पानी चालू कराने का श्रेय लेने वाले क्या अब पानी बंद कराने का लेंगे जिम्मेदारी…  पानी पे राजनीति करने से तय था यही हश्र होगानीतियों से शुरू होकर पानी तक पहुंची थी राजनीति… जगन्नाथ प्रसाद द्विवेदी

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भिलाई नगर 21 मई 2024:- माकपा के महासचिव जगन्नाथ प्रसाद द्विवेदी एवं सहायक महासचिव टी.जोगा राव ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि पानी चालू कराने का श्रेय लेने वाले क्या अब पानी बंद कराने का लेंगे जिम्मेदारी…  पानी पे राजनीति करने से तय था यही हश्र होगा नीतियों से शुरू होकर पानी तक पहुंची थी राजनीति

गर्मी के मौसम में दो टाइम पानी देने का सभी ने स्वागत किया था हर साल गर्मियों में कूलर में पानी भरने, बगीचे में पौधों को पानी डालने से एवं अन्य कामों के लिए पानी की किल्लत हो जाती है इसीलिए दोनों टाइम पानी देने की मांग की जाती है प्रबंधन द्वारा पानी दिए जाने के बाद अक्सर संयंत्र में कार्यरत यूनियने दो टाइम पानी दिलाने का श्रेय लेने की कोशिश करते है किंतु पहली बार लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए पानी दिलाने का श्रेय सांसद महोदय को दिया गया अर्थात राजनीति नीतियों से शुरू होकर दो टाइम पानी तक पहुंच गया जिस पर अंतत: आज रोक लग गई।

इस हरकत के लिए प्रबंधन को देना होगा जवाब

लोकसभा चुनाव के दौरान मतदान से ठीक एक दिन पहले दो वक्त पानी देने के संदर्भ में पड़ताल करने पर पता चला कि 6 मई को इस्पात भवन से दोपहर लगभग 1:00 बजे से 2:00 बजे के बीच नगर सेवाए विभाग को यह निर्देश आया कि “किसी भी तरह से आज शाम को टाउनशिप में पानी देना है” नगर सेवाएं विभाग इस परिस्थिति के लिए तैयार नहीं था किंतु जैसे भी हो ऊपर के आदेश का पालन करना था चूंकी पानी देने के लिए सेक्टर में बने ओवरहेड टैंक को भरा जाना होता है अचानक से आए परिस्थितियों में आधे अधूरे तरीके से भरे हुए ओवरहेड टैंको से पानी की सप्लाई किया गया जिसके कारण किसी सेक्टर में 7 मिनट पानी आया तो किसी सेक्टर में 12 से 15 मिनट तक पानी आया कुछ सेक्टर में तो 9 मई के बाद से ही पानी आना बंद हो गया इस सबके बीच महत्वपूर्ण बात यह है कि आचार संहिता के बीच आनन- फानन तरीके से पानी छोड़ने के लिए कहा जाना, कहीं ना कहीं पूरा मामला ही राजनीति से प्रेरित नजर आता है एवं यह आचार संहिता का उल्लंघन भी है इसके लिए प्रबंधन को जवाब देना होगा।

अब किसके सर फोड़ेंगे पानी बंद होने का ठीकरा

दोनों टाइम पानी दिए जाने को लेकर दो ट्रेड यूनियनों ने बयान जारी कर कहा कि सांसद महोदय ने लोगों की परेशानी को देखते हुए भिलाई इस्पात संयंत्र के डायरेक्टर इंचार्ज से इस संदर्भ में बातचीत किया है इसके बाद पानी छोड़ा जा रहा है इसीलिए इसका श्रेय सांसद महोदय को जाता है इस बयान से उन्होंने संयंत्र के डायरेक्टर इंचार्ज को भी राजनीति में घसीट दिया जिसका प्रबंधन ने खंडन भी नहीं किया। अब 15 दिन बाद वास्तविक परिस्थितियों का हवाला देते हुए प्रबंधन द्वारा आज 21मई से शाम का पानी बंद कर दिया जा रहा है तो क्या इसकी जवाबदारी सांसद महोदय लेंगे या चुनाव खत्म हो जाने के बाद इसका ठीकरा किसी और के सर फोड़ देंगे इसका जवाब दें।

6 से 7 दिन का पानी था जलाशय में

सीटू की टीम ने पता किया कि जल प्रबंधन विभाग डब्ल्यूएमडी दोनों टाइम पानी देने के पक्ष में नहीं था क्योंकि जलाशय में लगातार पानी का स्तर घट रहा था एवं 6 से 7 दिन का ही पानी बचा हुआ था इसके बारे में उच्च प्रबंधन को स्पष्ट रूप से बात भी दिया था किंतु ऊपर से आए निर्देशों के सामने सभी लाचार थे इसीलिए चुनाव से एक दिन पहले पानी छोड़ने को मजबूर हुए।

पानी पिलाने का नहीं करना चाहिए था प्रचार

सभी धर्म में पानी पिलाने को पुण्य का कार्य माना गया है इसीलिए इस कार्य को करते समय प्रचार नहीं किया जाता है किंतु भिलाई टाउनशिप में दो वक्त पानी देने को लेकर राजनीति करने की कोशिश हुई है उससे बचना चाहिए।


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