छत्तीसगढ़ के माटी पुत्र साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल को ‘नाबाकोव अवार्ड’ से किया जाएगा सम्मानित…

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रायपुर 2 मार्च 2023 :! Nabakov Award विश्व के सर्वोच्च सम्मान ‘2023 पेन अमेरिका व्लादिमीर नाबाकोव अवार्ड फॉर अचीवमेंट इन इंटरनेशनल लिटरेचर’ से विनोद कुमार शुक्ल सम्मानित किए गए हैं।  वे पहले भारतीय एशियाई मूल के लेखक हैं जिन्हें इस सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किए जाने का निर्णय लिया गया है। इस पुरस्कार में विनोद कुमार शुक्ल को 50 हजार डॉलर की राशि प्रदान की जाएगी जो भारतीय मुद्रा में 41 लाख रुपए की राशि होगी।

Nabakov Award विनोद कुमार शुक्ल के साथ ही सुप्रसिद्ध नाटककार एरिका डिकर्सन डेस्पेंज़ा को पेन लौरा पेल्स इंटरनेशनल फाउंडेशन फॉर थियेटर पुरस्कार की घोषणा की गई है। एरिका डिकर्सन चरम वामपंथी नाटककार मानी जाती हैं। शिकागो निवासी एरिका डिकर्सन-डेस्पेंज़ा नारीवादी कवि-नाटककार और शिक्षिका हैं। विनोद कुमार शुक्ल को मिले इस अंतरराष्ट्रीय सम्मान से समूचे भारत सहित छत्तीसगढ़ राज्य के साहित्यकार, संस्कृतिकर्मी, पत्रकार, बुद्धिजीवी, संवेदनशील पाठक अभिभूत हैं।

दुनिया के सर्वोच्च सम्मानों में से एक पेन अमेरिका व्लादिमीर नाबाकोव सम्मान पिछले वर्ष सुप्रसिद्ध अफ्रीकी लेखक न्गुगी वा थिओन्गो को दिया गया था। 2023 पेन अमेरिका व्लादिमीर नाबाकोव की तीन सदस्यीय जूरी में अमित चौधरी के साथ रोया हकाकियान और माज़ा मेंगिस्टे शामिल थे।

छत्तीसगढ़ के माटी पुत्र का परिचय

विनोद कुमार शुक्ल हिंदी के प्रसिद्ध कवि और उपन्यासकार हैं, 1 जनवरी 1937 को भारत के एक राज्य छत्तीसगढ़ के राजनंदगांव में जन्मे शुक्ल ने प्राध्यापन को रोज़गार के रूप में चुनकर पूरा ध्यान साहित्य सृजन में लगाया। उनकी पहली कविता संग्रह 1971 में ‘लगभग जय हिन्द’ नाम से प्रकाशित हुआ. 1979 में ‘नौकर की कमीज़’ नाम से उनका उपन्यास आया जिस पर फ़िल्मकार मणिकौल ने इसी से नाम से फिल्म भी बनाई .कई सम्मानों से सम्मानित विनोद कुमार शुक्ल को उपन्यास ‘दीवार में एक खिड़की ‘साहित्य अकादमी’ पुरस्कार प्राप्त हो चुका है। विनोद कुमार शुक्ला भिलाई इस्पात संयंत्र के जनसंपर्क विभाग में कार्यरत जनसंपर्क अधिकारी जवाहर बाजपाई के मामा जी है।


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