रायपुर 22 अक्टूबर 2022 :! मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज शाम राजधानी रायपुर के लाखेनगर स्थित हिंद स्पोर्टिंग मैदान में लगाए गए पटाखा मार्केट पहुंचकर दिवाली के पटाखे खरीदें। उन्होंने वहां लगभग एक हजार रुपए के फटाके खरीदें । इस मौके पर उनके साथ संसदीय सचिव विकास उपाध्याय विधायक कुलदीप जुनेजा और महापौर एजाज ढेबर भी साथ थे। दुकान से दिवाली पूजन की सामग्री भी ख़रीद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पहुँचे गोल बाज़ार, दिवाली की ख़रीदी की स्थानीय कुम्हारों से ख़रीदे दिए और मटकी लोगों ने लोंग इलायची खिला किया स्वागत गुजराती मिष्ठान भंडार पहुँच मुख्यमंत्री ने ख़रीदी दिवाली की मिठाई मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गोल बाजार से हिंद स्पोर्टिंग मैदान मैं लगे पटाखा बाजार के लिए रवाना
मुख्यमंत्री ने दीवाली मनाने गोल बाजार में मिट्टी के दीये खरीदे प्रदेशवासियों से मिट्टी के दीये खरीदने की अपील..














मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज धनतेरस की संध्या पर दीवाली की खरीदी के लिए रायपुर के गोल बाजार पहुंचे। मुख्यमंत्री ने दीवाली मनाने के लिए गोल बाजार में स्थानीय कुम्हारों से मिट्टी के दीये, मटकी, गणेश, लक्ष्मी और सरस्वती की मिट्टी की बनी मूर्ति, ग्वालिन की मूर्ति, मिठाईयां और लाखे नगर स्थित हिन्द स्पोर्टिंग मैदान में लगे फटाका दुकाने से फटाखे खरीदे। इस दौरान संसदीय सचिव श्री विकास उपाध्याय, महापौर श्री एजाज ढेबर, विधायक कुलदीप जुनेजा उनके साथ थे। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़िया उत्पाद को प्रमोट करने के उद्देश्य से प्रदेशवासियों से स्थानीय स्तर पर तैयार सामग्री खरीदने की अपील की। उन्होंने लोगों को धनतेरस और दीपावली पर्व की बधाई और शुभकामनाएं दी।













मुख्यमंत्री ने लोगों से दीपावली पर्व पर मिट्टी के दीप जला कर अपने घर-आंगन को रौशन करने अपील की। मुख्यमंत्री ने कहा है कि मिट्टी के दीये हमारे कुम्भकार बंधुओं द्वारा बड़ी ही लगन और मेहनत से इस आशा के साथ तैयार किए जाते है कि दीपावली के अवसर पर लोग उनके दीये खरीदेंगे और दीवाली में जलायेंगे। मिट्टी के दीया खरीदने से कुम्भकार बंधुओं की मेहनत का प्रतिफल उन्हें मिलेगा और हम सबके सहयोग से उनकी दीवाली भी धूम-धाम से मनेगी। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा परंपरागत व्यवसाय, हस्तशिल्प एवं कला को बढ़ावा दिया जा रहा हैं, ताकि इससे जुड़े परिवारों की आर्थिक स्थिति बेहतर हो और वह भी तरक्की करें।








छत्तीसगढ़ में हजारों कुम्हार परिवार अपने परंपरागत पेशे से जुड़े हुए है और मिट्टी विभिन्न प्रकार के बर्तन और सामग्री तैयार कर अपना जीवनयापन कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में हम सबका यह दायित्व है कि हम उनके व्यवसाय को आगे बढ़ाने में सहयोग करें तथा उनके द्वारा निर्मित मिट्टी के सामग्री क्रय कर उनके व्यवसाय को प्रोत्साहित करें। दीपावली का त्यौहार कुम्भकार बंधुओं के लिए बड़ी ही उम्मीदों वाला होता है। कुम्हार बंधुओं की त्यौहार की खुशियां उनके द्वारा निर्मित मिट्टी के बर्तन व दीये की बिक्री पर निर्भर होती है। समाज के सभी वर्ग के लोग दीपावली का त्यौहार खुशी-खुशी मनाये इसलिए जरूरी है कि हम सब स्थानीय उद्यमियों एवं हस्तशिल्पियों द्वारा तैयार की गई सामग्री को खरीदें और उनका ज्यादा से ज्यादा उपयोग करें।

