विहिप नेता रमेश मोदी का 82 साल की उम्र में मुंबई के अस्पताल में निधन… बुधवार को राजधानी रायपुर में होगा अंतिम संस्कार…

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रायपुर 14 नवंबर 2023 :- छत्तीसगढ़ विश्व हिंदू परिषद के नेता रमेश मोदी का मुंबई में निधन हो गया है। रायपुर में VHP के पंडरी स्थित कार्यालय की स्थापना में उनकी अहम भूमिका थी। मंगलवार को 82 साल की उम्र में उन्होंने मुंबई की अस्पताल में अंतिम सांस ली। रमेश मोदी जी का पार्थिव देह मुंबई से रायपुर लाया जाएगा। 15 नवंबर को उनका अंतिम संस्कार देवेंद्र नगर मुक्तिधाम में होगा।

छत्तीसगढ़ विश्व हिंदू परिषद के नेता रमेश मोदी का मुंबई में निधन हो गया है। रायपुर में VHP के पंडरी स्थित कार्यालय की स्थापना में उनकी अहम भूमिका थी। मंगलवार को 82 साल की उम्र में उन्होंने मुंबई की अस्पताल में अंतिम सांस ली। रमेश मोदी जी का पार्थिव देह मुंबई से रायपुर लाया जाएगा। 15 नवंबर को उनका अंतिम संस्कार देवेंद्र नगर मुक्तिधाम में हो सकता है।

बड़े कपड़ा कारोबारी रमेश मोदी लंबे समय से किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे। मुंबई के अस्पताल में जब वे भर्ती थे तब रमेश बैस ने उनसे मुलाकात भी की थी। उनके निधन से राजनीतिक जगत के साथ ही व्यावसायिक जगत में भी शोक की लहर है।

राजनीति के साथ व्यापार जगत में बड़ा नाम

उन्होंने ना सिर्फ विश्व हिन्दू परिषद के रायपुर पंडरी स्थित कार्यालय की स्थापना में अहम भूमिका निभाई बल्कि VHP को छत्तीसगढ़ में अहम मुकाम तक पहुंचाने में बड़ा किरदार निभाया था। उन्होंने लंबे समय तक VHP के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाली थी।

जानकारी के अनुसार, रमेश मोदी को तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने दानवीर भामाशाह सम्मान से सम्मानित किया था। इसके अलावा वे चेंबर ऑफ कॉमर्स के भी के लंबे समय तक संरक्षक रहे थे। साथ ही थोक कपड़ा व्यापारी संघ पंडरी के पर्व अध्यक्ष रह चके थे।

राम मंदिर आंदोलन से जुड़े

रमेश मोदी छत्तीसगढ़ के इकलौते ऐसे शख्स हैं जो विश्व हिंदू परिषद की राष्ट्रीय टीम में शुरुआती दिनों में ही जगह बना पाए । रमेश मोदी ने बाबरी मस्जिद कांड, राम मंदिर आंदोलन के समय विश्व हिंदू परिषद जॉइन की थी। वो राम मंदिर आंदोलन को भरपूर सहयोग कर रहे थे। उनकी सक्रियता देख परिषद के नेताओं ने उन्हें अहम पदों पर जिम्मा दिया।

मोदी जीवन के आखिर समय तक RSS और विश्व हिंदू परिषद से जुड़े रहे। सभी कार्यक्रमों और अभियान में सक्रिय भी रहे। वनवासी कल्याण आश्रम में रहने वाली बच्चियों की मदद किया करते थे। साहित्य में उनकी रुचि रही, वो कहा करते थे साहित्य वो है जो सबका हित करे।

जब मोदी ने नहीं लिया भाजपा का टिकट

साल 2017 में रमेश मोदी की 75वीं सालगिरह पर रायपुर में बड़ा आयोजन किया गया था। व्यापारी भाजपा के नेता सभी इस कार्यक्रम में पहुंचे थे। तब मंच से डॉ रमन सिंह ने रमेश मोदी को लेकर किस्सा सुनाते हुए कहा था- बीजेपी की ओर से महापौर पद के लिए रमेश मोदी को टिकट की पेशकश किए जाने के बावजूद उन्होंने टिकट नहीं लिया और कलकत्ता चले गए। उठाया। फिर नामांकन के आखिरी दिन ही किसी का फोन नही उठाया।

डॉक्टर बनना चाहते थे मोदी

रमेश मोदी मेडिकल की पढ़ाई करना चाहते थे। छोटी उम्र में ही उनके पिता का निधन हो गया था। वो अक्सर एक किस्सा सुनाया करते कि पिता के निधन के बाद परिवार में आर्थिक समस्याएं भी आईं। हमारी प्रॉपर्टी बिकने वाली थी, अपने जमाने में मेरे पिता कई लोगों के फायनेंसर थे, मगर जब हमें जरूरत पड़ी तो किसी ने मदद नहीं की।

मोदी बताते थे कि इसी वजह से मैंने मेडिकल की पढ़ाई के सपने को छोड़ा और व्यापार में जुट गया। अच्छा है कि उस जमाने में लोगों ने मेरी मदद नहीं की वर्ना आज जहां हूं न होता। मोदी को किताबें पढ़ने का बेहद शौक था। वो कहते थे कि दिल्ली के एक लेखक गुरुदत्त की किताबों से उन्हें सकारात्मक ऊर्जा मिलती थी। रमेश मोदी के निधन पर विहिप नेता कौशलेंद्र प्रताप सिंह, संतोष गोलछा, बजरंग दल के रतन यादव, वरिष्ठ भाजपा नेता प्रेम प्रकाश पांडेय, ने शोक व्यक्त करते हुए भावभीनी श्रद्धांजलि दी है।


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