फाइट द बाइट के तहत डेंगू, मलेरिया, पीलिया से बचाव और मच्छर उन्मूलन के लिए भिलाई निगम ने छेड़ा बड़ा अभियान, घर-घर पहुंच रही है टीम
-भिलाई निगम द्वारा प्रतिदिन डेंगू, मलेरिया नियंत्रण पर फोकस

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भिलाईनगर 15 मार्च 2023 / मच्छरों के उन्मूलन तथा लार्वा की समाप्ति के लिए भिलाई निगम ने बड़ा अभियान छेड़ दिया है। 15 दिनों में 1147 घरों का सर्वे किया जा चुका है। सर्वे के दौरान टेमीफास् का छिड़काव, जन जागरूकता के लिए पंपलेट का वितरण, कूलर, गमला, टायर एवं अन्य पात्रों की जांच, फागिंग, घरों के आसपास के क्षेत्र की नाली की सफाई, ब्लीचिंग एवं चूने का छिड़काव, जलजमाव वाले स्थानों में मलेरिया आयल का छिड़काव, मच्छरों का खात्मा करने के लिए मेलाथियान का छिड़काव, मच्छर के लार्वा को समाप्त करने के लिए टेमीफास् का उपयोग, डेंगू, पीलिया एवं मलेरिया से पीड़ित की जानकारी आदि गतिविधियों को सर्वे के दौरान विशेष अभियान चलाकर अंजाम दिया जा रहा है।

मच्छरों से होने वाली बीमारियों के रोकथाम हेतु भिलाई निगम द्वारा हर संभव प्रयास किया जा रहा है। प्रतिदिन शाम होते ही निगम का अमला गली-मोहल्लों में हैण्ड मशीन व व्हीकल माउंटेन से फाॅगिंग कार्य कर रहे हैं, कुआं, नलकूप, बोरिंग के समीप एवं अन्य पानी जमाव वाले स्थानों की सफाई कराकर चूना व ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव कर रहे है, तथा अधिक पानी जमा वाले स्थानों पर मलेरिया ऑयल व मोबी ऑयल का उपयोग कर रहे हैं। एडल्ट मच्छरों को समाप्त करने के लिए मैलाथियान का छिड़काव किया जा रहा है

साथ ही निगम की टीम घरों में जाकर जागरूकता हेतु पाम्प्लेटस वितरण के साथ ही सर्दी, खांसी व बुखार से पीड़ित मरीजों को तत्काल चिकित्सकीय परामर्श लेने की सलाह दे रही है। महापौर नीरज पाल, कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा तथा निगम आयुक्त रोहित व्यास ने डेंगू, मलेरिया, पीलिया जैसे बीमारियों से बचाव के लिए निगम की टीम को गंभीरता से कार्य करने निर्देश दिए है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कार्यों का फीडबैक लेते हुए मौके पर जाकर निरीक्षण कर सफाई कर्मचारियों को आवश्यक निर्देश भी दे रहे हैं।

स्वास्थ्य अधिकारी धर्मेन्द्र मिश्रा ने बताया कि मूल रूप से डेंगू मच्छरों के लार्वा को नष्ट करना आवश्यक है ताकि यह मच्छर के रूप में तब्दील न हो पाए इसलिए जलजमाव वाले स्थानों में मलेरिया ऑयल व मोबी ऑयल का उपयोग किया जा रहा है। कूलर, टायर, गमला एवं अन्य अनुपयोगी पात्रों में टेमीफास् का उपयोग लार्वा को नष्ट करता है। जागरूकता अपनाते हुए सोते समय हमेशा मच्छरदानी का उपयोग, आसपास साफ-सफाई, पात्रों में एवं समीपस्थ स्थलों में जलजमाव न होने देना, आवश्यकता अनुसार टेमीफास् का उपयोग मच्छर उन्मूलन में मददगार साबित होगा। सर्वे के दौरान लार्वा की जांच भी की जा रही है। निगम व जिला हेल्थ की टीम मच्छर उन्मूलन के लिए मिलकर अभियान चला रही है।


सर्वे के दौरान अब तक का 3582 कूलर और पात्रों की हुई जांच वरिष्ठ स्वच्छता निरीक्षक के. के. सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि 1 मार्च से लेकर अब तक सर्वे अभियान के दौरान 3582 कूलर और पात्रों की जांच की गई है तथा 91 कूलर और पात्रों से पानी खाली कराए गए है। जन जागरूकता के तहत 1685 पांपलेट का वितरण किया गया है। 21500 मीटर नालियों की सफाई की जा चुकी है।


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