाकार श्री अवनिन्द्र शिवलिकर द्वारा सितार वादन की प्रस्तुति दी जाएगी। तबले पर पंडित रामदास पलसुले संगत करेंगे।

आयोजन के तीसरे व अंतिम दिन संध्या 6.30 बजे से आयोजित संगीत महोत्सव का शुभारम्भ देवी वंदना से किया जाएगा। इस दिन सितारवादन पंडित हरविंदर शर्मा द्वारा किया जाएगा और उनके साथ श्री कौशिक बैनर्जी  तबले पर संगत करेंगे। इसी क्रम में तबले पर सोलो प्रदर्शन पंडित रामदास पलसुले द्वारा और हारमोनियम में संगत श्री श्रीकांत पिसे करेंगे।

संगीतोत्सव समारोह का आयोजन संध्या 6.30 से 9.30 बजे तक किया जाएगा। ख्याति प्राप्त सितारवादक और संगीतज्ञ पंडित बिमलेन्दु मुखर्जी भिलाई इस्पात संयंत्र की खदान के पहले प्रमुख रह चुके हैं। वे इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ के वाईस चांसलर भी रह चुके हैं। उन्होंने भिलाई और आसपास के संगीत विद्यार्थियों को संगीत की विविध विधाओं में शिक्षित किया है। उनके कई शिष्य आज देश विदेश में अपने संगीत कला से प्रसिद्धि पा रहे है।


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