केंद्रीय गृमंत्री अमित शाह ने गुजरात में एनएसीपी की नींव रखी तथा बीएसएफ के लिए विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया….

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ओखा गुजरात 21 मई, 2023: गुजरात में 20 मई को अमित शाह, गृह एवं सहकारिता मंत्री ने ओखा, द्वारका में राष्ट्रीय तटीय पुलिस अकादमी का भूमि पूजन और शिलान्यास किया, जो कि भारत के तटीय सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस समारोह के दौरान श्रीमति पुनमबेन मादम, सांसद, जामनगर, पुबाभा मानेक, विधायक, देवभूमि द्वारका, अजय कुमार भल्ला, ., केंद्रीय गृह सचिव,, डॉ. सुजॉय लाल थाउसेन, महानिदेशक सीमा सुरक्षा बल, पी वी रामा शास्त्री, ., विशेष महानिदेशक सीमा सुरक्षा बल (पश्चिमी कमान), सुनील कुमार बर्नवाल,., संयुक्त सचिव(सीमा प्रबंधन) गृह मंत्रालय, , रवि गांधी, महानिरीक्षक सीमा सुरक्षा बल, गुजरात फ्रंटियर और परियोजना निदेशक एनएसीपी, केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग, राज्य प्रशासन तथा सीमा सुरक्षा बल के अधिकारी और अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। मंत्री द्वारा कच्छ में जखाऊ तट पर नवनिर्मित 05 तटीय सीमा चौकियां और सर क्रीक क्षेत्र में लखपतवारी बेट पर बने 01 ओपी टावर का भी वर्चुअल उद्घाटन किया गया।

गृह मंत्री के आगमन पर, महानिरीक्षक सीमा सुरक्षा बल, गुजरात फ्रंटियर और एनएसीपी परियोजना निदेशक ने एनएसीपी में चल रहे विकास कार्यों के साथ-साथ गुजरात फ्रंटियर की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के सुरक्षा परिदृश्य के बारे में व्यापक जानकारी दी।

महानिदेशक, सीमा सुरक्षा बल ने अपने स्वागत संबोधन में 28 मई 2022 माननीय मंत्री महोदय द्वारा एनएसीपी का दौरा कर इस अकादमी के लिए भूमि आवंटित करने और 441 करोड़ रुपये स्वीकृत करने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने आगे कहा कि इस संस्थान को आधुनिक बुनियादी ढांचे, नवीनतम तकनीक और अत्याधुनिक प्रशिक्षण सुविधाएं के साथ विकसित किया जा रहा है। 2018 से अभी तक 09 तटीय राज्यों, 05 केंद्र शासित प्रदेशों के 700 तटीय पुलिस कर्मियों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के कार्मिकों को एनएसीपी द्वारा प्रशिक्षित किया जा चुका है।

समारोह को संबोधित करते हुए, मंत्री ने भारत की सबसे संवेदनशील अन्तर्राष्ट्रीय सीमाओं के साथ-साथ तटीय सीमाओं की रक्षा में सीमा सुरक्षा बल के समर्पण और उच्च पेशेवर कौशल की सराहना की। उन्होने बताया कि सीमा सुरक्षा बल गुजरात में क्रीक और पश्चिम बंगाल के सुंदरवन में जलयानों के संचालन के लंबे अनुभव के कारण

राष्ट्रीय तटीय पुलिस अकादमी को स्थापित करने और तटीय पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षित कर उन्हें समुद्री खतरों एवं चुनौतियों को प्रभावी ढंग से निपटने के लिए सक्षम बनाने हेतु आवश्यक कौशल, ज्ञान एवं दक्षता प्रदान करने की अपनी जिम्मेदारी के प्रति दृढ़ संकल्पित है। मंत्री ने विश्वास जताया कि एनएसीपी तटीय सुरक्षा पर एक विश्व स्तरीय प्रतिष्ठित संस्थान के रूप में पहचान बनाएगा तथा भारत के लिए सुरक्षित समुद्री परिवेश बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

उन्होंने आगे कहा कि हमारे यशस्वी एवं दूरदर्शी प्रधानमंत्री की ‘सुरक्षित सीमा-समृद्ध राष्ट्र’ अवधारणा के आधार पर देश की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर विकास कार्यों में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है तथा नव प्रौद्योगिकियों का उपयोग कर सीमावर्ती क्षेत्रों में संचार व्यवस्थाओं, आवश्यक निर्माण कार्यों एवं नई पहलों से तटीय सुरक्षा तंत्र को सुदृढ़ एवं अभेद्य बनाया जा रहा है।


कच्छ में जखाऊ तट पर 18 आधुनिक कम्पोजिट तटीय सीमा चौकियों और सर क्रीक क्षेत्र में लखपतवारी पर 01 ओपी टावर के निर्माण से इस क्षेत्र में सीमा सुरक्षा बल की लगातार उपस्थिति संभव हुई है जो इस क्षेत्र को अभेद्य बनाएगी एवं इसकी सुरक्षा को और अधिक सुदृढ़ करेगी। आजादी के बाद पहली बार, सर क्रीक क्षेत्र में स्थायी बुनियादी ढांचे का विकास किया जा रहा है, जो भारत की विशाल भूमि और तटीय सीमाओं की सुरक्षा के लिए सरकार की अटूट प्रतिबद्धता एवं राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्व को दर्शाता है।


उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त भुज के कोटेश्वर में बीएसएफ की फ्लोटिंग बीओपी की मरम्मत और जलयानों के रख-रखाव के लिए Mooring Place के निर्माण हेतु 257 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। इसके निर्माण से जलयानों एवं फ्लोटिंग बीओपी की हर समय उपलब्धता सुनिश्चित होगी तथा इलाके में लगातार निगरानी रखने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, सीमा सुरक्षा से जुड़ी विभिन्न अवसरंचनाओं एवं बुनियादी ढांचे जैसे मॉड्यूलर फेंसिंग, फ्लड लाइट्स, सड़क और चेक पोस्ट के लिए भी 752 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।

सीमाओं की सुरक्षा के लिए बुनियादी ढांचे को विकसित करना और उसे मजबूत करने के लिए सरकार द्वारा किए गए सक्रिय कार्य न केवल देश की संप्रभुता की रक्षा करेंगे बल्कि आर्थिक विकास और समृद्धि को भी बढ़ावा देंगे। समारोह के अंत में, मंत्री को डॉ. सुजॉय लाल थाउसेन, भापुसे., महानिदेशक, सीमा सुरक्षा बल ने एक स्मृति चिन्ह भेंट किया और पीवी रामा शास्त्री, विशेष महानिदेशक, सीमा सुरक्षा बल (पश्चिमी कमान) चंडीगढ़ द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव के माध्यम से के प्रति आभार व्यक्त किया गया।


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